वेंटिलेटर सपोर्ट पर सलमान रुश्दी, अमेरिकी राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा, 'यह हमला निंदनीय'
अमेरिका के राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि, हम इस घटना की निंदा करते हैं और जिन लोगों ने ऐसे समय में रुश्दी की मदद की ऐसे नागरिकों के प्रति हम आभार प्रकट करते हैं।
न्यूयॉर्क,
13
अगस्त
:
भारतीय
मूल
के
उपन्यासकार
और
प्रख्यात
लेखक
सलमान
रुश्दी
(Salman
Rushdie
The
Indian
born
novelist)
हमले
के
बाद
फिलहाल
वेंटिलेटर
सपोर्ट
पर
हैं।
वहीं,
रुश्दी
पर
हुए
हमले
की
घटना
को
अमेरिका
ने
निंदनीय
करार
दिया
है।
व्हाइट
हाउस
में
अमेरिका
के
राष्ट्रपति
के
राष्ट्रीय
सुरक्षा
सलाहकार
जेक
सुलिवन
(Jake
Sullivan,
White
House
National
Security
Advisor)
ने
इस
हमले
की
कड़ी
निंदा
करते
हुए
सलमान
रुश्दी
(SalmanRushdie)
के
शीघ्र
स्वस्थ
होने
की
प्रार्थना
की।
सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला, अमेरिका ने की कड़ी निंदा
सलमान रुश्दी को 10-15 बार चाकू घोंपकर घायल किया गया है। गर्दन और धड़ में छुरा घोंपने के बाद घंटों की सर्जरी के बाद फिलहाल सलमान रुश्दी वेंटिलेटर पर हैं। रॉयटर्स ने अपने बुक एजेंट के हवाले से रिपोर्ट में कहा कि उनकी एक आंख की रोशनी भी जा सकती है।
सलमान रुश्दी के गर्दन और धड़ में चाकू घोंपा गया
पुलिस के मुताबिक, न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान सलमान रुश्दी के गर्दन और धड़ में चाकू घोंपा गया। वहीं उन्हें पेट में भी चाकू मारा गया है। जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया था। अमेरिकी पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है। न्यूयॉर्क राज्य पुलिस ने सलमान रुश्दी पर हमला करने वाले संदिग्ध की पहचान न्यू जर्सी के 24 वर्षीय हादी मटर के रूप में की है। हालांकि इस घटना को उसने अंजाम क्यों दिया, इसके पीछे का मकसद अभी भी अज्ञात है।
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जेक सुलिवन ने हमले को निंदनीय बताया
अमेरिका के राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि, हम इस घटना की निंदा करते हैं और जिन लोगों ने ऐसे समय में रुश्दी की मदद की ऐसे नागरिकों के प्रति हम आभार प्रकट करते हैं।
ईरान से जान से मारने की धमकी मिली थी
बता दें कि भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक रुश्दी को उनकी किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' के कारण ईरान से जान से मारने की धमकी मिली थी। सलमान रुश्दी की ये किताब 1988 में रिलीज हुई थी। 30 साल पहले सलमान रुश्दी के खिलाफ फतवा जारी किया गया था, जिसके बाद अब उन पर हमला हुआ है।
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सलमान के एक उपन्यास से इस्लामिक कट्टरपंथी नाराज
सलमान रुश्दी के उपन्यास 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' को दो बार सर्वश्रेष्ठ नॉवेल के पुरस्कार से समान्नित किए जान के बाद वो दुनिया में छा गए थे। 1981 के बाद 1988 में आई उनकी एक और किताब ने इस्लामिक कट्टरपंथी देशों में भूचाल ला दिया। इस पुस्तक का नाम था 'द सैटेनिक वर्सेज' (The Satanic Verses)।
'द सैटेनिक वर्सेज' पर ईशनिंदा का आरोप
कथित तौर पर ये आरोप लगे कि पुस्तक 'द सैटेनिक वर्सेज' में पैगंबर मुहम्मद के बारे में अपमानजनक बातें लिखी गईं। फिर क्या ये बात साने आते ही कट्टरपंथियों ने पुस्तक पढ़ने की जरुरत ही नहीं समझी और विरोध शुरू कर दिया। बाद में ईरान व भारत समेत कई देशों में प्रतिबंधित कर दी गई।