Lockdown: ये अमेरिकी तो बड़े लापरवाह निकले, मौत सामने है और मस्ती सूझ रही है!
नई दिल्ली- कोरोना वायरस के डर और लॉकडाउन की घुटन ने अमेरिका के कम से कम दो राज्यों के लोगों को तो पूरी तरह से आजिज बना दिया है। शनिवार को न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी की सड़कों, समंदर के किनारों और बाकी सार्वजनिक स्थलों पर जो नजारा दिखा उससे लगा मानो अमेरिका पर कोरोना ने इतना कहर बरपा दिया है कि लोग अब सामने खड़ी मौत से भी बेपरवाह हो चुके हैं। अमेरिकियों की हरकत देखकर तो लगता है कि अपने भारत में तो फिर भी लोग ज्यादा सतर्क हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहते हैं। लेकिन, अमेरिकी में इतनी डिस्टेंसिंग हो चुकी है कि अब लोग सबकुछ भुला देने के लिए उतावले नजर आ रहे हैं।
अमेरिका में भी उड़ रही हैं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
अमेरिका के दोनों बड़ी आबादी वाले शहरों न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी के कुछ लोकप्रिय बार और शराब के ठिकानों पर उमड़ी भीड़ को देखने से अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है कि अमेरिका के यही दो शहर पिछले दो महीनों से कोरोना की सबसे बड़ी तबाही झेल रहे हैं। लगता है कि घरों में बंद रह-रह कर लोग इतने तंग आ चुके हैं कि मस्ती की कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं। लोग इतने बेपरवाह हो चुके हैं कि बिना मास्क लगाए ही घूम रहे हैं। ये उन शहरों की बात है जिसे अमेरिका में कोरोना का एपिसेंटर माना जा रहा है। जब लोगों के इस बर्ताव के बारे में एक मीडिया वाले ने न्यूयॉर्क के चर्चित मैनहट्टन पर 72 साल की अल ट्रेंट से पूछा तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा, 'उन्हें हमारी कोई फिक्र नहीं है।' वो बहुत देर तक एक बेंच पर बैठी बिना मास्क के आने-जाने वालों को ही निहार रही थी। लेकिन, भीड़ तो गर्मी जैसे हुए मौसम का आनंद उठा लेना चाहती थी, चाहे यह महामारी का केंद्र ही क्यों न हो।
मौत का आंकड़ा कुछ कम हुआ और लोग निकल पड़े....
जब मीडिया वालों ने कुछ बार टेंडर से बात की तो उन्होंने माना कि बहुत ज्यादा लोग जुट गए हैं। शुक्रवार तक उन्होंने बार में सोशल डिस्टेंसिंग देखी थी, लेकिन शनिवार को बड़ी मात्रा में युवा पहुंच गए थे, जो न तो मास्क पहनना चाहते थे और न किसी की सुनने को तैयार थे। शहर के काउंसिल मैन मार्क लिवाइन जो कि हेल्थ कमिटी के भी चीफ हैं, उन्होंने इस स्थिति के लिए सारा दोष 'क्वारंटीन' में रहने से हुई थकावट पर डाल दिया। लेकिन, इसके साथ ही उन्होंने यह आशंका भी जताई कि इन हरकतों के चलते एकबार फिर से मौतों का सिलसिला शुरू हो जा सकता है। अकेले न्यूयॉर्क की बात करें तो शनिवार तक ही बीते 24 घंटे में ही कोरोना ने 100 लोगों की जान ले ली थी। लेकिन, मध्य अप्रैल में यह आंकड़ा रोजाना 500 तक चला गया था।
ये आजादी जानलेवा है!
न्यूयॉर्क से सटे न्यूजर्सी के लोग भी शनिवार को पूरी तरह से मस्ती के मूड में आए दिखे। यहां के पॉपुलर बेलमार बीच पर लोगों का हुजूम उमड़ता दिख रहा था। न सड़कों पर सोशल डिस्टेंसिंग और न ही सी बीच पर। वहां के एक रिपोर्टर ने शहर के बोर्डवॉल्क के बारे में ट्वीट किया कि वह तो अश्लील तरीके से पैक नजर आ रहा है। बीच से सटे सड़कों पर भी सामान्य दिनों की तरह ही नजारा दिखा रहा था। छोटे-छोटे बच्चे साइकिल भगाते नजर आ रहे थे। ऐसा लग रहा था कि सबको किसी कैद से छुटकारा मिल गया हो और वो खुद को आजाद महसूस कर रहे हों।
हमें उस नरक में वापस नहीं जाना, सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी- गवर्नर
मैनहट्टन के एक डेमोक्रैट ने न्ययॉर्क के मेयर से गुजारिश की है कि सड़कों, समंदर किनारों, खेल के मैदानों और पार्कों को सुरक्षित बनाने की योजना पर ध्यान दें। क्योंकि उन्होंने आशंका जताई है कि आने वाली गर्मियों में न्यूयॉर्क में हालात और भी ज्यादा खराब हो सकते हैं। पुलिस भी इसी बात का रोना रो रही है कि ऐसे तो गर्मी बढ़ने के साथ लोग और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करेंगे और हालात बद से बदतर होते चले जाएंगे। पुलिस का कहना है कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करेंगे तो वो कोई कार्रवाई नहीं कर पाएंगे, बल्कि सिर्फ समन ही भेज सकेंगे। जब मेयर के प्रवक्ता से लोगों के इस बर्ताव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि न्यूयॉर्क की पुलिस ने तो लोगों को बचाने के लिए ही इतनी कुर्बानियां दी हैं, ताकि वो सुरक्षित रह सकें। हालात की गंभीरता को देखते हुए न्यूयॉर्क के गवर्नर ने लोगों से कहा है कि आंकड़ों में सुधार के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें- हमें उस नरक में नहीं जाना है, जिससे होकर गुजरे हैं।
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