शोपियां एनकाउंटर: UN चीफ एंटोनियो गुटेरेश ने जम्मू कश्मीर के हालातों पर जताई चिंता
संयुक्त राष्ट्रसंघ (यूएन) के चीफ एंटोनियो गुटेरेश ने जम्मू कश्मीर के हालातों पर गहरी चिंता जाहिर की है। इसके साथ ही उन्होंने भारत और पाकिस्तान से अपील की है कि वे अपने नागरिकों की रक्षा करें। उनके प्रवक्ता की ओर से यह जानकारी दी गई।
न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्रसंघ (यूएन) के चीफ एंटोनियो गुटेरेश ने जम्मू कश्मीर के हालातों पर गहरी चिंता जाहिर की है। इसके साथ ही उन्होंने भारत और पाकिस्तान से अपील की है कि वे अपने नागरिकों की रक्षा करें। उनके प्रवक्ता की ओर से यह जानकारी दी गई। गुटेरेश की प्रतिक्रिया दक्षिण कश्मीर के शोपियां और अनंतनाग में रविवार को हुए एनकाउंटर के बाद आई है। इस एनकाउंटर में भारतीय सेना ने 13 आतंकियों को मार गिराया था और इसे सेना का अब तक का सबसे बड़ा एनकाउंटर माना जा रहा है।
नागरिकों की रक्षा करने की अपील
गुटेरेश के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक की ओर से कहा गया है, 'महासचिव निश्चित तैार पर जम्मू और कश्मीर के हालातों को लेकर काफी चिंतित हैं। उन्होंने दोनों सदस्य देशों को याद दिलाया है कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के तहत अपने नागरिकों की रक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है।' दुजारिक ने यह बात सोमवार को रोजाना होने वाली मीडिया कांफ्रेंस में कही है। दुजारिक ने बताया कि गुटेरेश ने दोनों देशों से कहा है कि वह विवाद का एक शांतिपूर्ध तरीके से हल निकाले। पिछले वर्ष गुटारेश ने बयान दिया था कि वह कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की कोशिशें कर रहे हैं। यूएन चीफ की ओर से खुद इस बात की जानकारी दी गई थी कि वह दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों से मीटिंग के जरिए इस मुद्दे के समाधान की कोशिशें कर रहे हैं। हालांकि जब गुटारेश से पूछा गया था कि क्या वह भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए मध्यस्थ बनेंगे तो इस पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था।
क्या हुआ था शोपियां में
रविवार को इंडियन आर्मी, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस की ओर से हाल के वर्षों के सबसे बड़े ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। सेना ने इस ऑपरेशन में 13 आतंकियों को मार गिराया। हालांकि इस ऑपरेशन में सेना को अपने तीन जवानों की शहादत का सामना भी करना पड़ा था। जम्मू कश्मीर पुलिस के चीफ एसपी वैद ने बताया कि सभी 11 आतंकी स्थानीय नागरिक थे। इंटेलीजेंस ब्यूरो के अधिकारियों की मानें तो जो आतंकी इस ऑपरेशन में मारे गए हैं वे घाटी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करके यहां एक और अशांति और हिंसा की योजना बना रहे थे। साथ ही आतंकियों ने घाटी में फिर से सिर उठाने शुरू कर दिए थे और ऐसे में इन आतंकियों का खात्मा काफी अहम हो गया था।
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