नॉट्र डाम की आग बुझाने में अहम थे वो 30 मिनट
शहर के इस सबसे प्रमुख गिरिजाघर को बचाने के दौरान के वो पंद्रह से तीस मिनट का वक़्त सबसे अहम रहा
850 साल पुरानी वो इमारत जल रही थी और सारा शहर उसे आंसू भरी आंखों से निहार रहा था. वो इमारत किसी का घर नहीं थी लेकिन आस्था का केंद्र था और उस शहर की पहचान भी था. पेरिस का मशहूर नॉट्र डाम कैथेड्रल सोमवार को आग की चपेट में आकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया.
एक छोटी सी लपट से ये सब शुरू हुआ और देखते ही देखते पूरी इमारत धुएं के ग़ुबार में ढंक गई. आग जितनी जल्दी फैली उतनी ही तेज़ी इसे बुझाने वालों ने भी दिखाई.
शहर के इस सबसे प्रमुख गिरिजाघर को बचाने के दौरान के वो पंद्रह से तीस मिनट का वक़्त सबसे अहम रहा.
फ्रांस के उप विदेश मंत्री ने अग्निशमन दल के कर्मचारियों के काम और लगन की तारीफ़ करते हुए कहा कि उन्होंने इसे बचाने के लिए अपनी जान की भी परवाह नहीं की.
"यह उनका हौसला ही था जिसकी वजह से गिरिजाघर के पत्थरों और इसके दो टावरों को सुरक्षित बचाया जा सका है."
हालांकि गिरिजाघर में लगी आग इतनी भयानक थी कि इसका गुंबद बुरी तरह नष्ट हो गया. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि आग किस वजह से लगी.
उप विदेश मंत्री लॉरेंट न्यूनेज़ ने बताया कि हमें फिलहाल सिर्फ़ इतना पता है कि सारा खेल सिर्फ़ 15 से 30 मिनट का था.
उन्होंने बताया कि भले ही आग पर क़ाबू पा लिया गया हो लेकिन पुलिस और दमकलकर्मियों की टीम अगले 48 घंटे भी यही रहेगी ताकि इमारत की सुरक्षा और देखरेख सुनिश्चित की जा सके.
पेरिस के सरकारी वक़ील रेमी हेइट्ज़ ने बताया कि बहुत हद तक संभव है कि आग दुर्घटनावश लगी हो लेकिन उन्होंने आग की मूल वजह जानने के लिए क़रीब 50 लोगों को ज़िम्मेदारी सौंपी है.
नॉट्र डाम: वो बेशकीमती खज़ाना जिसने चर्च को नायाब बनाया
पेरिस के ऐतिहासिक नॉट्र डाम चर्च की भीषण आग
एक अन्य अधिकारी की राय है कि इस आग का संबंध इमारत के नवीनीकरण से है.
एक ओर जहां अभी तक आग की असल वजह का पता नहीं चल सका है वहीं चिंता अभी सिर्फ़ इस बात की है कि अब इस इमारत को दोबारा कैसे खड़ा किया जाएगा. विशेषज्ञों का कहना है कि इस काम में कम से कम दस से पंद्रह साल का वक़्त लगेगा.
लेकिन देश के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने वादा किया है कि नॉट्र डाम को पांच सालों में दोबारा खड़ा कर लिया जाएगा और सिर्फ़ इतना ही नहीं उन्होंने एक टीवी संबोधन में कहा कि इसे पांच सालों में इतना खूबसूरत बना दिया जाएगा जितना ये पहले कभी नहीं था.
ले मोंड अख़बार के मुताबिक़, इमारत को दोबारा से खड़ा करने में सहयोग देने के लिए बहुत सी कंपनियां और उद्योगपति सामने आए हैं. अब तक इमारत के नाम पर 913 मिलियन डॉलर इकट्ठा हो चुके हैं.
सिर्फ़ फ्रांस ही नहीं दुनियाभर के लोग इमारत को दोबारा से खड़ा करने के लिए आगे आए हैं. यूरोपीय संघ के राष्ट्रपति डोनल्ड टस्क ने भी इस बारे में अपनी चिंता ज़ाहिर की है.
नॉट्र डामः फ़्रांस के लिए क्यों है ख़ास
पाकिस्तानी बच्चों को क्यों नहीं पढ़ाए जाते जलियांवाला
आख़िर हुआ क्या था?
आग की लपटें सोमवार को स्थानीय समयानुसार शाम क़रीब छह बजकर 43 मिनट के आसपास पहली बार देखी गईं और उसके तुरंत बाद दमकलकर्मियों को बुला लिया गया. लेकिन आग बहुत तेज़ी से बढ़ी और देखते ही देखते गिरिजाघर की छत तक पहुंच गई. ऊंचाई पर गुंबद तक पहुंचने से पहले आग की लपटों ने गिरिजाघर के अंदर लकड़ी की नक्क़ाशी को तबाह कर दिया.
इस बात को लेकर डर बढ़ गया कि कहीं आग की चपेट में गिरिजाघर का सबसे मशहूर टावर भी न आ गया हो.
लेकिन दमकलकर्मी मौके पर पहुंच चुके थे और उन्होंने तेज़ी दिखाते हुए आग को बढ़ने से रोक दिया.
मंगलवार को बताया गया कि आग पर काबू पा लिया गया है.
हालांकि पेरिस फायर सर्विस का कहना है कि स्थानीय समयानुसार क़रीब दस बजे तक आग पर काबू पा लिया गया था.
क्या क्या तबाह हो गया?
जांच दल ने पहले से ही इस बात का अनुमान लगाना शुरू कर दिया था कि इस आग ने क्या क्या बर्बाद कर दिया है.
पहली नज़र में मालूम पड़ता है कि गिरिजाघर के पत्थर काले पड़ चुके हैं और मुख्य गुम्बद ध्वस्त हो गया है.
जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है कि गिरिजाघर की कम से कम एक 'रोज़ विंडो' तो सुरक्षित है, लेकिन बाकी ख़राब स्थिति में पहुंच गई हैं.
फ्रांस के विदेश मंत्री क्रिस्टोफ़ कास्टनर ने चेताया है कि भले ही इमारत के मुख्य हिस्से को बचा लिया गया है लेकिन इमारत अब भी अस्थिर है.
मोदी पर इमरान के बयान पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
जूलियन असांज की गिरफ़्तारी की इनसाइड स्टोरी
वहीं उप विदेश मंत्री का कहना है कि अगर सब मिला-जुलाकर देखें तो इमारत ठीक स्थिति में है लेकिन पत्थरों को देखकर पता चलता है कि कुछ कमियां तो आ ही गई हैं और छत का हिस्सा सबसे अधिक प्रभावित हुआ है.
कितना नुक़सान हुआ है इसे जानने के लिए विशेषज्ञों को अभी तक साइट पर जाने की अनुमति नहीं दी गई है. हालांकि अग्निशमन कर्मचारी नुकसान का अंदाज़ा लाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं.
गर्मी और पानी की बौछार की वजह से क्या-क्या ख़राब हुआ है, ये भी अभी देखा जाना है.
फ्रैंच चैरिटी फ़ाउंडेशन के बरट्रैंड दी फेयदू का कहना है कि गिरिजाघर का अट्ठारहवीं सदी में बना हिस्सा जला नहीं है लेकिन अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि इस पर पानी का कुछ असर हुआ है या नहीं.
अब आगे क्या?
बहुत से लोग नॉट्र डाम को बचाने के लिए आगे आए हैं. कुछ लोगों ने निजी स्तर पर आगे बढ़कर मदद की पेशकश की है तो कुछ लोग समूहों में आगे आए हैं.
एयर फ्रांस ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि जो कोई भी इस इमारत के पुनर्निर्माण के काम में सहयोग के लिए आगे आएगा, उसे कंपनी मुफ़्त में सेवा देगी.
केरिंग ग्रुप के सीईओ और चेयरमैन अरबपति फ्रांकोइस हेनरी पिनॉल्ट ने 113 मिलियन डॉलर की सहायता का वादा किया है.
इसके अलावा बर्नार्ड अर्नाल्ट के परिवार और उनकी कंपनी ने भी मदद का वादा किया है.
लॉरियल और दूसरी कंपनियां भी मदद के लिए आगे आई हैं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा है कि वो इस बात से बहुत ही संतोष का अनुभव कर रहे हैं कि उन्होंने इमारत को दोबारा खड़ा करने में सहयोग दिया.
उन्होंने विशेषज्ञों की एक टीम को फ्रांस भेजा है.
ब्रिटेन की सरकार भी मदद के लिए खड़ी है. इसके अलावा स्पेन भी अपनी तरफ़ से हर संभव मदद देना चाहता है.
Today we unite in prayer with the people of France, as we wait for the sorrow inflicted by the serious damage to be transformed into hope with reconstruction. Holy Mary, Our Lady, pray for us. #NotreDame
— Pope Francis (@Pontifex) 16 April 2019
गिरिजाघर की क़ीमती चीज़ों का क्या?
आग बुझने के बाद घटनास्थल पर पहुंची आपातकालीन सेवा के अधिकारियों ने बहुत सी क़ीमती चीज़ों को बचा लिया है. इनमें से कुछ धार्मिक चीज़ें भी हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इन क़ीमती चीज़ों में वो कांटों वाला मुकुट भी शामिल है जो ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाने से पहले पहनाया गया था.
उस ट्यूनिक को भी सुरक्षित रख लिया गया है जो किंग लुइस IX ने उस वक़्त पहना था जब वो कांटों वाले इस ताज को पेरिस लेकर आए थे.
इतिहासकार कैमिल पास्कल ने फ्रेंच ब्रॉडकास्टर बीएफ़एमटीवी से बातचीत में कहा कि इस आग ने अमूल्य धरोहर को नष्ट कर दिया.
उन्होंने कहा, "आज नॉट्र डाम में जो कुछ भी हुआ वो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था लेकिन जिस तरह कुछ चीज़ों को बचा लिया गया वो खुशी देने वाला है. आज हमने अपनी आंखों से जो कुछ देखा वो बहुत तक़लीफ़ देने वाला था."
एक तस्वीर जो हो रही है वायरल
इस दुर्घटना की दुनियाभर में चर्चा हो रही है लेकिन इसके साथ ही एक तस्वीर भी वायरल हो रही है. इस वायरल हो रही तस्वीर में एक गिरिजाघर के बाहर एक शख़्स एक बच्ची के साथ नज़र आ रहा है. ये तस्वीर आग लगने के कुछ मिनट पहले की है.
पर्यटक ब्रूक विंडसर का कहना है कि उन्होंने यह तस्वीर आग लगने के लगभग एक घंटे पहले ही ली थी. अब वो संभवत: पिता-पुत्री की इस जोड़ी को खोज रही हैं. उन्होंने ट्विटर पर उन्हें खोजने की मुहिम चला रखी है.
I took this photo as we were leaving #NotreDame about an hour before it caught on fire. I almost went up to the dad and asked if he wanted it. Now I wish I had. Twitter if you have any magic, help him find this 🙏🏼 pic.twitter.com/pEu33ubqCK
— Brooke Windsor (@brookeawindsor) 16 April 2019
उन्होंने लिखा है, "'ट्विटर अगर तुम में कोई जादू है तो उन लोगों को खोजने में हमारी मदद करो."