अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद भी आखिर क्यों टर्की बरसा रहा है सीरिया पर बम
इस्तानबुल। टर्की की सेना उत्तर-पूर्वी सीरिया में दाखिल हो गई है और इससे पहले टर्की की तरफ से साीरिया पर एयर स्ट्राइक की गई थी। सेना का मकसद कुर्दिश बलों को मात देना है जिन्हें अमेरिका का समर्थन हासिल है और जिन्होंने सीरिया के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों अपनी सेना को यहां से हटने के आदेश दिए थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि टर्की को इस जगह पर ऑपरेशन चलाने की मंजूरी के लिए अमेरिकी जवान यहां से हट रहे हैं। अमेरिका, टर्की के रास्ते में नहीं आएगा। हालांकि एयर स्ट्राइक के बाद ट्रंप ने टर्की को बर्बाद कर देने की धमकी भी दी है।
ऑपरेशन पीस स्प्रिंग
टर्की ने ट्रंप के इस ऐलान के बाद ही हमले की तरफ इशारा कर दिया था। टर्की के रष्ट्रपति रेसेप तैयेप एर्डोगान ने धमकी देते हुए कहा था कि वह किसी भी पल आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन लॉन्च करने की धमकी दे सकते हैं। टर्की की ओर से जो ऑपरेशन लॉन्च हुआ है उसे 'ऑपरेशन पीस स्प्रिंग' नाम दिया गया है। एर्डोगान ने इस ऑपरेशन का ऐलान किया और कहा, 'हमारी टर्किश सेना ने सीरियन नेशनल आर्मी के साथ मिलकर पीकेके और आईएसआईएल आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन लॉन्च कर दिया है।' हमारा मकसद दक्षिणी बॉर्डर से आतंकियों को खत्म करके, टेरर कॉरिडोर को नष्ट करके इस क्षेत्र में शांति और सुरक्षा कायम करना है।'
कुर्दों को आतंकी मानता है टर्की
जिस पीकेके या वाईपीजी की बात एर्डोगान ने की है वह दरअसल एक ऐसा संगठन है जिसमें कुर्द के अलावा अरब और विदेशी जवान शामिल हैं। यह संगठन है जो सीरिया मिलिट्री काउंसिल के करीब है। इसकी स्थापना साल 2004 में हुई थी और यह कुर्दिश लेफ्टिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी की एक शाखा है। टर्की की ओर से आई इस सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एसडीएफ) का कहना है कि टर्की का हमला, आईएसआईएस को हराने के लिए चलाए गए सफल ऑपरेशन को कई साल पीछे धकेल देगा। सिर्फ इतना ही नहीं आईएसआईएस के जो आतंकी छिपे हुए हैं, वे भी सामने आए जाएंगे। एसडीएफ ने हजारों आईएसआईएस लड़ाकों को कैद में रखा हुआ है। इनके परिवार भी कैद में हैं और पूरे उत्तरी सीरिया में अनौपचारिक इंतजाम किए गए हैं।
अमेरिका का अहम साथी एसडीएफ
एसडीएफ, आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का अहम साथी रहा है और वाईपीजी इसकी अगुवाई करता है। टर्की इसे एक ऐसा आतंकी संगठन मानता है जिसने यहां कुर्दिश आतंकियों की मौजूदगी सुनिश्चित की है। अमेरिका ने टर्की की सीमा से अपने सैनिकों को हटाने का फैसला किया राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि अंकारा में मौजूदा स्थिति से उसे खुद ही निपटना होगा। एसडीएफ ने अमेरिका और उसके साथियों से अपील की है कि वे 'नो फ्लाई जोन' घोषित करें और उन्हें टर्की के हमलों से बचाएं। टर्की, एसडीएफ के अलावा वाईपीजी को भी आतंकी संगठन मानता है।