ट्रंप पर मंडरा रहे रूसी 'संकट' के बादल
- अमरीकी ख़ुफिया एजेंसियों ने ट्रंप के पक्ष में राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की बात कही है.
- रूस के हैकर्स ने विपक्षी उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन से जुड़ी जानकारियां चुराईं
- उन्हें कमज़ोर साबित करने के लिए सारी जानकारी विकीलीक्स को दे दी.
अमरीकी ख़ुफिया एजेंसियां इस निष्कर्ष पर पहुंची हैं कि रूस ने डोनल्ड ट्रंप के पक्ष में राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की थी.
आरोप है कि रूस के हैकर्स ने विपक्षी उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन से जुड़ी जानकारियां चुराईं और उन्हें कमज़ोर साबित करने के लिए सारी जानकारी विकीलीक्स को दे दी.
इस मामले की जांच के लिए कांग्रेस ने एक समिति बनाई थी और मार्च में तत्कालीन एफ़बीआई निदेशक जेम्स कोमी ने पुष्टि की थी कि एजेंसी अपनी जांच अलग से करेगी.
राष्ट्रपति ट्रंप ने कोमी को 9 मई को पद से हटा दिया था. उन्होंने कोमी को 'रूसी' करार दिया था. इस कदम का वॉशिंगटन में काफ़ी विरोध भी हुआ था.
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हालांकि, इसके बावजूद एफ़बीआई की जांच रूकी नहीं. 18 मई को जस्टिस डिपार्टमेंट ने पूर्व एफ़बीआई निदेशक रॉबर्ट म्यूलर को इस मामले की जांच के लिए विशेष वकील नियुक्त किया.
मामले की जांच को लेकर रॉबर्ट की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन अमरीकी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, रॉबर्ट म्यूलर कोमी को पद से हटाने और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ़्लिन को बर्ख़ास्त करने के मामले में ट्रंप की कथित भूमिका की जांच कर रहे थे.
माइकल फ़्लिन ने इस साल फ़रवरी में वॉशिंगटन में रूसी राजनयिक सर्गेइ किस्लियाक से संपर्क रखने की बात सामने आने के बाद इस्तीफ़ा दे दिया था.
राष्ट्रपति ट्रंप ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए रूस से किसी तरह का संबंध रखने से इनकार किया है.
चेतावनी के संकेत
मई 2016 में पहली बार इस बात के संकेत मिले थे कि हैकर डेमोक्रेटिक पार्टी को निशाना बना रहे हैं. अगले दो महीनों में अमरीकी ख़ुफिया एजेंसियों को रिपोर्ट्स मिली और उनके तार रूसी हैकर्स से जुड़ते दिखे.
जुलाई में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेशनल कन्वेंशन की शाम विकीलीक्स ने हैकर्स की ओर से चुराए गए 20,000 इंटरनल ई-मेल प्रकाशित कर दिए. अमरीकी ख़ुफिया एजेंसियों का मानना था कि इसके पीछे रूस का ही हाथ है. लेकिन ट्रंप और उनकी पार्टी ने सार्वजनिक तौर पर आरोपों को मानने से इनकार कर दिया.
हालांकि, एक बार प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान रूसी हैकर्स को न्योता देकर ट्रंप घिर गए थे. ट्रंप ने कहा था, "रूस! अगर तुम सुन रहे हो तो मुझे उम्मीद है तुम उन 30,000 ई-मेल्स का पता लगा सकते हो जो अभी ग़ायब हैं."
पहला नुकसान
इसी समय हैकिंग स्कैंडल के बारे में पता चलने लगा था. ट्रंप के तत्कालीन कैंपेन मैनेजर पॉल मैनाफ़ोर्ट पर यूक्रेन और अमरीका में रूस का पक्ष रखने की एवज़ में लाखों डॉलर कैश लेने का आरोप लगा था.
अगस्त 2016 में मैनाफ़ोर्ट को ट्रंप कैंपेन छोड़ना पड़ा. उनके ख़िलाफ़ भी एफ़बीआई और न्यूयॉर्क के अधिकारी जांच कर रहे हैं.
फ़्लिन की तरह मैनाफ़ोर्ट के पास क़रीब 40 साल का राजनीतिक अनुभव है. वह कुछ विवादों में ट्रंप का नाम उछालना चाहते थे, लेकिन ख़ुद उसी जाल में फंस गए.
उन पर यह भी आरोप लगे कि यूक्रेन में उन्होंने काफ़ी मात्रा में फ़ंड चोरी-छिपे लिया है और यह भी कहा गया कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति के पुतिन के राजनीतिक फ़ायदे के लिए वहां के एक शख्स के साथ भी काम किया.
ख़ुफ़िया जानकारियों से बढ़ी मुश्किल
अक्टूबर में अमरीकी ख़ुफ़िया कम्युनिटी ने डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी (DNC) की हैकिंग में रूस का हाथ होने का आरोप लगाया.
राष्ट्रपति ट्रंप इन आरोपों के ख़िलाफ़ लगातार बहस करते रहे. प्रसिडेंशियल डिबेट में उन्होंने कहा था, ''रूस हो सकता है, लेकिन ये चीन भी हो सकता है. ये कोई और भी हो सकता है. यह अपने बेडरूम में बैठा कोई ऐसा व्यक्ति भी हो सकता है जो 400 पाउंड वज़न का हो.''
उसी दिन ख़ुफिया एजेंसियों के सामने 2005 में ट्रंप की ओर से महिलाओं को लेकर दिए गए कुछ ख़राब बयानों की रिकॉर्डिंग आ गई. इसके एक घंटे बाद, विकीलीक्स ने क्लिंटन के और ईमेल लीक करना शुरू कर दिया.
'पुतिन हमेशा से स्मार्ट थे'
दिसंबर में एफ़बीआई और होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें दावा किया गया कि हैकिंग में रूस का हाथ है.
जवाब में, तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रूस के 35 राजनयिकों को बर्ख़ास्त कर दिया. पूरी दुनिया को उस वक़्त पुतिन के जवाब का इंतज़ार था, लेकिन वह चुप रहे. बाद में प्रेसिंडेट-इलेक्ट ट्रंप ने ट्वीट करके पुतिन की तारीफ़ की और कहा, "देरी का फ़ैसला काफ़ी अच्छा रहा. मैं हमेशा से जानता हूं वो स्मार्ट थे."
उसी महीने में ट्रंप ने रेक्स टिलरसन को विदेश मंत्री पद के लिए चुना जो कि कैबिनेट की सबसे महत्वपूर्ण जगह है. टिलरसन का रास्ता साफ होने में सबसे बड़ी बाधा थी पुतिन से क़रीबी संबंध.
एक ऑयल कंपनी के सीईओ के तौर पर टिलरसन ने रूस के कई नेताओं से अपने संबंध मज़बूत कर लिए थे. इससे काफी लोग ये अटकलें लगाने लगे थे कि क्या वह अमरीका के सबसे महत्वपूर्ण मंत्री पद की भूमिका के लिए फ़िट हैं या नहीं.
टिलरसन ने 2 फ़रवरी को विदेश मंत्री के तौर पर शपथ ली थी.
डॉज़ियर में किया गया दावा
जनवरी में बज़फीड ने पूर्व ब्रिटिश ख़ुफ़िया अधिकारी और रूस एक्सपर्ट क्रिस्टोफ़र स्टीले का एक डॉज़ियर प्रकाशित किया जिसमें आरोप लगाए गए कि रूस के पास पर्याप्त सामाग्री थी जिसके ज़रिए तत्कालीन प्रेसिडेंट-इलेक्ट को ब्लैकमेल किया जाना था.
तमाम आरोपों के बीच एक दावा ये भी था कि रूसी सुरक्षा सर्विस ने ट्रंप को मॉस्को के एक होटल में वेश्या से बातचीत करते हुए रिकॉर्ड किया था. हालांकि ट्रंप ने आरोप ख़ारिज कर दिए.
उस वक्त सीएनएन ने स्पष्ट किया था कि राष्ट्रपति ओबामा और प्रेसिंडेंट-इलेक्ट ट्रंप को डॉज़ियर के बारे में जानकारी दी गई थी. बज़फीड ने एक कदम आगे बढ़ते हुए इससे जुड़े दस्तावेज़ भी प्रकाशित कर दिए.
फ़्लिन के ख़िलाफ़ सबूत
अमरीकी मीडिया ने रिपोर्ट किया कि फ़्लिन ने ट्रंप के कार्यभार ग्रहण करने से पहले रूस के राजदूत से ओबामा की नीतियों की चर्चा की थी.
प्राइवेट सिटीज़न का अमरीकी कूटनीति का इस तरह ज़िक्र करना ग़ैरक़ानूनी है.
23 दिन तक पद पर रहने के बाद फ़्लिन ने ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पद से इस्तीफ़ा दे दिया. रूस के प्रोपेगैंडा टीवी RT पर अक्सर नज़र आने वाले फ़्लिन ने एक बार मॉस्को में पुतिन की ओर से आयोजित डिनर पार्टी में भी हिस्सा लिया था.
व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद से पेंटागन ने फ़्लिन के ख़िलाफ़ जांच शुरू कर दी.
अटॉर्नी जनरल जेफ़ सेशंस पर भी सुनवाई के दौरान झूठ बोलने के आरोप लगे. उन्होंने कहा कि चुनाव कैंपेन के दौरान रूस से उनकी कोई बातचीत नहीं थी.
बाद में पता चला कि उन्होंने भी वॉशिंगटन में रूसी राजदूत से सितंबर में निजी मुलाकात की थी. इसके पहले वह राजदूतों के एक सम्मेलन में बीते साल भी उनसे मिले थे.
एफ़बीआई जांच और कार्रवाई
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के दो महीनों में कोमी ने एक सुनवाई के दौरान बताया कि एजेंसी चुनावों में रूस का प्रभाव होने की जांच कर रही है.
उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच जुलाई 2016 से चल रही है. लेकिन 9 मई को कोमी को पद से हटा दिया गया.
10 मई को ट्रंप ने ओवल ऑफ़िस में रूस के राजदूत और विदेश मंत्री से मुलाक़ात की थी. उन्होंने उनसे कहा, "कोमी को निकालकर काफी खुशी हुई है."
कोमी की गवाही
कोमी ने सीनेट के सामने अपनी गवाही में कहा कि ट्रंप ने उनसे ईमानदारी साबित करने को कहा था. उन्होंने कहा, "ये वो स्थिति थी जब मैं बिना कुछ कहे उनकी तरफ़ देखता रहा."
कोमी ने कहा कि ट्रंप ने उनसे फ़्लिन के ख़िलाफ़ जांच बंद करने को कहा था.
व्हाइट हाउस ने इस बात से भी इनकार किया कि ट्रंप ने फ़्लिन के ख़िलाफ़ जांच रोकने की बात कही थी. ट्रंप ने रॉबर्ट म्यूलर पर भी सवाल खड़े किए थे.
डोनल्ड ट्रंप जूनियर
9 जुलाई को एक ख़बर आई जिसे पहले रूसी नागरिकों और राष्ट्रपति ट्रंप के अंदरूनी सर्कल की निजी मुलाकात समझा जा रहा था.
ट्रंप के बेटे डोनल्ड ट्रंप जूनियर ने रूसी वकील नतालिया वेसेल्नीत्स्काया से 9 जून 2016 को मुलाकात की बात कबूल की. यह मुलाकात तब हुई थी जब उन्हें पता चला की नतालिया क्लिंटन के ख़िलाफ़ मिले दस्तावेज़ नष्ट कर सकती हैं.
हालांकि बाद में उन्होंने यह कहा कि वकील ने उन्हें कोई काम की जानकारी नहीं उपलब्ध कराई. मीटिंग में ट्रंप की बेटी के पति जैरेड कुशनर और मैनाफ़ोर्ट भी मौजूद थे.