वो 9 लोग जिन पर किम जोंग-उन करते हैं भरोसा
दक्षिण कोरिया की ज़मीन पर वहां के राष्ट्रपति मून जे-इन से हो रही बातचीत में उत्तर कोरियाई नेता अपने साथ एक ख़ास प्रतिनिधि मंडल ले कर गए हैं.
माना जा रहा है कि प्रतिनिधि मंडल में जो लोग शामिल हैं वो किम जोंग-उन के भरोसेमंद हैं. उनके बारे में दक्षिण कोरिया का कहना है कि उन्होंने कभी उत्तर कोरिया के ऐसे वरिष्ठ प्रतिनिधि मंडल का अपने देश में स्वागत नहीं किया है.
दक्षिण कोरिया की ज़मीन पर वहां के राष्ट्रपति मून जे-इन से हो रही बातचीत में उत्तर कोरियाई नेता अपने साथ एक ख़ास प्रतिनिधि मंडल ले कर गए हैं.
माना जा रहा है कि प्रतिनिधि मंडल में जो लोग शामिल हैं वो किम जोंग-उन के भरोसेमंद हैं. उनके बारे में दक्षिण कोरिया का कहना है कि उन्होंने कभी उत्तर कोरिया के ऐसे वरिष्ठ प्रतिनिधि मंडल का अपने देश में स्वागत नहीं किया है.
इस बैठक से पहले किम जोंग उन और अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच कई बार तीखी बयानबाज़ी हो चुकी हैं. माना जा रहा है कि इस अहम मुलाक़ात के बाद उत्तर किम जोंग-उन इस साल अमरीकी राष्ट्रपति से भी मुलाक़ात करेंगे.
कौन-कौन हैं किम जोंग-उन के प्रतिनिधि मंडल में
किम की बहन- किम यो-जोंग
किम यो-जोंग पूर्व उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग-इल की सबसे छोटी बेटी हैं. किम यो-जोंग और वो एक ही मां की संतान हैं. वो अपने भाई से चार साल छोटी हैं और दोनों ने स्विट्ज़रलैंड में साथ-साथ पढ़ाई की है.
उन्होंने हाल के वर्षों में अपने भाई की छवि सुधारने पर काम किया है और पार्टी प्रोपगैंडा विभाग में अहम भूमिका निभाई है. पिछले साल उनकी राजनीतिक भूमिका बड़ी करते हुए उन्हें पोलितब्यूरो में शामिल किया गया था.
किम जोंग-उन की बहन किम यो-जोंग इससे पहले इसी साल प्योंगचांग में हुए विंटर ओलंपिक खेलों में शामिल होने के लिए दक्षिण कोरिया गई थीं.
बताया जाता है कि वो उत्तर कोरिया की बेहद अहम नेताओं में शामिल हैं. जानकारों का कहना है किम जो कड़े फ़ैसले लेते हैं उनमें से कई फ़ैसलों के पीछे उनकी बहन का हाथ होता है.
किम योंग-नम
90 साल के किम योंग-नम ने अपने लंबे कार्यकाल के दौरान देश में तीन शासकों का दौर देखा है. वो कई बार विदेश दौरा कर चुके हैं.
बीते साल वो ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के दूसरे कार्यकाल के शपथग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए वहां गए थे. सुप्रीम नेतृत्व के प्रति उनकी निष्ठा पर कभी सवाल नहीं किए गए हैं.
दक्षिण कोरिया की योनहाप समाचार एजेंसी ने एक उत्तरी कोरिया के व्यक्ति के हवाले से कहा है, "वो कभी कोई ग़लती नहीं करते. यही कारण है कि एक ऐसे देश में जहां सत्ता में कई बार परिवर्तन हुए हैं वहां वो अपने ओहदे को बनाए रखे हुए हैं."
चोई ह्वी
चोई ह्वी उत्तर कोरिया के खेल मंत्री हैं और सरकारी टेलीविज़न पर अपनी सहज छवि के लिए जाने जाते हैं.
उत्तर कोरिया लीडरशिप वॉच ब्लॉग के मुताबिक 1980 के दशक के मध्य में सी ऑफ़ ब्लड ओपेरा समूह के प्रबंधक के रूप में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी.
उन्होंने अपने करियर का अधिकांश हिस्सा देश में कला क्षेत्र में बिताया है और माना जाता है कि देश के पहली महिला पॉप ग्रुप मोरनबॉन्ग बैंड की स्थापना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी.
किम योंग-चोल
जनरल किम योंग-चोल उत्तर कोरिया के विवादित नेताओं में से एक हैं. वो देश के सैन्य ख़ुफ़िया विभाग के प्रमुख रह चुके हैं. माना जाता है कि साल 2010 में योनपियोंग द्वीप पर हुए हमले और दक्षिण कोरियाई युद्धपोत चेओनान पर हमले के पीछे उन्हीं की रणनीति थी.
लीडरशिप वॉच रिपोर्ट्स के अनुसार किम व्यंग्य करने वाले हैं और उनके साथ काम करना कतई आसान नहीं है.
2007 में दक्षिण कोरिया के साथ चल रही वार्ता के दौरान उन्होंने कथित तौर पर दक्षिण कोरया के एक प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था "शायद आपके पास प्रस्तावों से भरा कोई और ब्रीफकेस भी है."
री सू-योंग
री सू-योंग को री चोल के नाम से जाना जाता था. उनका किम जंग-उन के परिवार से काफी पुराना नाता है. वो किम जोंग-इल के स्कूल के साथी रहे हैं और बाद में स्विट्ज़रलैंड में पढ़ाई के दौरान उनके बच्चों के अभिभावक भी रहे.
उत्तर कोरिया लीडरशिप वॉच के अनुसार कोन जोंग-उन उन्हें अपने "पिता की तरह" मानते हैं.
उन्होंने विदेशों में कई बार उत्तर कोरिया का प्रतिनिधित्व किया है. 2014 में उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया था. फिलहाल वे अंतरराष्ट्रीय मामलों के विभाग के प्रमुख हैं और विदेशी राजनयिकों के साथ बातचीत में अपनी भूमिका निभाते हैं.
उत्तरी कोरियाई लीडरशिप वॉच के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में एक राजदूत के रूप में भी उनका सम्मान किया जाता है.
री म्योंग-सू
री म्योंग-सू ने साल 2016 में देश के सैन्य प्रमुख के रूप में पदभार संभाला. माना जाता है कि किम जोंग-उन के तहत काम कर रहे उनसे पहले के दो सेना प्रमुखों में से एक की हत्या करवाई गई थी जबकि एक को निकाल दिया गया था.
वो कोरियाई युद्ध में हिस्सा ले चुके हैं और उन्हें एक प्रमुख सैन्य रणनीतिकार के रूप में देखा जाता है. उत्तर कोरिया लीडरशिप वॉच के अनुसार, उन्होंने किम जोंग-उन को देश का नेतृत्व लेने के लिए तैयार किया था.
किम जोंग-इल की मौत के कुछ साल बाद तक वो ग़ायब हो गए थे लेकिन अब वो फिर से एक बार देश के अहम नेताओं में शुमार हैं.
पाक योंग-सिक
पाक योंग-सिक साल 2015 से उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्री (मिनिस्ट्री ऑफ़ पीपल्स आर्म्ड फोर्सेस) हैं. ये मंत्रालय सेना की प्रशासनिक और अन्य गतिविधियों के साथ-साथ विदेशी सेनाओं और राजदूतों के साथ बातचीत भी करते रहे हैं.
देश की सेना का पुनर्गठन का काम उन्हीं की निगरानी में हुआ था.
री योंग-हो
री योंग-हो उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के मुख्य मध्यस्थ रहे हैं और ब्रिटेन समेत कई देशों में राजदूत रह चुके हैं.
साल 2016 में उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया. वो अधिक बोलने वाले नेताओं में गिने जाते हैं.
बीते साल उन्होंने अमरीका पर उत्तर कोरिया के ख़िलाफ़ "युद्ध छेड़ने" का आरोप लगाया था और कहा था कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के धमकियां "कुत्ते के भौंकने के समान हैं."
री सोन-ग्वोन
री सोन-ग्वोन दक्षिण कोरिया के साथ उत्तर कोरिया को संबंधों पर नज़र रखने वाले समूह पीसफुल रीयुनिफिकेशन ऑफ़ द कंट्री समिति के प्रमुख हैं.
हाल में हुए विंटर ओलंपिक खेलों में उत्तर कोरिया के हिस्सा लेने से संबंधित बातचीत में उनकी अहम भूमिका रही थी.
वो दक्षिण कोरिया के सैन्य अभ्यास के ख़िलाफ़ चेतावनी देते रहे हैं. उन्होंने साल 2010 में हुए युद्धपोत हमले वालेमामले में अपनी सरकार के शामिल होने के आरोपों से खारिज किया था.