विदेशी छात्रों के हक में ब्रिटेन का बड़ा फैसला, पढ़ाई पूरी करने के दो साल बाद तक जारी रहेगा वीजा
लंदन। यूके की सरकार ने एक ऐसी नीति को वापस शुरू किया है जिसके बाद भारत समेत तमाम दूसरे देशों के छात्रों को बड़ा फायदा होगा। यूके की सरकार ने किसी भी ब्रिटिश यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद विदेशी छात्रों को मिलने वाले वर्क वीजा को दो वर्ष तक और बढ़ाने का ऐलान किया है। पूर्व पीएम थेरेसा मे न इसे नीति को बहुत ज्यादा उदारवादी बताते हुए इसे कैंसिल कर दिया था। इस नीति को साल 2012 में खत्म कर दिया गया था।
यूनिवर्सिटीज फैसले के विरोध में
इस वीजा को टी4 कहते हैं। ब्रिटेन में अभी तक जो नियम था, उसके तहत ग्रेजुएशन पूरा करने के चार माह तक ही कोई विदेशी छात्र ब्रिटेन में रुक सकता था। इस नियम से अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर खासा असर पड़ता था। इस पॉलिसी के वापस आने के बाद से उन छात्रों को काफी फायदा होगा जिनके पास पढ़ाई पूरी करने के बाद ब्रिटेन में सफल करियर बनाने की क्षमता होती है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब यूके यूनिवर्सिटीज लगातार इस बात पर बहस कर रही थीं कि दूसरे देश के छात्रों की वजह से उनके देश में प्रतिभा नष्ट होती जा रही है। वर्क वीजा को पूर्व पीएम डेविड कैमरुन के कार्यकाल में खत्म किया गया था। सरकार के फैसले की वजह से कई अंतरराष्ट्रीय छात्रों और उनके एडमिशन पर असर पड़ा था। सरकार के इस फैसले के बाद भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त सर डॉमिनिक एसक्विथ के मुताबिक यह भारतीय छात्रों के लिए बहुत अच्छी खबर है और अब वे अपना डिग्री कोर्स करने के बाद यूके में और ज्यादा समय बिता पाएंगे। इसकी वजह से उन्हें ज्यादा अनुभव हासिल होगा और उनके कौशल में भी इजाफा होगा।
हजारों भारतीय छात्रों को फायदा
नए प्रस्ताव के तहत सरकार की ओर से सभी प्रतिबंधों को पूरी तरह से हटा लिया गया है। ब्रिटिश हाई कमिश्नर की ओर से कहा गया है कि छात्रों के लिए नया रास्ता खुल सकेगा जिनमें भारत के छात्रों भी शामिल होंगे। ये ऐसे छात्र होंगे जिन्होंने अंडरग्रेजुएट स्तर पर किसी भी विषय में कोर्स पूरा किया होगा या फिर इनके पास यूके हायर एजुकेशन प्रोवाइडर की ओर से मंजूरी मिले कोर्स की डिग्री हो। यूके में इस समय करीब 19,750 भारतीय छात्र हैं और ये छात्र यूके की अलग-अलग यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं। इन छात्रों में11,255 छात्र ऐसे हैं जो मास्टर्स की पढ़ाई कर रहे हैं। हायर एजुकेशन स्टैस्टिक्स एजेंसी (एचईएसए) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 19,750 छात्रों में से 11,255 छात्र पोस्टग्रेजुएशन कोर्स और 1,555 छात्र पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च कोर्सेज और 6,945 छात्र अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज में हैं।