#Helsinki Summit: इन वजहों से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मिल रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
आज फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की मुलाकात होनी है। ट्रंप मुलाकात के लिए हेलसिंकी पहुंच चुके हैं और शाम को दोनों नेता मीटिंग करेंगे। ट्रंप और पुतिन की मुलाकात कई तरह के विवादों के बीच हो रही है।
हेलसिंकी। आज फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की मुलाकात होनी है। ट्रंप मुलाकात के लिए हेलसिंकी पहुंच चुके हैं और शाम को दोनों नेता मीटिंग करेंगे। ट्रंप और पुतिन की मुलाकात कई तरह के विवादों के बीच हो रही है। दोनों नेता करीब 90 मिनट तक वन-टू-वन मीटिंग करेंगे और इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। माना जा रहा है कि मुलाकात अमेरिका और रूस के बीच जो दूरियां आ गई हैं उसे पाटने का काम कर सकती है। समिट के शुरू होने से पहले ट्रंप ने ट्वीट की और उन्होंने लिखा कि रूस के साथ हमारे रिश्ते अच्छे हो सकते थे लेकिन पुरानी सरकारों की वजह से इन रिश्तों पर ग्रहण लग गया।
चुनावों पर होगी बातचीत
ट्रंप, रूस और पुतिन से क्या चाहते हैं और क्यों मुलाकात कर रहे हैं, इस पर अभी तक सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं। अमेरिकी मीडिया के लिए मुलाकात और इसका एजेंडा अभी तक एक रहस्य बना हुआ है। यह मीटिंग उस समय हो रही है जब अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट की ओर से 12 रूसी इंटेलीजेंस एजेंट्स को बाहर निकाल दिया गया। इन एजेंट्स पर आरोप लगा है कि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान अमेरिकी लोकतंत्र को खतरे में पहुंचाने की कोशिशें की थी। कहीं न कहीं ट्रंप इस मीटिंग में चुनावों को प्रभावित करने वाले मुद्दे को सबसे ऊपर रखेंगे। वहीं यह भी माना जा रहा है कि ट्रंप, पुतिन को चुनावों में बाधा डालने वाले आरोप पर सीधे तौर पर चुनौती नहीं देंगे। पिछले हफ्ते ट्रंप ने मीडिया से बात करते समय कहा था, 'मुझे लगता है कि बहुत ज्यादा की उम्मीद किए बिना हम इस मीटिंग के लिए जा रहे हैं।'
ट्रंप का व्यक्तिगत एजेंडा
ट्रंप लगातार इस बात को कहते आए हैं कि रूस के साथ बेहतर संबंध अमेरिका के लिए फायदेमंद हैं। फिनलैंड समिट कहीं न कहीं ट्रंप की एक कोशिश है जिसके जरिए वह पुतिन के साथ अपने संबंध बेहतर कर सकते हैं साथ ही साथ ही वॉशिंगटन और मॉस्को के बीच की दूरी को भी घटा सकते हैं। रूस में अमेरिका राजदूत जॉन हंट्समैन का कहना है कि इस स्तर पर रूस के साथ अमेरिका की मुलाकात हो रही है और जो बात सबसे अहम है, वह है कि हमने बातचीत की शुरुआत की है। ट्रंप और पुतिन की इस समिट की तैयारियां और इसके लिए उत्सुकता बिल्कुल सिंगापुर समिट की ही तरह है जहां पर ट्रंप ने नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन से मुलाकात की थी।
यूक्रेन से लेकर सीरिया पर भी चर्चा
ट्रंप ने पिछले दिनों कहा था कि इस समिट के दौरान वह जिन मुद्दों पर बात करेंगे उनमें यूक्रेन और सीरिया भी शामिल होंगे। ट्रंप और पुतिन सीरिया में जारी युद्ध पर विस्तार से चर्चा करने वाले हैं। अधिकारियों का मानना है कि यह चर्चा किसी नतीजे पर पहुंच सकती है। ट्रंप इस बात से नाखुश है कि रूस ने यूक्रेन को अलग कर दिया है। उन्होंने इसके साथ ही पिछले नेतृत्व को दोष दिया और कहा कि रूस के प्रायद्वीप में लौटने के इनकार के बाद भी वह पुतिन के साथ रिश्ते बरकरार रखेंगे। शुक्रवार को जब ट्रंप ब्रिटेन की पीएम थेरेसा मे से मुलाकात कर रहे थे तो उन्होंने मीडिया से कहा था कि पुतिन से जब मिलेंगे जब उस समय वह परमाणु प्रसार पर भी चर्चा कर सकते हैं।