ये हैं यूनेस्को के नए विश्व धरोहर स्थल
संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक संस्था यूनेस्को अपनी विश्व धरोहरों की सूची में हर साल नई इमारतों और जगहों को संरक्षण के लिए जोड़ती है. इस बार इस सूची में कई नाम शामिल किए गए हैं.
इस बार भारत के 'गुलाबी शहर' के नाम से मशहूर राजस्थान के जयपुर को भी विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है. जयपुर की कई इमारतें 1727 में इसकी स्थापना के वक्त की हैं.
संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक संस्था यूनेस्को अपनी विश्व धरोहरों की सूची में हर साल नई इमारतों और जगहों को संरक्षण के लिए जोड़ती है. इस बार इस सूची में कई नाम शामिल किए गए हैं.
भारत का जयपुर शहर
इस बार भारत के 'गुलाबी शहर' के नाम से मशहूर राजस्थान के जयपुर को भी विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है.
जयपुर की कई इमारतें 1727 में इसकी स्थापना के वक्त की हैं, जो आज भी बेहद खूबसूरत नज़र आती हैं.
देश-विदेश के पर्यटकों के लिए ये जगह खास आकर्षण का केंद्र रहती है.
आइसलैंड का वातनायकुल राष्ट्रीय पार्क
ये ज्वालामुखीय क्षेत्र आइसलैंड के 14% हिस्से में फैला है.
इस पार्क में बहुत से ग्लेशियर हैं. इसके अलावा यहां कई खूबसूरत प्राकृतिक जीव, लावा फील्ड्स और अनोखे जीव जंतु पाए जाते हैं.
फ्रेंच ऑस्ट्रल लैंड्स एंड सीज
ये जगह दक्षिणी समुद्र के बीचों-बीच है. छोटे-छोटे इन द्वीपों को यूनेस्को की नए विश्व धरोहरों की लिस्ट में शामिल किया गया है.
यहां पर दुनिया में सबसे बड़ी तादाद में पक्षी और जल जीव पाए जाते हैं. इनमें किंग पेंग्विन भी शामिल हैं.
प्राचीन जापान की माउंडेड टॉम्ब्स
जापान के ओसाका प्रांत में 49 मक़बरे हैं, जो तीसरी से छठी सदी के ज़माने के हैं.
यहां अलग-अलग आकार के टीले हैं, जिनमें चाबी लगाने वाले छेद की तरह दिखने वाला एक बड़ा-सा टीला भी शामिल है. इस टीले का नाम सम्राट निनटोकू के नाम पर रखा गया है और ये जापान का सबसे बड़ा मक़बरा है.
इराक का बेबीलोन
कई सालों की कोशिशों के बाद प्राचीन शहर बेबीलोन को यूनेस्को की लिस्ट में शामिल किया गया है.
इराक में सियासी उठापटक की वजह से इस जगह को काफी नुकसान हुआ था, लेकिन हाल में यहां मरम्मत का काम किया गया है.
बगान, म्यांमार
म्यांमार की ये प्राचीन राजधानी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है.
यहां हज़ारो बुद्ध मंदिर हैं. थोड़ी दूरी से देखने पर हज़ारों मंदिरों वाली ये जगह बेहद खूबसूरत नज़र आती है.
प्लेन ऑफ जार, लाओस
बड़े-बड़े पत्थरों से बने मटके. ये जगह सेंट्रल लाओस में है.
पुरातत्वविदों का मानना है कि ये हज़ारों रहस्यमयी पत्थर के बने मटके लौह युग के हैं.
उनका मानना है कि शायद इनका इस्तेमाल अंतिम संस्कार के वक्त किया जाता होगा.