Ukraine Plane crash: जानिए अब तक कितने प्लेन बने मिसाइल का निशाना, गई कितने मासूमों की जान
तेहरान। ईरान ने मान लिया है कि उसने 'अनजाने' में यूक्रेन के पैसेंजर जेट को निशाना मंगलवार को निशाना बना दिया था। ईरान की मिलिट्री की तरफ से यह बयान जारी किया गया है। बयान में 'मानवीय गलती' को क्रैश के लिए जिम्मेदार बताया गया था। ईरान ने कहा है कि जो कोई भी इसके पीछे जिम्मेदार होगा, उसे जरूर सजा दी जाएगी। इस तरह की घटना साल 2014 में भी हुई थी। उस समय मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर से नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम के लिए रवाना हुआ एक प्लेन यूक्रेन के ऊपर मिसाइल का निशाना बन गया था। आइए आपको बताते हैं कि अब तक ऐसे कितने हैं प्लेन हैं जो मिसाइल की वजह से क्रैश हो गए और जिसमें कई मासूमों की जान चली गई।
यूक्रेन 17 जुलाई 2014
मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर से नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम के लिए रवाना हुई एमएच-17 फ्लाइट पूर्वी यूक्रेन में विरोधियों के हमले का निशाना बन गई थी। बोइंग 777 में 298 लोग सवार थे जिसमें से 193 डच नागरिक थे। इन सभी लोगों की मौत इस हादसे में हो गई थी। कीव में अथॉरिटीज और रूस के समर्थक वाले विद्रोहियों ने आरोप लगाया गया दोनों ने एक-दूसरे को निशाना बनाने के मकसद से जो मिसाइल दागी थी, उसने फ्लाइट को निशाना बना लिया था। साल 2019 में डच अभियोजकों ने हमले के लिए चार संदिग्धों का नाम सार्वजनिक किया था। इसमें से तीन सदस्य रूस की सेनाओं जुड़े थे।
सोमालिया 23 मार्च 2007
सोमालिया की राजधानी मोगादिशू से आईएल-76 जो कि एक कार्गो एयरक्राफ्ट है वह 11 लोगों को लेकर रवाना हुआ था। बेलारूस एयरलाइन का यह एयरक्राफ्ट एक रॉकेट हमले की चपेट में आ गया था। टेकऑफ करने के कुछ ही मिनटों बाद रॉकेट हमले का शिकार होने के कुछ ही मिनटों बाद एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया था। इस एयरक्राफ्ट पर जो 11 लोग सवार थे वे सभी बेलारूस के इंजीनियर और टेक्नीशियंस थे जो दो हफ्ते पहले मिसाइल का निशाना बने एक और प्लेन की मरम्मत के लिए सोमालिया पहुंचे थे।
ब्लैक सी 4 अक्टूबर 2001
इजरायल के तेल अवीव से सर्बिया के नोवोसिबिरसेक जा रहा सर्बिया एयरलाइंस का रूसी टुपोलेव-154 भी इसी तरह के हादसे का शिकार हो गया था। इस प्लेन में 78 लोग सवार थे और ज्यादातर यात्री इजरायल के नागरिक थे। जिस समय यह प्लेन ब्लैक सी के ऊपर से गुजर रहा था उसी समय यूक्रेन की एक मिसाइल इस पर लग गई और इसमें ब्लास्ट हो गया। इस हादसे में सभी लोगों की मौत हो गई थी।
ईरान 3 जुलाई 1988
तीन जुलाई 1988 को ईरान एयर की एयरबस-300 जो बंदर अब्बास से दुबई के लिए रवाना हुई थी, उसे स्ट्रेट ऑफ होरमुज में पेट्रोलिंग कर रहे अमेरिकी नेवी के जहाज यूएसएस विनसेनेज से दागी गईं दो मिसाइलों ने तबाह कर दिया था। यह क्रैश फारस की खाड़ी में हुआ था और फ्लाइट टेक ऑफ करने के कुछ मिनटों बाद वह क्रैश हो गई थी। अमेरिकी नेवी ने इसे एक फाइटर जेट समझकर इस पर हमला कर दिया था। इस घटना में 290 लोगों की मौत हो गई थी। जो 290 लोग मारे गए थे उसमें 66 बच्चे थे। घटना के बाद न तो अमेरिका ने इसकी कोई जिम्मेदारी ली और न ही इस हादसे के लिए कभी ईरान से माफी मांगी।
सखाइलिन रूस 1 सितंबर 1983
एक सितंबर 1983 को साउथ कोरिया का बोइंग 747 जो कि कोरियन एयर का एयरक्राफ्ट था, इसी तरह के हादसे का शिकार बन गया था। इस पैसेंजर जेट को सोवियत फाइटर जेट्स ने सखाइलिन द्वीप पर निशाना बना लिया था। इस हादसे में 269 यात्री और क्रू मेंबर्स मारे गए थे। पांच दिनों बाद सोवियत संघ के अधिकारियों ने इस बात को माना था कि उन्होंने एक पैसेंजर जेट को मार गिराया है।
सिनाई का रेगिस्तान 21 फरवरी 1973
लीबिया अरब एयरलाइन का एयरक्राफ्ट 727 उस समय इजरायली फाइटर जेट्स के हमले में क्रैश हो गया जब वह राजधानी त्रिपोली से काइरो के लिए रवाना हुआ था। सिनाई रेगिस्तान के ऊपर यह जेट हमले की चपेट में आकर क्रैश हो गया था। इसमें 112 लोगों की मौत हो गई थी। सिनाई रेगिस्तान पर उस समय इजरायल का कब्जा था और इजरायली एयरफोर्स उस समय एक्टिव हो गई थी जब उनके मिलिट्री बेस के ऊपर से एक पैसेजेंर जेट गुजरा। इजरायली अथॉरिटीज ने तब कहा था कि प्लेन को लैंड करने के लिए कहा गया था और उसने ऐसा करने से मना कर दिया था। इसकी वजह से फाइटर्स को फायरिंग करनी पड़ गई थी।