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सर्वे में दावा- हर तीन में से एक महिला वकील का होता है यौन शोषण, संस्‍था ने बताया सर्वे को डरावना

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लंदन। इंटरनेशनल बार एसोसिएशन (International Bar Association, IBA) ने अपने एक सर्वे में कहा है कि दुनिया भर में महिला वकील बड़े पैमाने पर यौन उत्‍पीड़न जैसी गंभीर समस्‍या का सामना करने को मजबूर हैं। सर्वे के मुताबिक हर तीन में से एक महिला आज इससे पीड़‍ित है। यह सर्वे ऐसे समय में आया है जब पिछले दिनों भारत में मुख्‍य न्‍यायधीश (CJI) रंजन गोगोई पर भी ऐसे आरोप लगे थे। इसके अलावा दुनियाभर में मी टू (Me Too Movement) के तहत अलग-अलग क्षेत्र की महिलाओं ने यौन उत्‍पीड़न के आरोप लगाए थे। इस सर्वे में लॉ फर्म को भी मी टू आंदोलन के तहत लाया गया जो खासतौर पर मनोरंजन क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।

सबसे ज्‍यादा केस अमेरिका में

सबसे ज्‍यादा केस अमेरिका में

एसोसिएशन के सर्वे में 135 देशों की 6,980 महिला वकीलों से ऑनलाइन प्रतिक्रियाएं मांगी गई थी। उनकी प्रतिक्रियाओं के आधार पर एसोसिएशन ने माना कि लॉ इंडस्‍ट्री में आज यौन उत्‍पीड़न बहुत आम हो गया है। साथ ही महिला वकीलों का उपहास या मजाक उड़ाना आदत में शामिल हो गया है। सर्वे के मुताबिक दुनियाभर में 22 प्रतिशत महिला वकील यौन उत्‍पीड़न की समस्‍या का शिकार हैं। अमेरिका में यह दर सबसे ज्‍यादा है और यहां पर 32.6 प्रतिशत महिला वकीलों को वर्कप्‍लेस पर इसका सामना करना पड़ता है। वहीं ऑस्‍ट्रेलिया में 30 प्रतिशत तो यूके में 21.8 प्रतिशत महिला वकील इसकी पीड़‍ित हैं।

कंपनियों में काम करने वाली वकील भी शामिल

कंपनियों में काम करने वाली वकील भी शामिल

इस सर्वे में लॉ फर्म्‍स में काम करने वाली 73 प्रतिशत महिलाओं का शामिल किया गया था। वहीं कॉरपोरेशंस और अलग-अलग संगठनों के लिए काम करने वाली नौ प्रतिशत, बैरिस्‍टर्स चैंबर्स की छह प्रतिशत और सरकार के साथ काम करने वाली पांच प्रतिशत महिलाओं को शामिल किया गया था। 40 वर्ष से कम उम्र की वकीलों की संख्या 53 प्रतिशत थी। आईबीए के सर्वे में 75 प्रतिशत केस सेक्‍सुअल हैरेसमेंट के ऐसे होते हैं जिनकी जानकारी ही नहीं हो पाती है तो बुलिंग में ऐसे केसेज की संख्या 57 प्रतिशत हैं।

आंख खोलने वाला है सर्वे

आंख खोलने वाला है सर्वे

दो वर्ष पहले मी टू मूवमेंट की शुरुआत हुई थी और तब से लॉ फर्म्‍स को बताया गया था कि वे इन आरोपो का सामना कैसे कर सकती हैं। आईबीए के प्रेसीडेंट होरासियो बर्नाडेस नेटो का कहना है कि वकीलों को खुद ही हायरिंग करनी होगी और साथर ही वर्कप्‍लेस पर बर्ताव को सही रखना होगा क्‍योंकि अब दोहरे मापदंडो का खतरा बढ़ता जा रहा है। सर्वे रिपोर्ट तैयार करने वाले किरेन पेंडर ने उम्‍मीद जताई की यह रिपोर्ट इस सेक्‍टर के लिए आंख खोलने वाली होगी।

 काम-काज के तरीकों को बदलने की जरूरत

काम-काज के तरीकों को बदलने की जरूरत

किरेन के मुताबिक कई लोगों मानते हैं कि लॉ इंडस्‍ट्री में यौन उत्‍पीड़न और दादागिरी बड़े पैमाने पर फैली और समस्‍या है। लेकिन जो आंकड़ें आएं हैं, वे चौंकाने वाले हैं। इस रिपोर्ट की मानें तो एक तिहाई केसों में यौन उत्‍पीड़न के मामलों का पता ही नहीं चल पाता है। रिपोर्ट लॉ कंपनियों को ऑफिसों में काम काज के तरीकों पर फिर से गौर करने की जरूरत है।

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English summary
The International Bar Association survey says one in three female lawyers sexually harassed.
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