क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

ताइवान में अमेरिकी सेना की तैनाती का मतलब युद्ध, चीन के नाम पर किसने दी धमकी

Google Oneindia News

नई दिल्ली- लगता है कि चीन ने अपने मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के जरिए एकसाथ अमेरिका और ताइवान दोनों को जंग की धमकी दे दी है। चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रमुख अखबार के जरिए साफ तरीके से धमकाया गया है कि अगर ताइवान ये सोचता है कि अमेरिका अपनी सेना उसकी रक्षा के लिए तैनात कर देगा तो इसका मतलब उसे चीन से जंग करने के लिए तैयार रहना होगा। चीन की ओर से साफ लफ्जों में ताइवान की राष्‍ट्रपति त्‍साई इंग वेन को उनके 'कथित' पापों का अंजाम भुगतने की चेतावनी दे डाली है।

अमेरिकी मिलिट्री जर्नल में कही गई बातों पर भड़का चीन

अमेरिकी मिलिट्री जर्नल में कही गई बातों पर भड़का चीन

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने यूएस आर्मी के एक जर्नल मिलिट्री रिव्यू में छपे कुछ लेखों का हवाला देकर कहा है कि अगर ऐसा है तो यह अमेरिका के वन-चाइना पॉलिसी का अंत ही नहीं, चीन की संप्रभुता को खुली चुनौती होगी। ग्लोबल टाइम्स के दावे के मुताबिक एक यूएस मरीन कोर कैप्टन ने अमेरिकी सेना के ताइवान जाने का आह्वान किया है। जबकि, दूसरे लेख में पीएलए ब्रिगेड के खिलाफ दो-चार डिविजन सेना भेजने और यूएस आर्मी की हेवी कॉर्प्स को ताइवान भेजने का सुझाव दिया गया है। चीनी अखबार के मुताबिक यह चीन पर दबाव बनाने की अमेरिका की नई रणनीति हो सकती है, लेकिन इससे ताइवान में अलगाववादी (कथित) तत्वों का हौसला बहुत बढ़ गया है। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि अमेरिका ताइवान में खुले तौर पर अपनी सेना की तैनाती नहीं करेगा।

ताइवान में अमेरिकी सेना मतलब युद्ध- चाइनीज सरकारी मीडिया

ताइवान में अमेरिकी सेना मतलब युद्ध- चाइनीज सरकारी मीडिया

इसके बाद ग्लोबल टाइम्स में संपादकीय के जरिए अमेरिका और ताइवान को युद्ध की खुली धमकी दे दी गई है। इसके मुताबिक 'अमेरिका और ताइवान द्वीप को यह भ्रम छोड़ देना चाहिए कि ताइवान में फिर से अमेरिकी सेना की तैनाती होगी, क्योंकि इसका मतलब कुछ और नहीं, बल्कि युद्ध है। अलगाव-विरोधी कानून.....चीन को बल प्रयोग करने के लिए मजबूर कर देगा। ' क्योंकि, 'इससे ऐसी परिस्थितियां पैदा होंगी जिससे ताइवान की 'मुख्यभूमि' से आजादी की स्थिति बन जाएगी। ऐसे में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती होने पर हमें विश्वास है कि पीएलए निश्चित रूप से ताइवान की मुक्ति के लिए जरूर सैन्य कार्रवाई करने के लिए युद्ध की शुरुआत कर देगी।'

अमेरिका-ताइवान को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे- चीनी मीडिया

अमेरिका-ताइवान को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे- चीनी मीडिया

चीन ने अपने मुखपत्र के जरिए ताइवान सरकार को अमेरिका के भरोसे नहीं रहने की भी चेतावनी दी है। इसने कहा है, 'हमें निश्चित रूप से डेमोक्रेटिक प्रोग्रेस पार्टी के अधिकारियों को चेतावनी देनी चाहिए कि वो इस गलतफहमी में ना रहें कि अमेरिकी समर्थन से वह सुरक्षित हैं और वो बिना सजा भुगते चीन को बांट सकेंगे।' ग्लोबल टाइम्स ने युद्ध की धमकी को थोड़ा विस्तार देते हुए कहा है कि हाल ही में पीएलए के फाइटर जेट बड़े पैमाने पर ताइवान स्ट्रेट में घुसकर ताइवान को संभल जाने की चेतावनी दे चुके हैं। उन्हें समझना चाहिए कि इन फाइटर जेट को ताइवान के ऊपर से गुजरने में भी वक्त नहीं लगेगा। अगर फिर भी ताइवान के अधिकारियों ने बात नहीं मानी और अमेरिका के साथ साठगांठ जारी रखी और एक-दूसरे के यहां बड़े अधिकारियों की यात्राएं जारी रहीं तो दोनों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

'अमेरिका से ज्यादा साठगांठ ना बढ़ाए ताइवान'

'अमेरिका से ज्यादा साठगांठ ना बढ़ाए ताइवान'

आखिर में ग्लोबल टाइम्स ने अमेरिका और चीन के बीच हुई सहमतियों और ताइवान की कानूनी स्थितियों का एकतरफा जिक्र करके कहा है कि 'यह नहीं पता कि दोनों फिर से कौन सी उकसावे वाली कार्रवाई करते हैं, लेकिन 'मुख्यभूमि' का जवाब निश्चित है। अगर अमेरिका और ताइवान अपने आधिकारिक संपर्कों को बढ़ाते हैं तो अपनी संप्रभुता पर दावा जताने के लिए 'मुख्यभूमि' ताइवान द्वीप पर पीएलए फाइटर जेट भेजकर तगड़ा जवाब देगा। ताइवान में अमेरिकी सेना की तैनाती का मतलब है सीधे युद्ध की आहट। अलगाव-विरोधी कानून के रहते अमेरिका और ताइवान को रेड लाइन पार करने की तैयारी करते समय 'मुख्यभूमि' की 140 करोड़ जनता और पीएलए के दृढ़ संकल्प का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। '

ताइवान की राष्ट्रपति को सजा मिलने की चेतावनी

ताइवान की राष्ट्रपति को सजा मिलने की चेतावनी

'मुख्यभूमि ने धैर्य के साथ शांतिपूर्ण तरीके से एकीकरण को वर्षों तक बढ़ावा दिया है। लेकिन, ताइवान के त्‍साई इंग वेन प्रशासन ( ताइवान की राष्‍ट्रपति ) ने 'ताइवान की स्वतंत्रता' का रास्ता अपनाकर अमेरिका के चीन को अलग-थलग करने की नीति में फंस गई हैं, जिससे की युद्ध की नौबत आ गई है। अगर युद्ध होता है तो अपनी पापों के लिए त्‍साई प्रशासन को सजा भुगतनी पड़ेगी।'

इसे भी पढ़ें- क्या चीन में सिर्फ 3 साल में तोड़ी गईं 16,000 मस्जिदें, एक थिंक-टैंक की रिपोर्ट में दावाइसे भी पढ़ें- क्या चीन में सिर्फ 3 साल में तोड़ी गईं 16,000 मस्जिदें, एक थिंक-टैंक की रिपोर्ट में दावा

Comments
English summary
Threat from China: US military deployment in Taiwan means war
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X