Iran-US Tension: इराक में एक बार फिर हमला, दूतावास के पास दागे गए 2 रॉकेट
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बगदाद। अमेरिका और ईरान में तनाव के बीच एक बार फिर इराक के बगदाद में हमला हुआ है। यहां ग्रीन जोन में दो रॉकेट दागे गए हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, न्यूज एजेंसी एएफपी ने रक्षा सूत्रों के हवाले से खबर दी है। खबर के मुताबिक दो कत्युशा रॉकेट ग्रीन जोन में दागे गए हैं। बता दें बगदाद का ग्रीन जोन वह इलाका है, जहां सरकारी एजेसियां और सभी देशों के दूतावास हैं।
80 लोगों की मौत
इससे पहले ईरान ने इराक में स्थित अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों पर हमला किया था। ईरानी मीडिया ने दावा किया था कि इस हमले में 20 अमेरिकी सैनिकों सहित 80 लोगों की मौत हो गई है।
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ग्रीन जोन में दो रॉकेट दागे गए
इराकी सेना ने कहा है कि ग्रीन जोन में दो रॉकेट दागे गए हैं। इस हमले में किसी के हताहत होने की फिलहाल कोई सूचना नहीं है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक ये रॉकेट अमेरिकी दूतावास के पास दागे गए। हालांकि हमला किसने किया है ये बात स्पष्ट नहीं हो पाई है। ईरान और अमेरिका में चल रहे तनाव का असर इराक में सबसे ज्यादा देखा जा रहा है।
घटना ईरानी हमले के 24 घंटे बाद हुई
ये रॉकेट दागे जाने की घटना ईरानी हमले के 24 घंटे बाद हुई है। इससे पहले अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों को यहां निशाना बनाया गया था। यहां दर्जनों मिसाइलें दागी गईं। अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ये हमला ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद हुए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इस हमले में उसके सैनिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
'शहीद सुलेमानी' ऑपरेशन
रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के रिवॉल्युशनरी गार्ड्स ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमले को 'शहीद सुलेमानी' ऑपरेशन का नाम दिया और ताबड़तोड़ कई मिसाइलें दागीं। इस घटना के बाद ईरान के परमाणु संयंत्र पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है क्योंकि उस पर अमेरिकी हमले की आशंका है। पेंटागन ने हमलों की जानकारी देते हुए बताया कि इराक के इरबिल और अल-असद शहर में दो ठिकानों पर हमले हुए हैं जहां उनके सैनिक रह रहे थे।
ट्रंप ने क्या कहा?
अमेरिकी सेना के ठिकानों पर हुए ईरान के हमले को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान आया। उन्होंने कहा कि सब ठीक है। ईरान ने इराक में दो सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागी हैं। होने वाले नुकसान का आकलन किया जा रहा है। लेकिन अब तक सब ठीक है। ट्रंप ने कहा कि हमारे पास दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना है।
रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने क्या कहा?
वहीं ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने कहा है कि ये हमला जनरल सुलेमानी की मौत का जवाब देने के लिए किया गया है। इन्होंने कहा कि ये चेतावनी अमेरिका के सभी साथियों के लिए है, जो उसकी आतंकवादी सेना को अपनी जमीन का इस्तेमाल करने देते हैं। अब ईरान के खिलाफ अगर कहीं भी कार्रवाई होती है तो उसे निशाना बनाया जाएगा।