वो 'जेल' जहां कैद हैं 11 सऊदी प्रिंस
बीबीसी की पत्रकार पहुंची हैं उस जगह जहां हिरासत में रखे गए हैं सऊदी शहजादे
सऊदी अरब के राज परिवार में बीते दिनों से जारी उथल-पुथल के बाद शाही परिवार के कई सदस्यों को हिरासत में लिया गया है. ये कार्रवाई भ्रष्टाचार रोधी कमेटी के कहने पर हुई.
बेशुमार अधिकार रखने वाली इस कमेटी का गठन सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अज़ीज ने शनिवार यानी 4 नवंबर को ही किया और इसका चेयरमैन क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को बनाया गया.
सऊदी में 11 राजकुमार और कई मंत्री हिरासत में
कौन हैं सउदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान?
बीते चार नवंबर के बाद से अब तक हिरासत में लिए गए सदस्यों को एक ऐसी 'जेल' में रखा गया है जिसे सोने के पिंजड़े की संज्ञा दी जा सकती है.
बीबीसी संवाददाता लीज़ डूसेट इस जेल तक पहुंचने वाली पत्रकार थीं. सऊदी सरकार ने डूसेट को इस जेल का मुआयना करने की इज़ाजत दी थी.
कैसी जेल में कैद हैं सऊदी राजकुमार?
ये जेल दरअसल कोई जेल नहीं बल्कि सऊदी अरब के सबसे शाही होटलों में से एक रिट्ज़ कार्टन होटल है.
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ये प्रिंस अलवलीद बिन तलाल कौन हैं?
बीबीसी संवाददाता लीज़ डूसेट बताती हैं, "बीते 4 नवंबर से इस होटल को एक सोने के पिंजड़े में बदल दिया गया है. इस होटल के अंदर सऊदी अरब के 200 ख़ास लोग मौज़ूद हैं. इनमें से कथित रूप से 11 राजकुमार और शाह सलमान के दो भतीजे शामिल हैं. इन पर ताकत का दुरुपयोग करने, भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग करने के आरोप है."
जेल में शाही इंतजाम?
डूसेट बताती हैं कि अगर इस जगह की तुलना हिरासत में रखने वाली जगहों से की जाए तो ये जगह तुलना से परे है क्योंकि यहां पर रेंस्त्रां से लेकर जिम और स्विमिंग पूल सब कुछ है.
होटल के कर्मचारियों ने डूसेट को बताया कि जब कुछ लोगों को 4 नवंबर की मध्यरात्रि में यहां लाया गया था तो वे नाराज़ थे जोकि समझ में आने वाली बात है.
"कुछ लोगों ने सोचा कि ये सिर्फ दिखाने के लिए है और ये ज़्यादा दिन नहीं चलेगा लेकिन जब उन्हें पता चला कि उन्हें यहां रखने के लिए लाया गया है तो वे आगबबूला हो गए. एक अधिकारी के शब्दों में - किसी को भी ये बताया जाए कि वो चोर है तो उसे गुस्सा आएगा. कल्पना करिए कि आप एक वीआईपी हैं और अब आपको अपने ख़िलाफ़ अहम सबूतों का पता चल रहा है...मुझे बताया गया है कि यहां पर 95 फ़ीसदी लोग एक मोटी रकम देकर यहां से आज़ाद होना चाहते हैं."
इस पूरे मामले को कई हफ़्ते बीत चुके हैं लेकिन अब तक इसके पीछे की वजह सामने नहीं आई है.
हालांकि, सऊदी अरब में इस कदम की सराहना की गई.
डूसेट कहती हैं, "कई सऊदी नागरिकों ने शाही परिवार में जारी भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ इस कदम का समर्थन किया है. हालांकि, इसके अपने ख़तरे हैं क्योंकि महत्वाकांक्षी क्राउन प्रिंस को दुश्मन और अनिश्चितता का माहौल बनने का ख़तरा है जिनसे इस शाही परिवार के लिए जरूरी सुधार और स्थिरता को ख़तरा पैदा हो सकता है."