'ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार का नामांकन फ़र्ज़ी'
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए प्रस्तावित किए जाने की ख़बर फ़र्ज़ी हो सकती है. नोबेल पुरस्कार समिति ने यह चिंता जताई है.
नॉर्वे की इस समिति ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत भी दी है.
ख़बरें थीं कि राष्ट्रपति ट्रंप का नाम उनकी 'बलपूर्वक शांति की विचारधारा' के लिए एक अज्ञात अमरीकी ने प्रस्तावित किया है.
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए प्रस्तावित किए जाने की ख़बर फ़र्ज़ी हो सकती है. नोबेल पुरस्कार समिति ने यह चिंता जताई है.
नॉर्वे की इस समिति ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत भी दी है.
ख़बरें थीं कि राष्ट्रपति ट्रंप का नाम उनकी 'बलपूर्वक शांति की विचारधारा' के लिए एक अज्ञात अमरीकी ने प्रस्तावित किया है.
'फ़र्ज़ी हो सकता है'
नोबेल संस्थान के निदेशक ओलाव नियोलस्टैड ने कहा कि ऐसी चिंताएं हैं कि ट्रंप का नाम दिए जाने की बात झूठ हो सकती है.
उन्होंने नॉर्वे के एक प्रसारक एनआरके से कहा, "मैं कह सकता हूं कि हमारे पास यह मानने का ठोस कारण है कि यह (ट्रंप का नामांकन) फ़र्ज़ी है."
उन्होंने कहा, "शायद ऐसा ही फ़र्ज़ी नामांकन पिछले साल भी हुआ था."
नोबेल शांति पुरस्कार के नामांकन हर साल 31 जनवरी तक दिए जाते हैं और विजेता का ऐलान अक्टूबर की शुरुआत में किया जाता है.
किसे है नाम प्रस्तावित करने का अधिकार
इसके लिए नाम आगे बढ़ाने का अधिकार बहुत सीमित लोगों को है.
जिन्हें इसके लिए नामों का प्रस्ताव देने का अधिकार है, उनमें संसद एवं सरकार के सदस्य, पूर्व नोबेल विजेता और कुछ यूनिवर्सिटी प्रोफ़ेसर शामिल हैं.
2009 में अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को नोबेल शांति पुरस्कार मिला था. उन्हें यह पुरस्कार "लोगों के बीच अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और सहयोग को मज़बूत करने के उनके असाधारण प्रयासों" के लिए दिया गया था.
2012 में नोबेल शांति पुरस्कार यूरोपीय संघ को "स्वयं को युद्ध के महाद्वीप से शांति के महाद्वीप में बदलने" के लिए दिया गया था.
2017 का नोबेल शांति पुरस्कार परमाणु हथियार विरोधी समूह 'इंटरनेशनल कैंपेन टू अबॉलिश न्यूक्लियर वेपन्स' को दिया गया था.