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मोहम्मद अली के मुसलमान बनने की असली कहानी

आज मोहम्मद अली की पुण्यतिथि है. अली की दूसरी पत्नी कमाचो अली ने बताई अपने पति के मुस्लिम बनने की असली कहानी.

By Bbc Hindi

अमरीका के महान मुक्केबाज़ मोहम्मद अली ने सार्वजनिक रूप से 1964 में इस्लाम कबूल किया था. मोहम्मद अली के जीवन के लिए यह बेहद असाधारण क़दम था.

उनके आलोचक इस्लाम कबूल के करने के फ़ैसले से काफ़ी नाराज़ थे. उनके गृह नगर के अख़बारों ने अली के जन्म के वक़्त का नाम कैसिस क्ले ही लिखना जारी रखा.

अली ने वियतनाम युद्ध में शामिल होने से इनकार कर दिया था. इस क़दम से उन्हें अपने खिताब और आजीविका से हाथ धोना पड़ा लेकिन अंत में उन्हें इन्हीं फ़ैसलों ने एक मजबूत शख़्स के रूप में स्थापित भी किया.

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मोहम्मद अली का निधन तीन जून 2016 को 74 साल की उम्र में हुआ था. अली ने इस्लाम कबूल करने की वजह बिल्कुल अलग बताई थी.

1967 में जैक ओल्सेन ने 'ब्लैक इज बेस्ट: द रिडल ऑफ कैसिस क्ले' नाम से एक क़िताब लिखी थी. इस क़िताब में अली ने कहा है न्यूयॉर्क के हर्लेम सड़क किनारे उनकी पहली बार मुलाकात एक धर्म परिवर्तन कराने वाले से हुई थी.

अली ने बाद में कहा कि 1960 या 1961 की शुरुआत में मियामी में इस्लामिक देशों की बैठक थी और वहीं ऐसा हुआ. इसके साथ उन्होंने यह भी कहा है कि उनकी पहली मुलाकात शिकागो में हुई.

लेकिन इन सबसे अलग कैसिस क्ले यानी मोहम्मद अली के मुसलमान बनने की कहानी कुछ और है.

इसके बारे में कहा जा रहा है कि यह सबसे ज़्यादा विश्वसनीय है. इसे टाइम पत्रिका ने अपनी वेबसाइट पर पब्लिश किया है.

'अली: ए लाइफ, आउट इन ऑक्टूबर फ्रोम हाटिन मिफ़लिन हरकोर्ट' नाम की एक क़िताब आने वाली है. इस क़िताब के लेखक जोनाथन ईग हैं.

इस किताब में एक अंश में एक पत्र का ज़िक्र है जिसे अली ने अपनी दूसरी पत्नी खलिलाह कामाचो-अली को लिखा था. दुनिया के महान मुक्केबाज़ अली से कामाचो की शादी 1967-76 तक रही थी.

कामाचो अली ने कहा है कि उनके पूर्व पति ने यह पत्र 1960 के दशक में लिखा था.

अली ने पत्र में लिखा है कि वह नेशन ऑफ इस्लाम अख़बार में एक कार्टून देख रहे थे. वह अपने गृहनगर लुईवेल में स्केटिंग रिंग के बाहर थे.

कार्टून में दिखाया गया था कैसे गोरे दास मालिक क्रूरता से अपने दासों को मारते हैं और दूसरी तरफ़ वे जीज़स की प्रार्थना भी करते हैं. इसका साफ़ संदेश था कि ईसाइयत गोरे दमनकारियों का धर्म है.

अली को यह कार्टून पसंद आया. अली ने लिखा है कि उस कार्टून का असर उन पर पड़ा और इसके बाद ही यह ख़्याल आया. कामाचो अली ने मोहम्मद अली से विवाहेत्तर संबंधों को लेकर सवाल पूछा था. उन्होंने अली से इस मामले में एक पत्र लिखने को कहा था. कमाचो ने ही कहा था कि उन्हें क्यों इस्लाम के साथ जाना चाहिए.

कामाचो अली ने कहा कि वह इससे बड़ा हो सकते हैं. कामाचो ने टाइम से कहा, ''लेकिन आप अल्लाह से बड़ा नहीं हो सकते हैं. आपको आत्मावलोकन करना होगा. जब आप व्यभिचार करते हैं तो इसके परिणाम भी भुगतने होते हैं.''

BBC Hindi

Story first published: Wednesday, November 15, 2017, 11:46 [IST]
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