तुर्की के राष्ट्रपति की देश से अपील- फ्रांस के सामान का करें बहिष्कार
अंकारा। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोआन ने सोमवार को अपने देश को लोगों को फ्रांसीसी सामानों के बहिष्कार का आह्वान किया है। नाटो सहयोगियों के बीच संबंध कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ कड़े रुख के चलते बिगड़ गए हैं। इसीबीच फ्रांस ने अरब देशों से फ्रेंच उत्पादों के बहिष्कार को रोकने का अनुरोध किया है। बताया जा रहा है कि कुवैत, जॉर्डन और कतर में कई दुकानों से फ्रांस के बने हुए सामानों को हटा दिया गया है। वहीं एशिया में भी पाकिस्तान और बांग्लादेश में फ्रांस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोआन ने अंकारा में एक टेलिविज़न भाषण के दौरान कहा, कोई भी फ्रांसीसी-लेबल वाले सामानों को क्रेडिट न दें, उन्हें न खरीदें। जैसा कि फ्रांस में कहा गया है कि तुर्की-लेबल वाले सामान न खरीदें। मैं यहां अपने लोगों से कहता हूं। कतर और कुवैत में सुपरमार्केट में फ्रांसीसी सामानों का बहिष्कार चल रहा है। जॉर्डन और अन्य देशों में फ्रांसीसी उत्पादों को हटाने का अभियान चलाया जा रहा है।
कतर और कुवैत में फ्रांस के व्यापार को भारी नुकसान पहुंचने का अंदेशा है। कुवैत की सुपरमार्केट चेन चलाने वाली अलनईम कोऑपरेटिव सोसाइटी, सबर्ब ऑफ्टरनून एसोसिएशन, इकला कोऑपरेटिव सोसाइटी और साद अल अब्दुल्ला सिटी कोऑपरेटिव सोसाइटी ने फ्रांसीसी उत्पादों को हटाने का ऐलान किया है। वहीं, कतर की अलवाजबा डेयरी कंपनी और अलमेरा कंज्यूमर गुड्स कंपनी ने भी ऐसी ही घोषणा की है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोआन ने शुक्रवार को राष्ट्रपति मैक्रॉन की मानसिक स्थिति पर ही सवाल खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा कि किसी राष्ट्र प्रमुख को क्या कहा जा सकता है जो धर्म की आजादी को नहीं समझता और जो अपने देश में अलग धर्म मानने वाले लाखों लोगों के लिए इस तरह से व्यवहार करता है। सबसे पहले, एक मानसिक स्थिति की जांच की जाए।
उन्होंने कहा कि मैक्रॉन को इस्लाम और मुसलमानों के साथ व्यक्तिगत रूप से क्या समस्या है? मैक्रॉन को मेंटल ट्रीटमेंट की जरुरत है। आप लगातार एर्डोगन को चुन रहे हैं। इससे आपको कुछ भी हासिल नहीं होगा चुनाव होंगे (फ्रांस में)। हम आपका (मैक्रॉन का) भाग्य देखेंगे। उन्होंने फ्रांस के लिए कुछ भी हासिल नहीं किया है और अब उन्हें अपने लिए करना चाहिए।तुर्की राष्ट्रपति की इस तीखी टिप्पणी के बाद मैक्रॉन के कार्यालय ने इन टिप्पणियों को अपमानजनक बताया और कहा कि अंकारा में फ्रेंच राजदूत हरवे मैग्रो को परामर्श के लिए वापस बुलाया जाएगा और इस पर फैसला लिया जाएगा कि तुर्की के साथ राजनयिक संबंधों को खत्म किया जाए या फ्रेंच राजदूत को स्थायी रूप से वापस बुलाया जाए।
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