ट्रंप प्रशासन की Indo-Pacific रणनीति पर बोला चीन- अमेरिका के कुछ नेताओं का मकसद हमें रोकना है
ट्रंप प्रशासन की Indo-Pacific रणनीति पर बोला चीन- अमेरिका के कुछ नेताओं का मकसद हमें रोकना है
China om Trump's Indo-Pacific Strategy: अमेरिका का राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक दस्तावेज हाल ही में सामने आया है, जिसमें हिंद प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific) को लेकर जो रणनीति है। जिसके बाद चीन ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। चीन ने कहा है कि अमेरिका के निवर्तमान डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा हिंद-प्रशांत रणनीति की हिमायत का मकसद चीन को रोकना है। चीन की ये प्रतिक्रिया तब आई, जब अमेरिका द्वारा सार्वजनिक किए गए दस्तावेज में कहा गया है कि भारत समान सोच रखने वाले देशों के मदद से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के खिलाफ 'शक्ति संतुलन' बनाने का काम करेगा।
इस दस्तावेज को जारी करने के सवाल पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान (Chinese Foreign Ministry spokesman Zhao Lijian ) ने कहा, ''कुछ अमेरिकी नेता गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की विरासत छोड़कर जाना चाहते हैं। ये सब चीन को दबाने, इसे रोकने और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। इससे अमेरिका के बुरे इरादों का पता चलता है। ये दादागिरी कायम रखने की रणनीति है।''
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान बोले, अमेरिका की रणनीति से शीत युद्ध की मानसिकता और सैन्य टकराव की सोच जाहिर हुई है। अमेरिकी की रणनीति क्षेत्रीय सहयोग की भावना के खिलाफ है। यह क्षेत्र में शांति और उन्नति को नुकसान पहुंचाता है। अमेरिका ने ऐसा करके खेमेबाजी करने की अपनी इच्छा जाहिर कर दी है।
उन्होंने कहा कि चीन शांतिपूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। चीन को उम्मीद है कि अमेरिका इस तरह की मानसिकता को छोड़ देगा।
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने हाल में 10 पन्नों का एक दस्तावेज 'यूएस स्ट्रैटेजिक फ्रेमवर्क' (US Strategic Framework for the Indo-Pacific) सार्वजनिक किया था, जिसे अब व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर भी शेयर किया गया है।
'यूएस स्ट्रैटेजिक फ्रेमवर्क' दस्तावेज में कहा गया है, ''भारत सुरक्षा मामलों पर अमेरिका का पंसदीदा साझेदार है और दोनों दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया और आपसी चिंता वाले अन्य क्षेत्रों में समुद्री सुरक्षा बनाए रखने और चीनी प्रभाव को रोकने में मदद करते हैं। इसमें ये भी लिखा गया है कि भारत में सीमा पर चीन की उकसावे की कार्रवाई का जवाब देने की क्षमता भी है।