ट्विटर ने पाकिस्तान का एक नियम तोड़ने पर कनाडा के जर्नलिस्ट को भेजा नोटिस
वॉशिंगटन। ट्विटर ने कनाडा के एक कॉलमनिस्ट को नोटिस भेजा है। कनैडियन कॉलमनिस्ट एंथोनी फुरे को इस वजह से नोटिस भेजा गया है क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान के नियम को तोड़ा है। हालांकि पहली बार में फुरे ने इस नोटिस को बेकार समझ कर स्पैम के फोल्डर में डाल दिया था। लेकिन फिर जब उन्होंने गूगल पर काफी सर्च किया तो उन्हें समझ आया कि आखिर उन्होंने क्या किया था और कैसे पाकिस्तान के पीनल कोड का उल्लंघन कर दिया था।
दो और जर्नलिस्ट आए लपेटे में
फुरे टोरंटो सन के लिए लिखते हैं और उन पर पैंगबर मोहम्मद के अपमान का आरोप लगा है। इस अपमान की सजा पाकिस्तान में मौत है। ट्विटर की ओर से इस बात की पुष्टि की गई है। हालांकि फुरे ने यह अपराध कई वर्ष पहले किया था। फुरे के अलावा और दो औरआलोचकों अक्सर इस्लाम में मौजूद चरमपंथ की आलोचना करते आए हैं। अब ट्विटर की ओर से आए इस नोटिस के बाद दोनों सदमे में है। पिछले हफ्ते ट्विटर ने इन्हें नोटिस भेजा है और इन्हें कहा गया है कि इन्होंने पाकिस्तान के नियमों को तोड़ा है। हालांकि इनमें से किसी का भी पाकिस्तान के साथ कोई संबंध नहीं है। फुरे का कहना है कि यह नोटिस उनकी आवाज को दबाने का एक तरीका है। ट्विटर ने इस बात को मानने से साफ इनकार कर दिया है। ट्विटर का कहना है कि उसके पास अधिकृत संस्था की ओर से अनुरोध किया गया था जोकि काफी हद तक सही भी था।
फुरे ने ट्विटर की कि आलोचना
ट्विटर का कहना है कि उसे पाकिस्तान को समझने में मदद मिली है और यूजर्स के हितों का बचाव करने के लिए कदम उठाए जा सकेंगे। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्टिवर की मानें तो यह प्रक्रिया सिर्फ किसी एक देश के विषय में नहीं है। फुरे तीसरे ऐसे आलोचक हैं जिन्हें पाकिस्तान से जुड़ा कोई संदेश मिला है। फुरे से पहले सऊदी-कनैडियन एक्टिविस्ट इंसाफ हैदर और इमाम मोहम्मद ताविहिदी, जो ऑस्ट्रेलिया के मौलवी हैं और ईरान के रहने वाले हैं, उन्हें भी इस तरह का नोटिस मिला था। फुरे की तरह ही यह दोनों भी धार्मिक चरमपंथ के आलोचक हैं और दोनों पर इस्लाम में मौजूद प्रगतिशील विचारों को शांत कराने का आरोप लगा है। फुरे ने शनिवार को अपने अखबार में एक कॉलम लिखा था। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएफपी से बातचीत में कहा है, 'मैं इस बात जानकर काफी हैरान हैं कि ट्विटर किसी देश को इस तरह की शिकायत करने की मंजूरी दे सकती है। इससे तो साफ है कि ट्विटर पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून को सही करार देता है।'