सेक्स स्कैंडल में फंसी नोबेल एकेडमी, इस साल साहित्य के लिए नहीं दिया जाएगा अवॉर्ड
स्टॉकहोम। साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार देने वाली संस्था सेक्स और फाइनेंसियल स्कैंडल में फंसने के बाद, अवॉर्ड स्थगित कर दिया गया है। सेक्स स्कैंडल में फंसी साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार देने वाली स्वीडिश एकेडमी की अध्यक्ष सारा डेनियस समेत छह सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद शुक्रवार को एक मीटिंग में अवॉर्ड स्थगित का फैसला लिया गया। यह 75 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब नोबेल पुरस्कार को स्थगित करना पड़ा। गौरतलब है कि दूसरा विश्व युद्ध जब अपने चरम पर था, तब नोबेल साहित्य पुरस्कारों को स्थगित कर दिया गया था।
इस बार नोबेल साहित्य पुरस्कार के स्थगित होने का प्रमुख कारण सेक्स स्कैंडल है, जिसने पूरी एकेडमी को शर्मसार कर दिया है। एक फ्रांसीसी फोटोग्राफर जीन-क्लाउड अर्नोल्ट और लेखिका केटरीना फ्रोस्टेंसन के पति है, जो कथित यौन दुराचार के आरोपों को सामना कर रहे हैं। अर्नोल्ट ज्यूरी के सदस्य थे, जिन्होंने अपनी टीम के छह सदस्य के साथ इस्तीफा दे दिया है। सीएनएन को ईमेल किए गए बयान में अर्नोल्ट के वकील बोजर्न हर्टिग ने कहा कि उनके क्लाइंट ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।
दुनिया में सबसे ज्यादा सम्मान और आदर के साथ देखे जाने वाले इस अकेडमी को पहली बार इस प्रकार के गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। सेक्स स्कैंडल में फंसने के बाद साहित्य के लिए नोबेल देने वाली संस्था ना सिर्फ अपनी अकेडमी को शर्मसार किया है, बल्कि पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया है।
पिछले साल नंवबर में #MeToo मूवमेंट के दौरान 18 महिलाओं ने आगे आकर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसके बाद अर्नोल्ट की इसमें पहचान की गई थी। इस विवाद के बाद अकेडमी की परमानेंट सेक्रेटरी सारा सैंडर्स ने कहा है कि अर्नोल्ट से सारे संबंध तोड़ दिए गए हैं।
प्रोफेसर विट-ब्रैट्स्ट्रोम भी उन लोगों में शामिल है, जिन्होंने आरोप लगाया कि अर्नोल्ट ने स्वीडन के क्राउन प्रिंसेस विक्टोरिया को एक दशक पहले स्वीडिश अकेडमी समारोह में गलत ढंग से छुआ था। हालांकि, अर्नोल्ट ने इन आरोपों से इनकार किया है।