आज रात पृथ्वी के करीब से गुजरेगा अब तक का सबसे खतरनाक उल्कापिंड, जानिए क्यों परेशान हैं वैज्ञानिक
नई दिल्ली। अंतरिक्ष में उल्कापिंड का भंडार है जो इधर-उधर तैरते रहते हैं। ऐसे में कई एस्टेरोइड पृथ्वी के बेहद करीब आ जाते हैं। इसका ताजा उदाहरण पिछले महीने ही सामने आया था जब 29 अप्रैल के एक विशाल उल्कापिंड धरती के करीब से गुजरा था, हालांकि इससे पृथ्वी को कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन इस घटना से काफी लोग भयभीत हो गए थे। वैज्ञानिक ऐसे उल्कापिंड पर नजर बनाए रखते हैं जिनके धरती की तरफ आने की संभावना ज्यादा होती है। अब नासा के वैज्ञानिकों ने कहा है कि पृथ्वी के पास से आज (गुरुवार) रात एक और उल्कापिंड गुरजरने वाला है।
1997 में की गई थी खोज
अब वैज्ञानिक को एक और ऐसे ही उल्कापिंड के बारे में जानकारी मिली है जिसकी खोज वर्ष 1997 में की गई थी और अब वह पृथ्वी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों ने इसे Asteroid 1997 BQ नाम दिया है जो अब तक का सबसे खतरनाक उल्कापिंड है। इसकी खास बात यह है कि इसे अंतरिक्ष के सबसे बड़े और खतरनाक Asteroids Apollo की कैटिगरी में शामिल किया जाता है। वैज्ञानिक इसे लेकर काफी चिंतित हैं।
एक किलोमीटर से लंबा है यह एस्टेरोइड
1997 BQ उल्कापिंड पर दुनियाभर के वैज्ञानिकों की नजरें टिकी हुई हैं। नासा के सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज ग्रह के 0.05au के भीतर आने वाले सभी उल्कापिंड को ट्रैक करता है जो 4.6 मिलियन मील से अधिक है। साइंटिस्टों के मुताबिक एक किलोमीटर लंबे किसी भी उल्कापिंड के धरती से टकराने के बाद उसके परिणाम विनाशकारी साबित हो सकते हैं। आज (गुरुवार) के धरती के करीब आने वाले एस्टेरोइड को वैज्ञानिकों ने 136795 नाम भी दिया है।
गुरुवार रात 10.45 बजे धरती से करीब से निकलेगा
नासा के वैज्ञानिकों ने बताया कि यह उल्कापिंड आज (गुरुवार) रात लगभग 10.45 बजे धरती से करीब 3.8 मिलियन मील (6.15 मिलियन किमी) की दूरी से गुजरेगा। बता दें पृथ्वी से चांदी की दूरी से लगभग 16 गुना अधिक दूरी से यह उल्कापिंड गुजरेगा। नासा ने कहा, जैसा कि पृथ्वी, सूर्य की परिक्रमा करती है, ऐसे में उल्कापिंड पृथ्वी के करीब भी पहुंच सकते हैं। हालांकि वह खगोलीय रूप से वह इतना करीब से भी नहीं गुजरेगा, वह पृथ्वी से लाखों या लाखों किलोमीटर दूर है।
दूसरे उल्कापिंडों से 97 प्रतिशत बड़ा है 1997 BQ
नासा के वैज्ञानिकों ने बताया कि धरती की तरफ बढ़ रहे इस उल्कापिंड की रफ्तार करीब 11.6 किमी प्रति सेकंड है। नासा ने 997 में बताया था कि 1997 BQ Asteroid 0.668 मीटर से लेकर 1.493 मीटर चौड़ा है। हालांकि इस उल्कापिंड से मानव सभ्यता और पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है लेकिन नासा के वैज्ञानिक पूरी सावधानी बरत रहे हैं। दरअसल, यहा उल्कापिंड दूसरे उल्कापिंडों से 97 प्रतिशत बड़ा है और अगर यह धरती से टकराता है तो भयानक तबाही हो सकती है।
भविष्य में 22 उल्कापिंडों के आने की संभावना
वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर यह उल्कापिंड पृथ्वी से टकराए बिना करीब से भी निकलता है तो भी यह विशाल सुनामी ला सकता है। नासा के मुताबिक उन्होंने ऐसे 22 उल्कापिंडों की पहचान की है जिनके आने वाले 100 वर्षों में पृथ्वी के करीब से गुजरने की संभावना है। अगर अंतरिक्ष में तैर रहे तेज रफ्तार उल्कापिंड के पृथ्वी के 46.5 लाख मील से करीब आने की संभावना होती है तो स्पेस ऑर्गनाइजेशन्स उसे खतरनाक उल्कापिंड की सूची में डाल देता है।
29 अप्रैल को पृथ्वी के पास से गुजरा था उल्कापिंड
बता दें कि 29 अप्रैल को एस्टेरॉयड 1998 OR2 धरती के बगल से गुजरा था जिससे हमारी पृथ्वी को कोई नुकसान नहीं हुआ। एस्टेरॉयड बुधवार को भारतीय समयानुसार 3 बजकर 26 मिनट पर पृथ्वी से करीब 63 लाख किलोमीटर दूर से गुजरा है, दक्षिण अफ्रीका की ऑब्जर्वेटरी की ओर से इस खगोलीय घटना की पुष्टि भी की गई थी। ऑब्जर्वेटरी की ओर से किए गए ट्वीट में बताया गया है कि यह विनाशकारी उल्कापिंडों में से एक था। नासा समेत विश्व के सारे वैज्ञानिक इस उल्कापिंड के अध्ययन में जुट गए थे।
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