CAA विरोध के बीच ही UNSC में चीन ने संभाली कमान, भारत के लिए बढ़ेंगी मुश्किलें
न्यूयॉर्क। भारत के लिए मार्च का माह काफी मुश्किल होने वाला है। सोमवार को चीन के स्थायी प्रतिनिधि झांग जून ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की कमान संभाल ली है। जून ने ऐसे समय में सुरक्षा परिषद के मुखिया का जिम्मा लिया है जब भारत में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर बवाल जारी है। मार्च में सुरक्षा परिषद की मीटिंग होने वाली है और माना जा रहा है कि भारत के लिए यह समय मुश्किल होगा।
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कश्मीर, CAA और NRC पर चर्चा कर सकता है चीन
सीएएम के अलावा पिछले वर्ष अगस्त में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद काउंसिल की यह पहली मीटिंग होगी। पहली मीटिंग की अगुवाई ही चीन कर रहा है और ऐसे में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। यूएनएससी में पांच स्थायी सदस्य हैं और 15 अस्थायी सदस्य हैं। इसकी अध्यक्षता यानी प्रेसीडेंसी रोटेशन सिस्टम के तहत तय की जाती है। सीएए के अलावा नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) का मुद्दा भी दुनिया भर में छाया हुआ है। इसके अलावा पिछले एक हफ्ते से दिल्ली में दंगों और हिंसा के माहौल ने भी तस्पीरें बिगाड़ दी हैं। सूत्रों की मानें तो भारत सरकार के प्रतिनिधियों ने यूएनएससी के सदस्यों के साथ पिछले कुछ दिनों में संपर्क को और बढ़ा दिया है। यूएन के न्यूयॉर्क हेडक्वार्टर पर स्थायी मिशन के राजनयिकों अपने समकक्षों के साथ मीटिंग्स करने में लगे हैं।
भारत ने किया था आगाह
चीन ने पहले अगस्त 2019 और फिर इस बार जनवरी माह में जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाया था। वहीं एक बार दिसंबर में उसने इस मुद्दे पर बहस को वापस ले लिया था। इस बार सरकार की पूरी कोशिश है कि चीन के किसी भी मकसद को करारा और सधा हुआ जवाब दिया जा सके। इस वर्ष जनवरी माह में चीन ने जम्मू कश्मीर के हालातों पर पाकिस्तान की तरफ से चर्चा शुरू करने की कोशिश की थी। लेकिन उसे असफलता हाथ लगी और उसने माना कि यह सही जगह नहीं है जहां पर इस मसले पर बात की जाए। भारत ने चीन को तब जवाब दिया था कि वह इस तरह के कदम आने वाले समय में उठाने से बचे।