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अमेरिका ने दी रूस को धमकी- मिसाइलों को तबाह करने से भी नहीं हटेंगे पीछे

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न्यूयॉर्क। अमेरिका ने रूस को धमकी देते हुए कि वे क्रूज मिसाइलों को बनाना बंद कर दें, नहीं तो लॉन्च होने से पहले ही उन्हें नष्ट कर दिया जाएगा। नाटो में अमेरिकी राजदूत ने मंगलवार को रूस की क्रूज मिसाइलों पर आपत्ति व्यक्त की है। अमेरिका का मानना ​​है कि रूस शीत युद्ध संधि के उल्लंघन में एक ग्राउंड लॉन्च सिस्टम को विकसित कर रहा है। अमेरिका के मुताबिक, रूस यूरोप पर परमाणु हमले के बारे में विचार कर रहा है। हालांकि, रूस ने अपनी तरफ से किसी भी तरह की संधि का उल्लंघन से इनकार किया है।

बिना नोटिस दिए अमेरिका करेगा अटैक

बिना नोटिस दिए अमेरिका करेगा अटैक

नाटो में अमेरिकी राजदूत काय हुचीसन ने कहा कि हम डिप्लोमेटिक ढंग से हर समस्या का समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन रूस अपने मीडियम-रेंज सिस्टम को जारी रखता है, तो हम मिलिट्री अटैक करने पर विचार करने में हिचकेंगे नहीं। हुचीसन ने कहा कि हम इस वक्त रूस की उन मिसाइल की क्षमताओं के बारे में विचार कर रहे हैं कि किसी देश पर अटैक कर सकते हैं या नहीं। हुचीसन ने सख्त अंदाज में कहा कि संधि का उल्लंघन करने पर अमेरिका बिना नोटिस दिए ही रूस की इन मिसाइलों पर अटैक करेगा।

रूस ने किया 1987 संधि का उल्लंघन?

रूस ने किया 1987 संधि का उल्लंघन?

हालांकि, बाद में अमेरिकी राजदूत ने एक ट्वीट कर स्पष्ट किया कि वह रूस के खिलाफ एक पूर्ववत हमले के बारे में बात नहीं कर रही थी। उसने कहा, 'मै यह कहना चाहती हूं कि 'रूस को आईएनएफ संधि अनुपालन में लौटने की जरूरत है या हमें अमेरिका और नाटो के हितों की रक्षा के लिए अपनी क्षमताओं से मेल खाना पड़ेगा। रूस के साथ वर्तमान स्थिति झुकाव अस्थिर है।' बता दें कि शीत युद्ध के समाप्ती के दौर में 1987 में नाटो और यूएसएसआर (अब रूस) आईएनएफ (Intermediate-Range Nuclear Forces Treaty) को प्रतिबंध करने के लिए संधि पर हस्ताक्षर किया गया था। यह मीडियम-रेंज मिसाइल यूरोप और अलास्का पर अटैक करने में सक्षम होती है।

रूस को अमेरिकी आरोप से ऐतराज

रूस को अमेरिकी आरोप से ऐतराज

रूस के विदेश मंत्रालय ने नाटो में अमेरिकी राजदूत की इस बयान पर ऐतराज जताते हुए इसे खतरनाक बताया है। रूस के विदेश मंत्री मारिया जाखारोवा ने कहा, 'ऐसा लगता है कि कुछ लोगों को बयान देते वक्त अपनी जिम्मेदारियों और इस प्रकार की आक्रमक रणनीति के खतरे का लेकर भी ऐहसास नहीं होता है।' रूस पिछले कुछ वक्त से अमेरिका से बात करने के लिए तैयार दिखा है, लेकिन 2014 में क्रिमिया पर रूस के कब्जे के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव देखने को मिला है।

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English summary
U.S. would destroy banned Russian warheads if necessary: NATO envoy
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