इजरायल-UEA समझौते से बौखलाया तुर्की, तोड़े राजनयिक संबंध
इस्तांबुल। इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच हुए शांति समझौते पर भड़के तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने यूएई के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने का ऐलान कर दिया। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने इस समझौते को लेकर यूएई की जमकर आलोचना की है। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने फिलिस्तीनी प्रशासन का समर्थन करते हुए एक बयान जारी किया है। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने जारी किए एक बयान में कहा कि, इस तरह के समझौते को स्वीकार करने में यूएई के 'पाखंडी व्यवहार' को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा।
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तुर्की के विदेश मंत्रालय का कहना है कि यूएई को फलस्तीन की ओर से इजराइल के साथ समझौता करने का कोई अधिकार नहीं है। तुर्की ने कहा कि फलस्तीन के लिए महत्व रखने वाले मुद्दों पर बात करने का यूएई को कोई हक नहीं है। इस समझौते से मिस्र और जॉर्डन के बाद यूएई, इजराइल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध रखने वाला तीसरा अरब देश बन जाएगा। फलस्तीन ने इस समझौते को 'गद्दारी' करार दिया है।
वहीं ईरान के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजरायल के बीच गुरुवार को पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए हुए ऐतिहासिक समझौते की कड़ी निंदा की। साथ ही इसे सभी मुसलमानों के पीठ में छुरा घोंपना करार दिया। सरकारी टीवी ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट में यह बताया। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में ईरान ने दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने को खतरनाक और 'शर्मनाक' कदम बताया है।
बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को इजरायल और यूएई के बीच ऐतिहासिक शांति समझौते का ऐलान किया था। उन्होंने कहा, दोनों देश पूर्ण राजनयिक संबंध बनाने के लिए सहमत हुए हैं। इस समझौते के बाद यूएई अरब देशों में पहला मुल्क बन गया है। इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधिमंडल आने वाले हफ्तों में निवेश, पर्यटन, सीधी उड़ान, सुरक्षा, दूरसंचार और अन्य मुद्दों पर द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। दोनों देशों से जल्द ही राजदूतों और दूतावासों के आदान-प्रदान की उम्मीद की जा रही है।
इजरायल और यूएई के बीच खत्म हुई सालों पुरानी दुश्मनी, हुआ ऐतिहासिक शांति समझौता