ब्रिटेन ने Pfizer-BioNTech की कोरोना वैक्सीन को दी मंजूरी, अगले सप्ताह से आम लोगों के लिए होगी उपलब्ध
नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के बीच कोविड-19 वैक्सीन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। ब्रिटेन सरकार ने Pfizer-BioNTech की COVID-19 वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। अगले सप्ताह से इसे देश भर में उपलब्ध कराया जाएगा। बता दें कि इस कोरोना वैक्सीन को जर्मन कंपनी बायोनटेक और अमेरिकी कंपनी फाइजर ने विकसित किया है। कोरोना वायरस संकट के बीच ब्रिटेन ने वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी देकर मरीजों को बड़ी राहत दी है। कंपनी के मुताबिक उसकी वैक्सीन 90 फीसदी से ज्यादा असरदार साबित हुई है। तीसरे चरण के ट्रायल के बाद कंपनी ने ये दावा किया है।
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आम जनता को दिया जाएगा टीका
बता दें कि Pfizer कोरोना वायरस वैक्सीन को अगले सप्ताह से आम जनता को देने के लिए उपयोग में लाया जाएगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए ब्रिटेन सरकार ने कहा कि आज (2 दिसंबर) सरकार ने आज स्वतंत्र मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है। फाइजर-बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है। अगले सप्ताह से यह पूरे देश में उपलब्ध होगी। कुछ मीडिया रिपोर्ट का कहाना है कि वैक्सीन को मंजूरी देने वाल ब्रिटेन दुनिया का पहला देश है।
इस कंपनी ने विकसित किया टीका
वैक्सीन बनाने वाली दोनों कंपनियों जर्मन कंपनी बायोनटेक और अमेरिकी कंपनी फाइजर का कहना है कि उन्हें अब तक कोई गंभीर सुरक्षा मुद्दा दिखाई नहीं दिया जिसके बाद टीके के आम लोगों में उपयोग के लिए प्राधिकरण से इजाजत मांगी गई थी। मंगलवार को कंपनी की ओर से बताया गया कि ईयू रेगुलेटरी (नियामक) में उन्होंने वैक्सीन को मंजूरी के लिए अप्लाई कर दिया है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के खिलाफ भारत समेत दुनियाभर में वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार हो रहा है।
भारत में सबको नहीं मिलेगी वैक्सीन
हालांकि यह भी सच है कि भारत में फिलहाल हर किसी को कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं दी जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा था कि वैक्सीन सबके लिए नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में टीकाकरण की बात सरकार ने कभी नहीं कही। हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि जो विज्ञान से संबंधित विषय हैं, अच्छा होगा उस पर चर्चा करने से पहले तथ्यात्मक जानकारी जुटा ली जाए। सरकार ने पूरे देश में टीकाकरण की बात कभी नहीं कही।
सीरम इंस्टीट्यूट में कोरोना वैक्सीन ट्रायल पर रोक से इनकार
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि सीरम इंस्टीट्यूट में चल रहे कोरोना वैक्सीन कोविडशील्ड के ट्रायल को रोके जाने की कोई वजह नहीं है। ऐसे में ट्रायल चलता रहेगा। केंद्र ने ये फैसला 40 साल के उस वॉलिंटियर के दावों पर रिव्यू करते हुए लिया है, जिसने कहा है कि टीका असुरक्षित है और टीका लेने के बाद उसे सेहत संबंधी समस्याएं पैदा हो गईं हैं। 40 साल के इस शख्स ने सीरम इंस्टीट्यूट और अन्य से क्षतिपूर्ति के लिए पांच करोड़ रुपए मांगने के साथ परीक्षण को रोक देने की मांग की। जिसके बाद मंगलवार को केंद्र ने इस शख्स के दावों को खारिज कर दिया।
Data show that this vaccine was 95% effective. The safety of the vaccine is similar to other vaccines. Most of the side effects are very mild and usually last for a day or so: Prof Sir Munir Pirmohamed, Chair of UK's Commission on Human Medicine Expert Working Group pic.twitter.com/BjcX1qTXrL
— ANI (@ANI) December 2, 2020
टीका 95% प्रभावी था: प्रोफेसर मुनीर पीरोहम्मद
यूके के कमीशन ऑन ह्यूमन मेडिसिन एक्सपर्ट वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन प्रोफेसर मुनीर पीरोहम्मद ने वैक्सीन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि डेटा बताते हैं कि यह टीका 95% प्रभावी था। वैक्सीन की सुरक्षा अन्य टीकों के समान है। अधिकांश साइड इफेक्ट्स बहुत हल्के होते हैं और आमतौर पर एक या एक दिन तक रहते हैं। वहीं यूके के दवा नियामक MHRA की प्रमुख डॉ जून राइन ने कहा कि फाइजर-बायोटेक COVID-19 वैक्सीन क्योंकि इसके ट्रायल में सभी सख्त परीक्षणों को किया गया है और जरूरी नियमों का पालन किया गया है।
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