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ट्रंप ने साफ़ कहा कि उन्हें सऊदी अरब से क्या चाहिए

सऊदी अरब के जाने-माने पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी की संदिग्ध हत्या को लेकर अमरीका की राजनीति में भारी उठापटक की स्थिति है. इसे लेकर अमरीकी राष्ट्रपति के दफ़्तर व्हाइट हाउस और कांग्रेस में दरार आ गई है.

सऊदी अरब पर अमरीका की नीतियों को लेकर सवाल उठ रहे हैं. रिपब्लिकन सांसद जमाल ख़ाशोज्जी को लेकर जांच की मांग कर रहे हैं तो दूसरी तरफ़ राष्ट्रपति ट्रंप ने सऊदी के साथ बेहतरीन रिश्ते की घोषणा की है.

By BBC News हिन्दी
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सऊदी अरब
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सऊदी अरब

सऊदी अरब के जाने-माने पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी की संदिग्ध हत्या को लेकर अमरीका की राजनीति में भारी उठापटक की स्थिति है. इसे लेकर अमरीकी राष्ट्रपति के दफ़्तर व्हाइट हाउस और कांग्रेस में दरार आ गई है.

सऊदी अरब पर अमरीका की नीतियों को लेकर सवाल उठ रहे हैं. रिपब्लिकन सांसद जमाल ख़ाशोज्जी को लेकर जांच की मांग कर रहे हैं तो दूसरी तरफ़ राष्ट्रपति ट्रंप ने सऊदी के साथ बेहतरीन रिश्ते की घोषणा की है.

सऊदी के नेतृत्व में यमन में अमरीका समर्थित बमबारी को लेकर पहले से ही कांग्रेस और ट्रंप प्रशासन में तनाव है. इस बमबारी में हज़ारों नागरिक अब तक मारे जा चुके हैं.

पिछले हफ़्ते तुर्की के इस्तांबुल में सऊदी के वाणिज्य दूतावास से ख़ाशोज्जी के ग़ायब होने के बाद से अमरीकी कांग्रेस में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसद ट्रंप प्रशासन से ग़ुस्से में हैं. इनका कहना है कि ट्रंप सऊदी के शाही शासन से जवाब मांगने में कोताही कर रहे हैं.

ख़ाशोज्जी वॉशिंगटन पोस्ट के लिए कॉलम लिखते थे और वो अमरीका के वर्जीनिया में ही रहते थे. वो सऊदी में किंग सलमान और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान की नीतियों की तीख़ी आलोचना करते थे.

क्राउन प्रिंस सलमान
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क्राउन प्रिंस सलमान

केंटाकी से रिपब्लिकन सीनेटर रैन्ड पॉल ने कहा, ''जब तक हम सऊदी को हथियार और मदद देना जारी रखेंगे तब तक वो पत्रकारों और नागरिकों को मारना जारी रखेगा. राष्ट्रपति को चाहिए कि वो सऊदी को सैन्य सहयोग देना तत्काल बंद करें.'' हालांकि ट्रंप ने ऐसा करने से सीधा इनकार कर दिया.

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक़ ट्रंप ने कहा, ''मैं नहीं चाहूंगा सऊदी से 110 अरब डॉलर का सौदा रद्द कर दूं. यह अब तक का सबसे बड़ा सौदा है. इसे रूस और चीन दोनों लपकने के लिए तैयार हैं.''

ट्रंप ने अपने इस बयान में पिछले साल दोनों देशों के बीच हुए रक्षा सौदों का हवाला दिया है. ट्रंप का कहना है इस सौदे से अमरीकी नागरिकों नौकरी मिलेगी.

इससे पहले गुरुवार को फ़ॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा था कि ख़ाशोज्जी के संदिग्ध रूप से ग़ायब होने की जांच अमरीकी अधिकारी तुर्की और सऊदी के साथ मिलकर कर रहे हैं. ख़ाशोज्जी दो अक्टूबर के इस्तांबुल स्थिति सऊदी के वाणिज्य दूतावास में गए थे और तब से ग़ायब हैं.

जमाल ख़ाशोज्जी
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जमाल ख़ाशोज्जी

तुर्की के अधिकारियों का कहना है कि सऊदी के एक हिट गुर्गे ने दूतावास के भीतर ही ख़ाशोज्जी की हत्या कर दी और लाश को अंग भंग कर ग़ायब कर दिया. तुर्की के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास ऑडियो और वीडियो है, जिससे साबित होता है कि ख़ाशोज्जी की हत्या वाणिज्य दूतावास के भीतर की गई है.

ट्रंप का कहना है कि इस घटना को वो गंभीरता से देख रहे हैं और जल्द ही कुछ विस्तार में चीज़ें सामने आएंगी. ट्रंप ने कहा, ''हमलोग देख रहे हैं कि आख़िर हुआ क्या है. वो दूतावास गए, लेकिन उसके बाद दिखे नहीं. ये ठीक नहीं है. हमें ये बिल्कुल पसंद नहीं है.'' हालांकि फिर भी ट्रंप का कहना है कि सऊदी से उनका संबंध बिल्कुल बढ़िया है.

कहा जा रहा है कि व्हाइट हाउस और अमरीकी विदेश मंत्रालय पर सऊदी से जुड़ी नीतियों को लेकर कांग्रेस का दबाव काम आ सकता है. अमरीका यमन में जारी गृह युद्ध में सऊदी को समर्थन देना बंद कर सकता है.

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वॉक्स के इंरनेशनल सिक्यॉरिटी रिपोर्टर अलेक्सई वार्ड का कहना है कि ट्रंप इस मामले में बिल्कुल स्पष्ट हैं. अ

लेक्सई ने लिखा है, ''वो अमरीकी कंपनियों में आने वाले निवेश की ज़्यादा चिंता करते हैं न कि मानवाधिकार की. इस मामले में ट्रंप ने पूरी ईमानदारी से बात कही है. वो विदेश नीति को लेकर कोई ऊहापोह में नहीं हैं. वो किसी देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन से ज़्यादा इस बात को देखते हैं कि अमरीकी अर्थव्यवस्था में वहां से कितने पैसे आ रहे हैं. ट्रंप सऊदी से फ़ायदों को खोना नहीं चाहते हैं और वो भी तब जब अमरीकी नागरिकों का कोई नुकसान नहीं हो रहा है. रियाद अमरीकी इन्फ़्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में 20 अरब डॉलर का अतिरिक्त निवेश करने वाला है.''

सऊदी का कहना है कि ख़शोज्जी दूतावास से बाहर चले गए थे. लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि ख़ाशोज्जी दो अक्टूबर को किस वक़्त दूतावास से निकले थे? क्या लिखित में कोई रिकॉर्ड है या कोई चश्मदीद है? यहां पर कोई सिक्यॉरिटी कैमरा क्यों नहीं है? और जिस दिन ख़ाशोज्जी ग़ायब हुए उसी दिन सऊदी के 15 लोग एक प्राइवेट जेट से वापस क्यों गए? सऊदी से अभी इन सवालों के जवाब आने बाक़ी है.

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. कहा जाता है कि भले वो किंग नहीं हैं, लेकिन सत्ता उन्हीं के हाथों में है. सलमान ने सऊदी में हज़ारों सोशल एक्टिविस्टों को जेल में बंद कर दिया है. पिछले साल नवंबर महीने में लेबनान के प्रधानमंत्री साद हरीरी को सऊदी में दो हफ़्तों तक हिरासत में रखा गया था.

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इसका विदेशी सबंधों पर क्या पड़ेगा असर?

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने बीबीसी से कहा है कि वो ख़ाशोज्जी के ग़ायब होने से चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ये सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटना किसी भी सूरत में ना हो.

हालांकि अमरीका के वित्त मंत्री स्टीवन मनुचन ने कहा है कि वो रियाद में अगले महीने आयोजित होने वाले इन्वेस्टमेंट कॉन्फ़्रेंस में आने की तैयारी कर रहे हैं जबकि वर्ल्ड बैंक के प्रमुख जिम किम ने ख़ाशोज्जी का हवाला देकर इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है.

आईएमएफ़ प्रमुख ने ही ख़ाशोज्जी के ग़ायब होने को डरावना बताया है. ब्रिटेन ने भी सऊदी की कड़ी आलोचना की है और कहा है कि बिना मूल्यों के कोई संबंध आगे नहीं बढ़ेगा.

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English summary
Trump clearly said what he wants from Saudi Arabia
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