सस्ते कपड़े पहनने पर दोस्त उड़ाते थे मजाक, जानिए टेक्सास में 18 साल के शूटर ने क्यों छीन लीं 21 जिंदगियां
टेक्सास, 25 मई : टेक्सास (Texas) के उवाल्डे में स्थित रॉब एलीमेंट्री स्कूल में हुई गोलीबारी की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है। मृतकों में 19 बच्चों समेत कुल 21 लोग शामिल हैं। बता दें कि 18-वर्षीय बंदूकधारी ने मंगलवार को टेक्सास के एक प्राइमरी स्कूल में जमकर गोलियां बरसाईं, जिसमें 21 लोगों की जान चली गई। स्टेट के गवर्नर के अनुसार, देश के स्कूल में यह एक घातक हमला है।

18 साल के शूटर ने स्कूल में चलाई गोलियां
शूटर की पहचान 18 साल के सल्वाडोर रामोस के तौर पर हुई है। वो स्थानीय अमेरिकी नागरिक है। आशंका है कि वो अपने साथ एक राइफल लाया था। घटनास्थल से उसकी लाश भी मिली। जानकारी के मुताबिक रिस्पॉन्डिंग ऑफिसर ने शूटर को गोली मारी है।

स्कूल में सल्वाडोर रामोस का मजाक उड़ाया जाता था
टेक्सास स्कूल शूटर के पूर्व सहपाठी ने उसकी गरीबी के बारे में बताया। उसने कहा कि, सल्वाडोर रामोस (मारा गया शूटर) एक गरीब लड़का था, स्कूल में उसकी गरीबी को लेकर उसे घमकाया और सताया जाता था। बच्चे उसका मजाक उड़ाते थे, क्योंकि उसके पास पहनने के लिए ढंग के कपड़े नहीं होते थे। रामोस का परिवार गरीब था। शूटर के सहपाठी ने एक इंटरव्यू में CNN को बताया कि, वह और सल्वाडोर करीबी दोस्त थे। वे साथ घुमते और साथ में XBox खेलते भी थे।

सल्वाडोर ने स्कूल जाना बंद कर दिया
सल्वाडोर के दोस्त ने बताया कि ऐसा एक दिन भी नहीं होता था जब सल्वाडोर को उसकी गरीबी के बारे में उसे नहीं बताया जाता था। उसे प्रत्येक दिन उसकी लाचारी और गरीबी को लेकर धमकी दी जाती थी। रोज रोज की धमकी और मजाक से परेशान सल्वाडो रामोस ने स्कूल आना कम कर दिया।

शूटर ने कहा था, वह बहुत अलग लग रहा है
दोस्त ने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ दोनों दूर होते गए, लेकिन वे एक दूसरे को xbox पर संदेश भेजते रहते थे। इसके बाद रामोस को लोकल जगह पर नौकरी मिल गई। हालांकि उसके अन्य सहपाठी अभी तक उसके बारे में अच्छी राय नहीं रखते थे। मंगलवार की शूटिंग से चार दिन पहले, रामोस ने कथित तौर पर अपने दोस्त को गन की तस्वीर भेजी। इस पर शूटर के दोस्त ने गन लेने का कारण पूछा तो शूटर ने कहा, तुम इसकी चिंता मत करो। डेली बीस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल शूटर - जो नॉर्थ डकोटा का रहने वाला था और हाल ही में टेक्सास चला गया था, उसने कथित तौर पर अपने 18वें जन्मदिन पर दो राइफलें खरीदी थीं। बंदूक साथ में रखकर रामोस ने अपने दोस्त से यह भी कहा कि वह 'अब बहुत अलग लग रहा है। बाद में उसने जो कुछ भी किया उससे पूरी दुनिया वाकिफ है।

राष्ट्रपति ने शोक जताया
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस घटना पर क्षोभ जताते हुए कहा कि कुछ अभिभावक ऐसे होंगे, जो अपने बच्चे को दोबारा कभी नहीं देख पाएंगे, माता-पिता जो कभी पहले जैसे नहीं रह जाएंगे। अपने बच्चे को खोना, अपनी आत्मा के एक हिस्से को खोने जैसा है। मैं पूरे राष्ट्र से अपील करता हूं कि वो उनके लिए प्रार्थना करें, उनके लिए इस अंधेरे वक्त में मजबूती देने की प्रार्थना करें।

झंडा आधा झुका रहेगा
घटना के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस और अन्य सार्वजनिक जगहों पर पर अमेरिका के झंडे को आधा झुका रखने का आदेश दिया है। प्रेस रिलीज जारी करके इसकी जानकारी दी गई है। अमेरिका के स्कूल में हुई गोलीबारी ने एक बार फिर इस देश की बंदूक नीति पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। बताया जाता है कि अमेरिका में नागरिकों से ज्यादा तादाद बंदूकों की है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर अमेरिका के कानून में क्या कमी है कि बंदूक चलाना बच्चों का खेल बनता जा रहा है।

अमेरिका में बंदूक रखने के अधिकार पर सवाल
अमेरिका का संविधान हर नागरिक को आत्मरक्षा के लिए बंदूक (GUN) रखने का अधिकार देता है। वहीं इसका विरोध करने वाले मानते हैं कि बंदूक की गिनती और बंदूक से होने वाली हिंसा का सीधा सीधा लेना देना है। यानि जितनी ज्यादा बंदूकें किसी समाज में होंगी, उतनी ही ज्यादा हिंसा भी होगी। जानकारी के मुताबिक 2012 में अमेरिका में बंदूक से दूसरों को निशाना बनाने की दर 10 लाख लोगों पर 29.7 फीसद थी जो कि अन्य देशों के मुकाबले कहीं, कहीं ज्यादा है। 2015 में वॉशिंगटन पोस्ट में छपी एक रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका में जनसंख्या से ज्यादा तो बंदूकें हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि जहां 2013 में अमेरिका की जनसंख्या 31 करोड़ 70 लाख थी, वहीं आम नागरिकों के पास बंदूकों की संख्या उससे ज्यादा यानि 35 करोड़ 70 लाख थी। बंदूक की इतनी ज्यादा तादाद से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अमेरिका में गन को हासिल करना नागरिकों के लिए बहुत मुश्किल काम नहीं है।

रामोस ने एलीमेंट्री स्कूल में जाकर गोलियों की बौछार कर दी
जन्मदिन पर गन खरीदने के बाद रामोस ने एलीमेंट्री स्कूल में जाकर गोलियों की बौछार कर दी। जिसमें 19 बच्चों समेत 21 लोगों की मौत हो गई। गवर्नर ग्रेग एबॉट के मुताबिक, दिसंबर 2012 में सैंडी हुक स्कूल फायरिंग के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी गोलीबारी की घटना है। बता दें कि, सैंडी हुक स्कूल फायरिंग में 26 लोगों की मौत हो गई थी.
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