फिर मुसीबत में अनिल अंबानी, UK कोर्ट ने चीनी बैंकों को 5,400 करोड़ रुपए चुकाने के लिए कहा
लंदन। किसी जमाने में अरबपति रहे अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शुक्रवार को लंदन की एक कोर्ट के जज ने उन्हें आदेश दिया है कि वह डिफाल्टेड लोन पर चल रहे विवाद के चलते चीन की बैंको को 700 मिलियन डॉलर अदा करें। भारतीय रुपयों में यह रकम करीब 5,400 करोड़ बैठती है। धीरूभाई अंबानी के बेटे और मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी को इसके लिए 21 दिन का समय दिया गया है।
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कोर्ट बोला-आपने दी थी पर्सनल गारंटी
लंदन में इंग्लैंड और वेल्स के हाईकोर्ट के जज निजेल टीयरे ने अपने आदेश में कहा कि अंबानी ने साल 2012 में बैंकों को पर्सनल गारंटी दी थी। अनिल अंबानी ने यह कर्ज अपनी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड के लिए लिया था। बिजनेस टायकून अनिल अंबानी ने कोर्ट को बताया है कि उनकी नेट वर्थ इस समय जीरो है। हालांकि अंबानी इस बात से हमेशा इनकार करते आए हैं कि उन्होंने बैंकों को पर्सनल गारंटी दी थी।
'गारंटी देने के लिए बाध्य हैं आप'
जज टियरे ने कहा कि अनिल अंबानी जिस व्यक्तिगत गारंटी को विवादित मानते हैं वह उन पर बाध्यकारी है। जज टियरे ने ऑर्डर में कहा है कि बचाव पक्ष (अंबानी) पर गारंटी जरूरी है। ऐसे में अंबानी को बैंकों को गारंटी के रूप में 71,69,17,681.51 डॉलर चुकाने होंगे। अंबानी के प्रवक्ता की तरफ से कहा गया है कि कोर्ट के फैसले के बाद भी रिलायंस ग्रुप के ऑपरेशंस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। रिलायंस कम्युनिकेशंस ने पिछले वर्ष दिवालिया होने का ऐलान किया था।
क्या है पूरा मामला
यह मामला चीन के तीन बैंकों- इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना (आईसीबीसी) की मुंबई शाखा, चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ चाइना से जुड़ा है। इन बैंकों की तरफ से लंदन की कोर्ट में दावा किया गया था कि अनिल अंबानी की निजी गारंटी की शर्त पर रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को 2012 में 92.52 करोड़ डॉलर (करीब 65 हजार करोड़ रुपए) का कर्ज दिया था। उस समय तब अनिल अंबानी ने इस लोन की पर्सनल गारंटी लेने की बात कही थी लेकिन फरवरी 2017 के बाद कंपनी लोन चुकाने में डिफॉल्ट हो गई।
क्या अब भाई मुकेश करेंगे मदद
60 साल के अनिल, एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के भाई हैं। मुकेश पहले भी अपने भाई की मदद कर चुके हैं जब उन्होंने एक भारतीय केस में आखिर क्षणों सैंकड़ों करोड़ों रुपए की रकम अदा की थी। इस बीत अनिल अंबानी इस वर्ष फरवरी में कोर्ट को बताया था कि साल 2012 में उनका निवेश सात अरब डॉलर से अधिक का था। आज यह 8.9 करोड़ डॉलर रह गया है। अगर उनकी देनदारियों को जोड़ा जाए, तो यह शून्य पर आ जाएगा।