तीन बार पाकिस्तान की हुकूमत संभालने वाले मियां नवाज का ऐसे ढहा राजनीतिक किला, देखिए टाइमलाइन
नई दिल्ली। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के चीफ और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को चुनाव से 20 दिन पहले भ्रष्टाचार मामले में कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। एक साल पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें भ्रष्टाचार मामले में दोषी पाया था और अब एक बार फिर कोर्ट ने उन्हें चुनाव से ऐन वक्त पर तगड़ा झटका देकर उनके 40 साल पुराने पॉलिटिकल करियर को लगभग खत्म कर दिया है। पाकिस्तान के कोर्ट में उन्हें एवनफिल्ड केस में शुक्रवार को दोषी पाया है, जिसमें उनकी बेटी मरियम नवाज और दामाद सफदर को भी सजा सुनाई गई है। एक नजर डालते हैं तीन बार पाकिस्तान की सत्ता संभाल चुके मियां नवाज शरीफ के राजनीति करियर पर, जो अब ढह चुका है।
नवाज शरीफ का जन्म पाकिस्तान के लाहौर शहर में एक कश्मीरी परिवार में 1949 में हुआ था। एक धनी परिवार से ताल्लुक रखने वाले नवाज शरीफ ने पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की हैं। राजनीति में कूदने से पहले वे अपने परिवार का कारोबार मशगूल थे। पाकिस्तान में नवाज खानदान का स्टील का व्यापार है।
1976:
नवाज
शरीफ
ने
पाकिस्तान
मुस्लिम
लीग
(PML)
ज्वॉइन
की
और
फिर
यहां
से
जुल्फिकार
अली
भुट्टो
के
परिवार
से
शुरू
हुई
दुश्मनी।
1980:
नवाज
शरीफ
को
पंजाब
के
वित्त
मंत्री
बन
गए।
1981:
पंजाब
सलाहकार
बोर्ड
को
ज्वॉइन
किया
और
जनरल
जिया-उल-हक
के
प्रशिक्षण
के
नवाज
शरीफ
ने
अपनी
राजनीतिक
महत्वकांक्षा
को
उभारा
1985:
पहली
बार
नवाज
शरीफ
पंजाब
प्रांत
के
मुख्यमंत्री
बने।
1988:
पाकिस्तान
मुस्लिम
लीग
पार्टी
का
फिदा
(फिदा
मोहम्मद
खान)
और
जूनेजो
ग्रुप
में
विभाजन
हुआ।
नवाज
शरीफ
ने
फिदा
ग्रुप
का
नेतृत्व
किया।
1990:
नवाज
शरीफ
1
नवंबर
को
पाकिस्तान
के
12वें
प्रधानमंत्री
के
रूप
मे
चुने
गए
और
देश
में
नीजिकरण
को
प्राथमिकता
दी।
1993:
चुनावों
में
हार
स्वीकार
करते
हुए
नवाज
शरीफ
ने
पद
से
इस्तीफा
दे
दिया।
पार्टी
में
बिखराव
हुआ
और
नवाज
के
समर्थकों
ने
जुनेजो
ग्रुप
के
खिलाफ
मोर्चा
खोल
दिया।
उसी
दौरान
पाकिस्तान
मुस्लिम
लीग-
नवाज
(पीएमएल-एन)
का
उदय
हुआ।
1995:
तत्कालीन
प्रधानमंत्री
बेनजीर
भुट्टो
के
खिलाफ
मुर्तजा
भुट्टो
के
साथ
मिलकर
नवाज
शरीफ
ने
'ट्रेन
मार्च'
लॉन्च
किया।
1997:
पीएमएल-एन
ने
आम
चुनावों
में
भारी
जीत
हासिल
की,
नवाज
दूसरी
बार
प्रधानमंत्री
बने।
1998: भारत के न्यूक्लियर टेस्ट का जवाब देने के लिए नवाज शरीफ की सरकार ने न्यूक्लियर टेस्ट करने का आदेश दिया।
1999:
करगील
की
हार
के
बाद
शरीफ
ने
सेना
प्रमुख
जनरल
जहांगीर
करामात
को
हटा
दिया
और
उनकी
जगह
जनरल
परवेज
मुशर्रफ
को
नया
आर्मी
चीफ
बनाया।
1999:
आजादी
के
बाद
पाकिस्तान
की
सत्ता
चौथी
बार
सेना
के
हाथों
चली
गई।
मुशर्रफ
ने
नवाज
शरीफ
को
सत्ता
से
बेदखल
कर
उन्हें
भ्रष्टाचार
के
मामले
में
आजीवन
कारावास
की
सजा
सुना
दी।
उस
दौरान
सऊदी
के
किंग
ने
दखलअंदाजी
की
और
नवाज
शरीफ
को
अपने
देश
में
शरण
दे
दी।
2007:
नवाज
शरीफ
सऊदी
से
लौटे
और
मुशर्रफ
को
हराने
के
लिए
अपना
जोर
लगा
लिया।
2008:
नवाज
शरीफ
चुनाव
हारे
गए।
बेनजीर
भुट्टो
की
मौत
हुई,
लेकिन
पीपीपी
सत्ता
में
आ
गई।
2013:
पीएमएल-एन
को
स्पष्ट
बहुमत
मिला
और
नवाज
शरीफ
तीसरी
बार
पीएम
बने।
अप्रैल
2016:
पनामा
पेपर
की
लिस्ट
में
नवाज
शरीफ
का
नाम
आया
और
कोर्ट
ने
उनके
खिलाफ
जांच
के
आदेश
दे
दिए।
जुलाई
2017:
पाकिस्तान
के
सुप्रीम
कोर्ट
ने
नवाज
शरीफ
को
भ्रष्टाचार
के
मामले
में
दोषी
पाया,
जिसके
बाद
उन्होंने
प्रधानमंत्री
पद
छोड़
दिया।
जुलाई
2018:
एवनफिल्ड
करप्शन
केस
में
नवाज
शरीफ
को
10
साल
की
जेल
और
करीब
78
करोड़
रुपये
का
हर्जाना
भरने
के
लिए
कहा।