इंडोनेशिया में अलर्ट सिस्टम की नाकामी से सुनामी में गईं हजारों जानें
जकार्ता। इंडोनेशिया में पहले भूकंप और फिर सुनामी ने जमकर तबाही मचाई है। 28 सितंबर को इंडोनेशिया के पालू में आई प्राकृतिक आपदा की वजह से अब तक करीब 832 लोगों की मौत हो चुकी है। हैरानी की बात है कि इस देश के मौसम और भू-विज्ञान एजेंसी की ओर से शनिवार की शाम छह बजे सुनामी का जो अलर्ट जारी किया गया था, उसे आधे घंटे बाद यानी 6:30 बजे उठा लिया गया। एजेंसी के इस रवैये को लेकर काफी आलोचना हो रही है लेकिन एजेंसी के मुखिया का कहना है कि वॉर्निंग को सुनामी आने के बाद वापस लिया गया था। अब ऐसी खबरें हैं कि अगर इंडोनेशिया में अर्ली वॉर्निंग सिस्टम ठीक से काम कर रहा होता तो शायद मौत के आंकड़ें कुछ कम होते। पिछले कई वर्षों से इस सिस्टम को टेस्ट किया जा रहा है और अभी तक यह इंस्टॉल नहीं किया जा सका है।
तीन मिलियन खर्च लेकिन फिर भी काम पूरा नहीं
हिंद महासागर क्षेत्र में साल 2004 में आई सुनामी में करीब ढाई लाख लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद से ही सी-फ्लोर सिस्टम, डाटा आधारित साउंट वेव्स और फाइबर ऑप्टिक केबल्स के जरिए वर्तमान अलर्ट सिस्टम को रिप्लेस करने का वादा भी किया गया। अभी तक यह सिस्टम इंस्टॉल नहीं हो सका है। न्यूज एजेंसी एएफपी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक एजेंसियों के बीच टकराव की वजह से इसमें देरी हो रही है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अभी तक सिर्फ 69,000 अमेरिकी डॉलर की रकम दी गई है। जबकि अमेरिका के नेशनल साइंस फाउंडेशन की आरे से तीन मिलियन डॉलर के साथ अभी तक इसका प्रोटोटाइप ही डेवलप हो सका है।
छह मीटर तक ऊंची लहरें
इंडानेशिया के सेंट्रल सुलावेसी में सुनामी के बाद छह मीटर ऊंची पानी की लहरें उठीं और इसके बाद 7.5 की तीव्रता वाले भूकंप ने पालू, डोंगाला में जमकर तबाही मचाई। इस हादसे ने इंडोनेशिया में कमजोर वॉर्निंग सिस्टम और लोगों में जागरुकताके अभाव को भी सामने ला दिया है। अमेरिका के पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी में डिजास्टर मैनेजमेंट के एक्सपर्ट लुइस कॉम्फर्ट कहती हैं कि इंडोनशिया में आई सुनामी विज्ञान के लिए भी एक बड़ी ट्रैजेडी है। लुईस अलर्ट सिस्टम के प्रोजेक्ट पर अमेरिका की तरफ से थी इस सिस्टम को अमेरिका के वुड्स होल ओशियनोग्राफिक इंस्टीट्यूट और इंडोनेशिया के वैज्ञानिक और प्राकृतिक आपदा विशेषज्ञ साथ में मिलकर डेवलप करने में लगे हैं। लुईस के मुताबिक इस आपदा को देखना तब और भी ज्यादा दर्दनाक होता है जब आपके पास सही तरह से डिजाइन किया गया सेंसर नेटवर्क है जो आपको कई अहम जानकारियां दे सकता है।