तुर्की को समंदर में मिला विशाल खजाना, राष्ट्रपति एर्दोगान बोले नए युग की शुरुआत
नई दिल्ली- तुर्की को काला सागर में ऊर्जा का विशाल भंडार मिला है, इस मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों के मुताबिक यह प्राकृतिक गैस का भंडार है। हालांकि, उसने यह जानकारी नहीं दी है कि ऊर्जा का यह भंडार कितना बड़ा है और कितनी गहराई में इस प्राकृतिक ऊर्जा के स्रोत का पता चला है। यह भी नहीं बताया गया है कि वहां पर गैस निकालने का काम कितना मुश्किल है। दोनों लोगों ने इस खबर की भनक तब लगने दी है जब राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान ने शुक्रवार को 'गूड न्यूज' देने का वादा किया है और कहा है कि इससे राष्ट्र में नए युग की शुरुआत होगी।
तुर्की को समंदर में मिला विशाल खजाना
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की को समंदर की गहराइयों में ऐसा खजाना मिल गया है, जो उसके गैस आयात के बिल को खत्म कर देगा। इस खबर के आने का ये असर हुआ है कि तुर्की की मुद्रा लीरा डॉलर के मुकाबले उछाल मारने लगी है। बुधवार को जैसे ही यह खबर आई लीरा की कीमत डॉलर के मुकाबले 1.2 फीसदी मजबूत हो गई। वैसे भूमध्यसागर के विवादों वाले समुद्री क्षेत्र में तुर्की की ओर से ऊर्जा स्रोत की खोज जारी रखने के चलते यूपोपीयन यूनियन के साथ उसका विवाद और ज्यादा बढ़ गया है। लेकिन, अभी तो तुर्की के शेयर बाजार में पेट्रोलियम से जुड़े शेयरों की बल्ले-बल्ले हो रही है।
तुर्की की किस्मत बदलने वाली है ?
बता दें कि तुर्की के ऊर्जा मंत्री फतीह डोनमेज ने पिछले महीने कहा था कि ड्रिलिंग शिप फतीह ने तुर्की के शहर एरेगिल के नजदीक कथित टुना-1 जोन में खुदाई शुरू कर दी है। लंदन के ब्लूबे एसेट मैनेजमेंट एलएलपी के रणनीतिकार टिमोथी एश ने कहा है कि 'काला सागर में पहले भी गैस मिली है, लेकिन एक सीमित पैमाने पर।' उनके मुताबिक 'तुर्की के सालाना 35 से 50 अरब डॉलर के ऊर्जा आयात बिल को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह खजाना तुर्की के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है।'
उसे इलाके में पहले भी मिले हैं गैस भंडार
तुर्की के जिस टुना-1 जोन में यह खजाना मिलने की बात कही जा रही है, वह उसके तट से 150 किलोमीटर की दूरी पर है और बुल्गारिया और रोमानिया की समुद्री सीमा के बेहद पास है। यह इलाका रोमानिया के नेप्चुन ब्लॉक से भी ज्यादा दूर नहीं है, जहां 8 साल पहले विशाल गैस भंडार खोजा गया था। वैसे रोमानिया अभी तक कम गहराई वाले गैस भंडारों पर ही काम कर रहा है, जबकि नेप्चुन ब्लॉक में मिले खजाने का दोहन करना अभी उसने शुरू भी नहीं किया है। तुर्की नेवी की वेबसाइट के मुताबिक, तुर्की की ड्रिलिंग शिप फतीह टूना-1 जोन में जुलाई से ही खुदाई के काम में जुटी हुई है।
क्षेत्र में तनाव बढ़ने की भी हैं आसार
मर्केल
एनर्जी
कंसल्टेंसी
के
एमडी
क्रिस्टोफ
मर्केल
का
कहना
है
कि
'मैं
नहीं
समझता
कि
वहां
से
और
भंडार
का
पता
चलना
चौंकाने
वाला
है.........वैसे
तुर्की
इसकी
निर्यात
का
फैसला
करता
है
तो
बुल्गारिया,
यूक्रेन,
ग्रीस
इसे
खरीदने
में
काफी
दिलचस्पी
दिखा
सकते
हैं।'
उन्होंने
यह
भी
कहा
कि
यह
भंडार
के
आकार
पर
निर्भर
करता
है
कि
तुर्की
का
बिल
कितना
कम
होता
है।
तुर्की
ने
यह
खोज
ऐसे
वक्त
में
की
है,
जब
पूर्वी
भूमध्यसागर
में
उसका
ग्रीस
और
साइप्रस
के
साथ
क्षेत्रीय
विवाद
चल
रहा
है,
जहां
पर
तुर्की
विवादित
जल
क्षेत्र
में
सक्रिय
रूप
से
तेल
और
गैस
खोज
रहा
है।
तुर्की
को
रोकने
के
लिए
फ्रांस
ने
वहां
अस्थाई
तौर
पर
अपनी
सेना
की
मौजूदगी
बढ़ा
दई
है।
वहीं
जर्मन
चांसलर
एंजेला
मर्केल
ने
कहा
है
कि
बढ़ते
तनाव
को
लेकर
यूरोपीयन
यूनियन
चिंतित
है।
(तस्वीरें
प्रतीकात्मक)