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ग़ुलामों को बच्चे पैदा करने के लिए करते थे मजबूर ताकि ग़ुलाम कम ना पड़ें - स्टडी

एक अहम डीएनए स्टडी ने 16 से 19वीं शताब्दी के बीच अमरीकी महाद्वीप के देशों में ग़ुलामों के तौर पर खरीद कर लाए गए लाखों अफ्रीकियों पर रोशनी डाली है.

By BBC News हिन्दी
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अफ़्रीकी
Reuters
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एक अहम डीएनए रिसर्च में अमरीकी महाद्वीप में 16 से 19वीं शताब्दी के बीच अफ़्रीका से ग़ुलाम बनाकर लाए गए लाखों लोगों के बारे में बहुत कुछ नई जानकारी मिली है.

इस अध्ययन में 50,000 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया था. इसके ज़रिए यह पता लगाने की कोशिश की गई है कि ग़ुलामों के तौर पर खरीद-फरोख्त होकर अमरीकी देशों में आए इन अफ्रीकी लोगों का क्या मौजूदा वक्त की आबादी पर किसी तरह का जेनेटिक असर हुआ है?

इस अध्ययन में रेप, दुर्व्यवहार, बीमारियों और नस्लीय भेदभाव के परिणाम भी सामने आते हैं.

1515 से लेकर 19वीं सदी के मध्य तक 1.25 करोड़ से ज्यादा अफ्रीकी लोगों की खरीद-फरोख्त हुई थी.

इस दौरान अमरीकी देशों को जाते वक्त रास्ते में ही करीब 20 लाख पुरुष, महिलाओं और बच्चों की मौत हो गई.

इस डीएनए स्टडी की अगुवाई कंज्यूमर जेनेटिक्स कंपनी 23एंडमी ने की थी. इसमें अफ्रीकी मूल के 30,000 से लोगों को शामिल किया गया था.

इस स्टडी के नतीजों को अमेरिकन जर्नल ऑफ ह्यूमन जेनेटिक्स में प्रकाशित किया गया था.

जहाज़
Getty Images
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अंगोला और कॉन्गो में मिलती हैं जड़ें

23एंडमी के एक पॉपुलेशन जेनेटिसिस्ट (जनसंख्या आनुवांशिक विज्ञानी) स्टीवन मिशेलेटी ने एएफपी न्यूज एजेंसी को बताया कि इसका मकसद जेनेटिक नतीजों की तुलना गुलामों के जहाजों की सूची से करने का था ताकि यह देखा जा सके कि ये आंकड़े कितना मिलान करते हैं और कहां पर इनमें अंतर है.

हालांकि, इनकी ज्यादातर खोज अफ्रीका से कहां पर ले जाए गए और अमरीकी देशों में किन जगहों पर इन्हें गुलाम बनाया गया, इसको लेकर ऐतिहासिक दस्तावेजों से तालमेल खाती है, लेकिन वे कहते हैं, "कुछ मामलों में हम देखते हैं इनमें भयंकर अंतर है."

स्टडी में, गुलामों के लाए जाने के अहम रास्ते की तर्ज पर, पता चला है कि अफ्रीकी मूल के ज्यादातर अमरीकी लोगों की जड़ें आज के अंगोला और कॉन्गो में हैं.

अमरीका और लैटिन अमरीका में नाइजीरियाई मूल के लोगों के ज्यादा प्रतिनिधित्व की बात इसमें चौंकाती है. इस इलाके में गुलाम बनाए गए लोगों की संख्या के साथ स्टडी के आंकड़ों की तुलना करने पर यह तथ्य सामने आया है.

शोधार्थियों का कहना है कि इसे 1619 से 1807 के बीच हुए अंतर-औपनिवेशिक व्यापार के जरिए समझा जा सकता है.

इनका मानना है कि गुलाम बनाए गए नाइजीरियाई मूल के लोगों को ब्रिटिश कैरीबियन से दूसरे इलाकों में ले जाया गया था. इसकी वजह मोटे तौर पर गुलामों के कारोबार की अर्थव्यवस्था को बरकरार रखना था क्योंकि ट्रांसअटलांटिक गुलामों के कारोबार पर तेजी से रोक लग रही थी.

इसी तरह से शोधार्थी सेनेगल और गाम्बिया के कम प्रतिनिधित्व को देखकर हैरान हैं. ये उन शुरुआती इलाकों में थे जहां से गुलामों को दूसरे देशों को ले जाए जाने की शुरुआत हुई थी.

महिलाओं के साथ रेप और यौन दुर्व्यवहार

ग़ुलाम
Getty Images
ग़ुलाम

शोधार्थियों ने इसके पीछे दो दुखद फैक्टर गिनाए हैः पहला, कई लोगों को धान के खेतों में काम करने के लिए भेजा गया था. इन जगहों पर मलेरिया और दूसरे जानलेवा हालात थे.

दूसरा, बाद के सालों में बड़ी संख्या में बच्चों को भेजा गया, इनमें से ज्यादातर अपने गंतव्य तक पहुंचने से पहले ही मर गए.

स्टडी में यह भी पता चला है कि गुलाम बनाई गई महिलाओं के साथ जिस तरह का बर्ताव किया गया उसने भी अमरीकी देशों में मौजूद हालिया पीढ़ी पर अपनी छाप छोड़ी है.

शोधार्थियों का कहना है कि इसकी वजह यह हो सकती है कि गुलामों के मालिकों ने इन महिलाओं को रेप और दूसरे यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया था.

शोधार्थियों ने ब्रैंक्वीमेंटो नाम की एक नीति का भी ज़िक्र किया जिसमें कई देशों में यूरोपीय पुरुषों को भेजे जाने को प्रोत्साहित किया जाता था ताकि बच्चे पैदा करने के ज़रिए अफ्रीकी मूल को कम किया जा सके.

बच्चे पैदा करने की मजबूरी ताकि बनी रहे गुलामों की आबादी

इस स्टडी में बताया गया है कि गुलाम बनाकर लाए गए लोगों को बच्चे पैदा करने के लिए मजबूर किया जाता था ताकि ट्रांसअटलांटिक ट्रेड पर तकरीबन लगाम लगने के बाद गुलामों की आबादी बरकरार रहे.

अमरीका में अक्सर महिलाओं को अक्सर बच्चे पैदा करने पर आज़ादी का वादा किया जाता था.

ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन ने उपनिवेशवाद और अफ्रीकी अमरीकियों पर थोपी गई दास प्रथा की हकीकत को उजागर कर दिया है. उपनिवेशवाद के दौर में गुलामों का कारोबार करने वालों के स्टेचू जमींदोज कर दिए गए हैं क्योंकि विरोध प्रदर्शन करने वाले गुलामी का महिमागान करने वाले इन प्रतीकों को नष्ट कर देना चाहते हैं.

BBC Hindi
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English summary
They used to force the slaves to have children so that the slaves would not become less - study
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