
जेलेंस्की G-7 शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे, रूस से मुकाबला करने के लिए और मदद मांगेंगे
कीव, 27 जून : यूक्रेन में रूस ने तबाही मचा रखी है। देश में पांच महीनों से जंग जारी है। राष्ट्रपति वोलोडीमिर जेलेंस्की ने अमेरिका, यूरोप समेत विश्व की शक्तिशाली देशों से मदद की गुहार लगाई है। अमेरिका ने जेलेंस्की को मदद करने के लिए और अधिक सैन्य सहायता भेजने की बात कही है ताकि वह रूस का डटकर मुकाबला कर सके। वहीं जंग के बीच जेलेंस्की जर्मनी में हो रहे जी-7 शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे। जानकारी के अनुसार वे यूक्रेन संकट को लेकर अपनी दुनिया के ताकतवर देशों के समक्ष मदद की गुहार लगाएंगे।

मदद मांगेंगे जेलेंस्की
खबर है कि, जी-7 शिखर सम्मेलन में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, फ्रांस और जापान जैसे ताकतवर और अमीर देशों से रूसी सेना का मुकाबला करने के लिए खतरनाक हथियारों की आपूर्ति करने का अनुरोध करेंगे। बता दें कि, यूक्रेन में पांच महीनों से जंग जारी है और रूस ने वहां के कई बड़े शहरों को तबाह और बर्बाद कर दिया है। हालांकि, यूक्रेन ने भी ताकतवर देशों से मिल रही सैन्य सहायता की मदद से जेलेंस्की की सेना रूस को कड़ी टक्कर दे रहा है। इससे रूस को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
रूस ने यूक्रेन में मचाई भार तबाही
रूसी सेना ने यूक्रेन के कीव और अन्य शहरों पर हवाई हमले किए हैं। जानकारी के मुताबिक रूसी हमले में एक आम नागरिक के मारे जाने की खबर है। पूर्वी यूक्रेन में, रूस ने सेवेरोडोनेटस्क पर पूर्ण नियंत्रण कर लिया है और अब पास के लिसिचांस्क शहर पर हमले कर लगभग उसे भी अपने कब्जे में ले लिया है। मॉस्को ने भी यही दावा किया है, लेकिन कहा कि क्षेत्र में उसने 80 विदेशी लड़ाकों समेत करीब 2000 यूक्रेनी सैनिकों को घेर लिया है।
यूक्रेन को और मदद करेगा अमेरिका
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने मौजूदा रूसी हमले के मद्देनजर यूक्रेन की हथियार जरूरतें पूरी करने के लिए 45 करोड़ डॉलर तक की निकासी को अधिकृत किया है। पेंटागन के कार्यवाहक प्रेस सचिव टॉड ब्रेसेले ने कहा, अमेरिका ने यूक्रेन को सुरक्षा सहायता में लगभग 6.8 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है।
यूक्रेन को मिला ईयू के उम्मीदवार का दर्जा
रूस-यूक्रेन युद्ध के पांचवां महीना चल रहा है, और यूक्रेन ने यूरोपीय संघ (ईयू) की सदस्यता हासिल करने का एक पड़ाव पार कर लिया है। ईयू ने यूक्रेन को उम्मीदवार का दर्ज दे दिया है, जिसके बाद वह यूरोपीय सदस्यता हासिल करने का प्रत्याशी बन गया है। यूरोपीय आयोग अध्यक्ष उर्सुला डेर लेयेन ने इसे ऐतिहासिक बताया जबकि यह रूस से तनाव बढ़ाएगा। यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने पुष्टि की कि ईयू नेताओं ने यूक्रेन को उम्मीदवार का दर्ज देने का फैसला किया है। यह ईयू सदस्यता हासिल करने का पहला कदम है। 24 फरवरी को रूस से छिड़ी जंग के बाद ही यूक्रेन ने ईयू सदस्यता के लिए आवेदन किया था।
अभी लंबा सफर तय करना है यूक्रेन को
यूक्रेन को सदस्य बनने के लिए अभी लंबा सफर तय करना है लेकिन उम्मीदवार का दर्जा मिलने से पहले से ही चल रही जंग और खतरनाक हो सकती है। दरअसल, रूस नहीं चाहता कि यूक्रेन ईयू सदस्य बने। यूक्रेन के इस कदम को रूस अपनी आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा मानता है। ईयू सदस्यता से यूक्रेन को यूरोप का खुला बाजार व सैन्य सहयोग मिल जाएगा।
कई पड़ाव पार करने होंगे
यूक्रेन को ईयू के उम्मीदवार का दर्जा मिलने के बाद सदस्यता हासिल करने के लिए अभी दो और पड़ाव पार करने होंगे। पहले पड़ाव में उसे नेगोसिएशन फेस से गुजरना होगा। इसमें यूक्रेन को ईयू की सारी शर्तें मानते हुए नियम-कायदों के पालन का वादा करना होगा। दूसरे पड़ाव में यह मामला यूरोपीय परिषद के पास जाएगा जहां सभी 27 देशों की मंजूरी जरूरी होगी। यदि एक भी सदस्य उसके खिलाफ गया तो यूक्रेन को ईयू सदस्यता नहीं मिल सकेगी।
पुतिन का उड़ाया मजाक
बता दें कि, G-7 देशों के समिट में रूस के प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन का मजाक (G7 Leader Mock Putin) उड़ाया गया। यहां उनकी बिना उस तस्वीर को लेकर मजाक उड़ाया गया, जिसमें वह बिना शर्ट के थे और घोड़े की सवारी कर रहे थे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मजाक की शुरुआत की। हालांकि इस दौरान जो बाइडन ने पुतिन का मजाक नहीं उड़ाया।