पाकिस्तानियों की इस हरकत ने उन्हें दुनियाभर में शर्मसार कर दिया
कोलंबो,7 दिसंबर: पाकिस्तान में पिछले शुक्रवार को ईश निंदा के आरोपों में जिस तरह से एक श्रीलंकाई नागरिक की सैकड़ों की भीड़ ने जान ले ली, उसने उसे पूरी दुनिया के सामने शर्मसार कर दिया है। ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान में कठोर ईश निंदा कानून के बावजूद यह कोई पहली घटना है। इससे पहले दर्जनों ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें कठोर कानून के बावजूद लोगों ने धर्म के उन्माद में अपने मानव होने पर कलंक की कालिख पोती है। बहरहाल, पीड़ित का शव श्रीलंका पहुंच चुका है और बुधवार को उसके विधिवत अंतिम संस्कार की संभावना है, लेकिन लाहौर से जो ताबूत कोलंबो पहुंचा है, उसमें शव के साथ दुनिया के लिए कई सवाल भी आए हैं।
Recommended Video
श्रीलंका पहुंचा कुमारा का शव
पाकिस्तान में कथित ईश निंदा के आरोपों की वजह से मॉब लिंचिंग के शिकार हुए श्रीलंकाई फैक्ट्री मैनेजर प्रियंता कुमारा का शव तो उनके देश पहुंचा दिया गया है, लेकिन उसके साथ जो संदेश आया है, वह पूरी मानवता को शर्मसार करने वाला है। कुमारा को पाकिस्तान के सियालकोट में सैकड़ों की भीड़ उन्हें उनके ही फैक्ट्री से खींचकर सड़क पर ले आई और सैकड़ों मोबाइल फोन के कैमरों की मौजूदगी में बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। एक निहत्थे शख्स पर जो वहां एक खेल के उपकरण बनाने वाली फैक्ट्री की सहायता कर रहा था, पिछले शुक्रवार को इस तरह से हमला किया जा रहा था, जैसे कोई उत्सव मनाया जा रहा हो। मॉब लिंचिंग और उसके बाद उन्हें जिंदा जलाने के सैकड़ों वीडियो और तस्वीरें मौजूद हैं, लेकिन वह दिखाने लायक नहीं है।
पाकिस्तान में उन्मादियों को प्रोत्साहन कौन दे रहा ?
भीड़ में मौजूद हर शख्स की जुबान पर एक ही लाइन थी, 'इसे छोड़ना मत, मार डालो....खत्म कर दो.....' गल्फ न्यूज की पत्रकार सना जमाल ने ट्वीट मंगलवार को सुबह ट्वीट किया कि 'प्रधानमंत्री के दफ्तर में श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमारा के लिए शोक सभा आयोजित की जाएगी, जिन्हें सियालकोट में भीड़ ने बेरहमी से हत्या कर दी थी।' सवाल है कि पाकिस्तान में भीड़ को इतना उन्मादी बनने का प्रोत्साहन कैसे मिला ? क्या शोक सभा कर लेने से कुमारा को इंसाफ मिल जाएगा ? क्योंकि, एक-एक गुनहगारों की तस्वीरें और बयान सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं, उनमें तो कोई पछतावे का भाव ही नहीं दिख रहा।
पाकिस्तान कर रहा है कार्रवाई के दावे
दरअसल, फैक्ट्री के वर्करों का आरोप है कि कुमारा ने पैगम्बर मोहम्मद से जुड़ा किसी पोस्टर का अपमान किया। उनका शव कोलंबो पहुंचने से पहले श्रीलंका में पाकिस्तान के कार्यकारी राजदूत तनवीर अहमद ने दूतावास में पहुंचे बौद्ध, हिंदू, मुस्लिम और ईसाई धर्म के लोगों और नेताओं को भरोसा दिलाने की कोशिश की कि, 'जो भी इसमें शामिल होंगे उन्हें पकड़ने में पाकिस्तान कोई कसर नहीं छोड़ेगा। उन्हें बहुत ही कठोर सजा दी जाएगी।' वो बोले कि पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को भरोसा दिलाया है कि पाकिस्तान सरकार लिंचिंग की जांच करेंगे। उन्होंने राजपक्षे को बताया है कि पाकिस्तानी पुलिस ने इस सिलसिले में 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है।
दुनियाभर में शर्मसार हुआ पाकिस्तान
पाकिस्तान में सिर्फ ईश निंदा कानून का आरोप मॉब लिंचिंग का कारण बन सकता है, इस वारदात ने यह साफ कर दिया है। आरोप फैक्ट्री के कर्मचारियों ने लगाए हैं और उसकी पुष्टि कौन करेगा कि ऐसा कुछ हुआ भी था या नहीं ? जबकि वहां ईश निंदा का आरोप सिद्ध होने पर सजा-ए-मौत तक की भी व्यवस्था है। ये कोई पहला मामला नहीं है, जब सिर्फ ईश निंदा के आरोप लगने की वजह से वहां भीड़ ने कानून हाथ में ले लिया हो। अल-जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1990 से लेकर अबतक वहां कम से कम 80 लोगों की जान इन्हीं आरोपों में ले ली गई हैं। अब विदेशी नागरिक के साथ हुई है तो पाकिस्तान की पोल खुली है और वह दुनिया से माफी मांग रहा है। (अंतिम दोनों तस्वीर-पत्रकार सना जमाल के ट्विटर के सौजन्य से )