Trump Impeachment: डेमोक्रेट के साथ आए रिपब्लिकन, जानिए महाभियोग के बारे में अब तक सब कुछ
Donald Trump Impeachment: वाशिंगटन डीसी। डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार महाभियोग के लिए बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में ऐतिहासिक वोटिंग होनी है लेकिन इस वोटिंग से पहले एक बड़े घटनाक्रम में में रिपब्लिकन सांसद भी डेमोक्रेट के साथ हो गए हैं। हाउस में अगर महाभियोग के लिए वोटिंग पास हो जाती है, जिसकी पूरी संभावना है, तो डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के पहले ऐसा राष्ट्रपति होंगे जिनके खिलाफ दो बार महाभियोग की कार्यवाही होगी।
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अब तक की सबसे तेज कार्यवाही
इसके पहले जहां पहले राष्ट्रपतियों एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप के खिलफ महाभियोग के लिए जांच, सुनवाई और फाइनल वोटिंग में तीन महीने का समय लगा था वहीं इस बार ये केवल एक सप्ताह में हो रहा है। 6 जनवरी को कैपिटल हिंसा के बाद हाउस की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा था कि हमें तुरंत एक्शन लेने की जरूरत है और उसके इस विचार का डेमोक्रेट और कुछ रिपब्लिकन ने भी समर्थन किया था।
अभी तक जो हालात हैं उसके मुताबिक रिपब्लिकन के प्रभाव वाली सीनेट में इस सुनवाई के जल्द शुरू होने की संभावना नहीं बन रही है। सीनेट की कार्यवाही 19 जनवरी से पहले शुरू नहीं हो रही है और 20 जनवरी को राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। यही वजह है कि डेमोक्रेट अपने बहुमत वाले हाउस में ये प्रक्रिया जल्द पूरी करना चाह रहे हैं ताकि रिपब्लिकन पर सीनेट की कार्यवाही जल्द शुरू करने का दबाव बनाया जा सके। हाउस में कई रिपब्लिकन सांसदों ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही को समर्थन देकर ट्रंप के सामने मुश्किल और बढ़ा दी है।
कैसे होती है महाभियोग की कार्यवाही ?
सामान्य तौर पर महाभियोग से पहले जांच की जाती है और सबूतों को न्यायिक समिति के पास भेजा जाता है जो सुनवाई करती है और इसका ड्राफ्ट पूरे सदन को भेजा जाता है। 2019 में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ इस पूरी प्रक्रिया को करने में 3 महीने लगे थे। लेकिन इस बार जब इस कार्यवाही को करने के लिए सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं और जैसा कि हिंसा के पहले ट्रंप के भाषण को सभी ने सुना है, डेमोक्रेट हाउस में सीधी वोटिंग की तैयारी कर चुके हैं।
एक बार जब हाउस में महाभियोग के समर्थन में वोटिंग की जाती है तो इसे और सबूतों को सीनेट के पास भेज दिया जाता है। इसके ऊपर सीनेट में सुनवाई होती है जिसके बाद फाइनल वोटिंग की जाती है जिसमें ये तय होता है कि राष्ट्रपति को महाभियोग के द्वारा हटाया जाएगा या फिर उन्हें बरी करते हुए प्रक्रिया को खारिज कर दिया जाए। पिछली बार सीनेट ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया को खारिज कर दिया था।
क्या है आरोप ?
बुधवार को जब हाउस की बैठक शुरू होगी तो ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के लिए सिर्फ एक आरोप पर चर्चा होगी- वो है विद्रोह के लिए भड़काने का आरोप।
डेमोक्रेटिक सांसद रेप्स द्वारा पेश किए चार पेज के आरोप में कहा गया है "राष्ट्रपति ट्रंप ने संयुक्त राज्य अमेरिका और सरकार के अपने संस्थानों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया।" इसे रोड आइलैंड से हाउस मेंबर डेविड सिसिलिन, कैलिफोर्निया के टेड लिउ और मैरीलैंड के जेमी रस्किन ने लिखा था। इसमें आगे कहा गया है कि "अगर उन्हें (ट्रंप) को पद पर बने रहने दिया जाता है तो वह राष्ट्रीय सुरक्षा, लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा बने रहेंगे।"
इन आरोपों में ट्रंप द्वारा जार्जिया के प्रांत मंत्री को फोन करके अपने पक्ष में वोट बदलने की कथित फोन कॉल का भी जिक्र किया गया है।
रिपब्लिकन भी आए डेमोक्रेट के साथ
मंगलवार को सुनवाई में उस समय बड़ा घटनाक्रम हुआ जब रिपब्लिकन सांसद भी महाभियोग की कार्यवाही में डेमोक्रेट के साथ आ गए। ट्रंप के खिलाफ पहली बार हुई महाभियोग कार्यवाही में एक भी रिपब्लिकन ने समर्थन नहीं दिया था। यही नहीं पूरे चार साल रिपब्लिकन हर बात में मजबूती के साथ ट्रंप के समर्थन में खड़े रहे थे।
रिपब्लिकन सांसद और पूर्व उपराष्ट्रपति डिक चेनी की बेटी लिज चेनी ने भी महाभियोग की कार्यवाही का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि वो महाभियोग के पक्ष में वोट करेंगी क्योंकि "एक राष्ट्रपति द्वारा अपने ऑफिस और संविधान की ली गई शपथ के खिलाफ इससे बड़ा धोखा कभी नहीं किया गया।"
न्यूयॉर्क से रिपब्लिकन हाउस मेंबर जॉन काटको पहले ऐसे सांसद रहे जिन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही के समर्थन में हैं। इलिनायस के हाउस सदस्य एडम किसिंजर ने भी महाभियोग की कार्यवाही का समर्थन किया है। किसिंजर पहले से ही डोनाल्ट ट्रंप के आलोचक रहे हैं।
सीनेट में भेजने का बाद क्या होगा ?
हाउस से महाभियोग प्रस्ताव पास होने के बाद स्पीकर नैंसी पेलोसी इसे सीनेट के पास भेजेंगी जहां पर इसे लेकर सुनवाई होगी। लेकिन समस्या यह है कि सीनेट का पूर्ण सत्र 19 जनवरी से पहले शुरू नहीं हो रहा है और 20 जनवरी को नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन को शपथ लेनी है। ऐसे में कुछ डेमोक्रेट का कहना है कि पेलोसी को कुछ इंतजार करना चाहिए और बाइडेन के सिर पर कार्यकाल की शुरुआत में ही महाभियोग जैसा तनाव नहीं डालना चाहिए।
सीनेट में डेमोक्रेटिक नेता चक शूमर, जो कि बाइडेन के शपथ ग्रहण की देखरेख संभाल रहे हैं, ने साथी डेमोक्रेट को लिखे पत्र में कहा कि ऐसा होने से सीनेट चैंबर बुरी तरह से बंटा होगा। जबकि इस समय बाइडेन के द्वारा अपनी टीम के लिए चुने गए कई सदस्यों और कोविड राहत बिल को भी अनुमोदित किया जाना है।
वहीं 20 जनवरी के बाद अगर इसे शुरू किया जाता है और ये सफल होता है तो भले ट्रंप तब तक ऑफिस में न रहें लेकिन इसका असर ये होगा कि वे आगे कभी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि डोनाल्ड ट्रंप 2024 में फिर से राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी कर सकते हैं।
सीनेट में क्या है समर्थन ?
सीनेट में महाभियोग की प्रक्रिया के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यता होती है। ये अभी तक साफ नहीं है कि सीनेट में कितने रिपब्लिकन महाभियोग का समर्थन करने वाले हैं। अभी तक कुछ सीनेटर ट्रंप से इस्तीपा देने को कह चुके हैं जिनमें अलास्का से सीनेटर लीजा मुर्कोवस्की और पेंसिलवेनिया से सीनेटर पैट टूमनी है। जबकि कई अभी भी उनका बचाव कर रहे हैं।
रिपब्लिकन सीनेटर बेन सास ने कहा कि वह पहले देखेंगे कि हाउस से क्या पास होता है। वहीं दूसरे रिपब्लिकन ने महाभियोग को बांटने वाला बताया है। सीनेटर लिंडसे ग्राहम जो कि राष्ट्रपति के प्रमुख सहयोगी रहे हैं और उनके व्यवहार की आलोचना भी की थी, ने कहा है कि महाभियोग चीजों को अच्छा करने की जगह और खराब बनाएगा। पिछली बार महाभियोग की कार्यवाही में केवल एक रिपब्लिकन मिट रोमनी ने ट्रंप को हटाने के लिए वोट किया था। अगर अभी तक की स्थिति देखें को सीनेट से महाभियोग का सफल होना मुश्किल है।
महाभियोग से क्या होगा ?
महाभियोग की कार्यवाही को लेकर आगे बढ़ने के लिए डेमोक्रेट पूरी तरह से तैयार हैं भले ही सीनेट में ये पास न हो सके। डेमोक्रेट सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि "कुछ लोग पूछ सकते हैं कि वे राष्ट्रपति पद छोड़ने के लिए केवल कुछ दिनों में ही महाभियोग लाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं। इसका जवाब है कि यह साफ कर दिया जाना चाहिए कि अब और भविष्य में कोई भी राष्ट्रपति अमेरिकी के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व नहीं कर सकता है।"
जाहिर है कि डेमोक्रेट चाहते हैं कि यह महाभियोग अगर पास न भी हो तो कम से कम ये होगा कि वे ये कह सकेंगे कि उन्होंने लोकतंत्र पर हमले के खिलाफ आवाज़ उठाई थी।
इस बीच भले ही कम संख्या हो लेकिन महाभियोग का समर्थन करने वाले रिपब्लिकन की संख्या बढ़ती जा रही है। 2019 में एक भी रिपब्लिक हाउस मेंबर ने महाभियोग के समर्थन में वोट नहीं किया था। इस बार जो रिपब्लिकन अभी तक समर्थन में आए हैं उनके सांसद लिज चेनी, जॉन काटको, एडम किसिंजर और सांसद फ्रेड उप्टान शामिल हैं।
कैपिटल हिंसा के समय Trump नतीजे पलटने के लिए सीनेटर्स को कर रहे थे फोन