हसीनाओं की ये टोली है उत्तर कोरिया का नया दांव?
विंटर ओलिंपिक के लिए दक्षिण कोरिया जा रहे उत्तर कोरियाई प्रतिनिधिमंडल में चीयरलीडर्स की टीम भी होगी.
दक्षिण कोरिया में होने वाले विंटर ओलिंपिक में उत्तर कोरिया हिस्सा लेने जा रहा है. कहा जा रहा है कि उत्तर कोरिया अपने प्रतिनिधिमंडल में एथलीट, कलाकार, अधिकारी, फैंस, रिपोर्टर और चीयरलीडर्स की स्पेशल टीम.
मंगलवार को दोनों देशों की ऐतिहासिक मीटिंग के बाद उत्तर कोरिया ने इस बारे में घोषणा की. हालांकि उत्तर कोरिया के बारे में जब भी बात होती है, यकीनन चीयरलीडर्स की टीम वो चीज़ नहीं है, जिसका जिक्र सबसे पहले आता है.
लेकिन जवान और खूबसूरत लड़कियों की इस टोली ने सालों से एशियाई देशों के सियासी फलक पर अपना रोल निभाया है. दक्षिण कोरिया में इनकी मौजूदगी से उत्साह बढ़ता है और उत्तर कोरिया ने इनके जरिए अपनी अच्छी छवि गढ़ने की कोशिश की है ताकि पड़ोसी दक्षिण कोरिया के साथ रिश्ते सहज किए जा सकें.
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उत्तर कोरिया के तानाशाह
दोनों कोरियाई देशों के बीच खेल को बढ़ावा देने वाले विभाग के निदेशक किम गेयोंग सुंग बताते हैं कि चीयरलीडर्स की इस टीम में ज्यादातर 20 से 25 साल की उम्र की लड़कियां हैं. किम गेयोंग सुंग दक्षिण कोरिया से हैं और उन्होंने द कोरिया टाइम्स को बताया कि इन चीयरलीडर्स को उनकी खूबसूरती की वजह से चुना गया है.
किम गेयोंग सुंग इन लड़कियों की एक और ख़ास बात बताते हैं. ये ख़ास बात है इन लड़कियों का उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के प्रति वफादारी. चाइना इंटरनेशनल रेडियो के मुताबिक़ ये लड़कियां यूनिवर्सिटी की छात्रा हैं, म्यूज़िक पढ़ती-सीखती हैं और उत्तर कोरिया के प्रॉपेगैंडा का हिस्सा हैं.
चीयरलीडर्स के ग्रुप में चुने जाने के लिए उत्तर कोरिया के अधिकारी उम्मीदवार लड़कियों की अच्छी पारिवारिक पृष्ठभूमि पर विचार करते हैं. चुनी जाने वाली लड़कियों में से कुछ आला अधिकारियों की बेटी होती हैं, हालांकि सभी के साथ ऐसा नहीं होता है.
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दक्षिण कोरिया में इनकी मौजूदगी
उत्तर कोरिया छोड़ने वाले लोगों के रिश्तेदार या फिर जापान से सहानुभूति रखने वाले परिवार की लड़कियों का नाम सीधे लिस्ट से सीधे हटा दिए जाते हैं. चीयरलीडर्स के इस ग्रुप को उत्तर कोरियाई लोगों के नृत्य और संगीत से मनोरंजन के लिए ख़ास तौर पर ट्रेन किया जाता है.
ख़ास मौकों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा लेने के लिए जाने वाली उत्तर कोरियाई टीम के साथ इन चीयरलीडर्स को भेजा जाता है. साल 2007 में उन्हें चीन के वुहान शहर में आयोजित वीमेंस वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने के लिए भेजा गया था. हालांकि दक्षिण कोरिया में इनकी मौजूदगी को कड़ाई से नियंत्रित किया जाता है.
कोरियाई युद्ध की शुरुआत के बाद से केवल तीन ऐसे मौके आए हैं जब उत्तर कोरिया ने इन चीयरलीडर्स को दक्षिण कोरिया भेजा. इसका मक़सद साफ़ था, सुलह के गीतों और डांस से दोनों देशों के बीच तनाव कम करना.
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ये तीन मौके थे- बुसान एशियाई खेलों (2002) में 288 चीयरलीडर्स भेजे गए थे, डाएगु समर यूनिवर्सिटी गेम्स (2003) में 303 चीयरलीडर्स और इंकेइयॉन में आयोजित एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप (2005) में 100 चीयरलीडर्स भेजे गए थे.
साल 2014 के एशियन गेम्स में भी उत्तर कोरिया अपनी चीयरलीडर्स को दक्षिण कोरिया भेजना चाहता था लेकिन उसकी कोशिश कामयाब नहीं हो पाई. तब इसकी घोषणा भी कर दी गई थी, "हमने खिलाड़ियों के साथ चीयरलीडर्स को भेजने का फैसला किया है ताकि उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच रिश्ते सुधरें और सुलह का वातावरण बने."
लेकिन खर्चे और दूसरे मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई और उत्तर कोरिया ने ये पेशकश वापस ले ली. चीयरलीडर्स की स्टाइल और खुशगवार कर देने वाली मौजूदगी से दक्षिण कोरिया में उनके चाहने वाले अच्छी खासी तादाद में हैं. मीडिया ने चीयरलीडर्स की टीम को 'ब्यूटी टीम' का खिताब दिया है.
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किम जोंग उन की पत्नी
कहा जाता है कि लोगों को दिलचस्पी खिलाड़ियों से ज्यादा इन चीयरलीडर्स में होती है. चीयरलीडर्स की इस टीम में एक लड़की का नाम खासतौर पर लिया जाता है. उनका नाम है री सोल-जु. री सोल-जु उत्तर कोरिया की पहली महिला हैं. हालांकि री सोल-जु के बारे में दुनिया को बहुत कम जानकारी है.
किम जोंग-उन से शादी के पहले री सोल-जु चीयरलीडर्स की टीम का हिस्सा हुआ करती थीं. 2005 के एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान दक्षिण कोरिया आई चीयरलीडर्स की टीम में री सोल-जु भी शामिल थीं. साल 2012 में उनकी शादी के बारे में औपचारिक तौर पर घोषणा हुई.
और उसके बाद से री सोल-जु सार्वजनिक तौर पर किम जोंग-उन के साथ दिखने लगीं. इससे पहले के उनके जीवन के बारे में बहुत कम जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है. यहां तक कि लोग उनकी उम्र के बारे में नहीं जानते और ये बात किम जोंग उन पर भी लागू होती है.
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दस साल में पहली बार
ये बात अपने आप में ख़ास है कि दस सालों में उत्तर कोरिया पहली बार अपनी चीयरलीडर्स की टीम दक्षिण कोरिया भेज रहा है. इसे सुलह की दिशा में एक पहल के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि जानकार ये भी कहते हैं कि उत्तर कोरिया विंटर ओलिंपिक में अपनी मौजूदगी बढ़-चढ़कर दर्ज कराना चाहता है.
कोरियाई प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव के साथ-साथ उत्तर कोरिया ने शांति की दिशा में अपनी कोशिशें कम कर दी थीं. साल 2017 में उसने कई मिसाइल टेस्ट किए और अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के साथ इस मसले पर तेज जुबानी जंग भी दुनिया ने देखी.
अमरीका ने भले ही अभी तक सीधी सैनिक कार्रवाई के संकेत दिए हों लेकिन चीयरलीडर्स की ये टीम एक अलग-थलग पड़े देश की दुनिया में अलग तस्वीर पेश करती है. वे एक स्टेज पर अमरीकी चीयरलीडर्स के साथ दिखेंगी. लेकिन इसका फायदा केवल उत्तर कोरिया को ही नहीं होने वाला है.
आयोजकों को टिकट बेचने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. जिस जगह पर ये विंटर ओलिंपिक आयोजित हो रहे हैं, वहां से महज 90 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर कोरिया है. उम्मीद है कि विंटर ओलिंपिक के आयोजकों को चीयरलीडर्स की मौजूदगी से टिकट बेचने में सहूलियत होगी और स्पोर्ट्स डिप्लोमैसी से दोनों देशों का भला होगा.