दाढ़ी बढ़ाने और ज्यादा बच्चे करने के आरोप में चीन उइगर मुसलमानों को भेज रहा है कैंप्स में
बीजिंग। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जम्मू कश्मीर समेत भारत के हिस्से में बसे मुसलमानों को लेकर अक्सर बयान देते रहते हैं, मगर वह अपने दोस्त चीन को लेकर हमेशा खामोश हो जाते हैं। चीन के शिनजियांग प्रांत में बसे उइगर मुसलमानों से जुड़ी एक और जानकारी सामने आ रही है। ब्रिटिश अखबार द इंडिपेंडेंट की ओर से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने दाढ़ी बढ़ाने और ज्यादा बच्चे होने के नाम पर उइगर मुसलमानों को हिरासत में लिया हुआ है। अखबार ने यह दावा कुछ डॉक्यूमेंट्स के आधार पर किया है।
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3000 उइगर मुसलमानों की जासूसी
अखबार ने बताया है कि चीनी अथॉरिटीज लगातार 3,000 उइगर मुसलमानों की जासूसी करा रही हैं। अथॉरिटीज की तरफ से उइगर आबादी की हर गतिविधि और उनके बर्ताव पर नजर रखी जा रही है। अथॉरिटीज की तरफ से लोगों को बस इस बात पर कैंप्स में भेजा जा रहा है क्योंकि उन्होंने दाढ़ी बढ़ा ली है या फिर उनके बच्चे काफी ज्यादा है। अखबार ने जिन डॉक्यूमेंट्स का हवाला दिया है उसमें एक केस भी बताया है। बताया गया है कि एक उइगर मुसलमान को सिर्फ इसलिए 'री-एजुकेशन' कैंप में भेज दिया गया क्योंकि उसकी दाढ़ी बढ़ गई थी। इस व्यक्ति के 15 रिश्तेदारों पर भी नजर रखी जा रही है।
बढ़ी दाढ़ी का मतलब चरमपंथी
अधिकारियों के मुताबिक इस व्यक्ति के चेहरे पर आए बाल और उसकी पत्नी के हिजाब के प्रयोग से साफ होता है कि वह धार्मिक और चरमपंथी विचारों से प्रभावित था। इस दंपति के किशोर उम्र के बेटे को भी चीन के शिनजियांग स्थित कैंप में हिरासत में लेकर रखा गया है। इस व्यक्ति के रिश्तेदारों पर करीब से नजर रखी गई थी। इसके बाद अधिकारियों को प्रस्ताव दिया गया था कि अब इस व्यक्ति को इसके समुदाय में वापस भेजा जा सकता है और फिर उसकी जासूसी का आगे बढ़ाया जा सकता है।
137 पेजों में चीन की हकीकत
137 पेज के डॉक्यूमेंट्स को जर्मनी के न्यूज चैनल डीडब्लू और बीबीसी को सौंपा गया है। इसमें 311 लोगों के नाम हैं जिन्हें साल 2017 और 2018 में काराकाक्स काउंटी के री-एजुकेशन कैंप में भेजा गया था। लोगों को हिरासत में लेने की जो वजहें बताई गई हैं उसमें दाढ़ी बढ़ाना, उपवास रखना, पासपोर्ट के लिए अप्लाई करना और बहुत ज्यादा बच्चे करना जैसी वजहें शामिल हैं। इन डॉक्यूमेंट्स में शिनजियांग क्षेत्र से आने वाले 3000 से ज्यादा व्यक्तियों की व्यक्तिगत जानकारियां शामिल हैं।
साल 2014 से हिरासत में मुसलमान
1800 फैमिली मेंबर्स, पड़ोसियों और उनके दोस्तों के पूरे नाम और उनकी पहचान संख्या को भी इसमें शामिल गया है। ये 1800 लोग उन 311 लोगों से संबधित हैं जिन्हें काराकाक्स कैंप में भेजा गया है। बताया जा रहा है कि इस लिस्ट में बच्चों के नाम भी हैं। चीन में 20 लाख से ज्यादा उइगर मुसलमानों और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों को साल 2014 से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के नाम पर अलग-अलग कैंप्स में हिरासत के तहत रखा गया है।