ढाका आतंकी हमला: जो नहीं बोल पाया कुरान की आयत, आतंकियों ने रेता उसका गला
ढाका। बांग्लादेश के साथ पूरा विश्व हैरान है कि राजधानी ढाका में आतंकियों ने 20 मासूम लोगों को मौत के घाट उतार दिया। बैन आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) को बांग्लादेश सरकार की ओर से आतंकी हमलेके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
पढ़ें-पाकिस्तान नहीं अब बांग्लादेश बना भारत के लिए बड़ा खतरा
बांग्लादेश सरकार में गृहमंत्री की ओर से दिए गए बयान के मुताबिक जेएमबी का आईएसआईएस से कोई ताल्लुक नहीं है।पश्चिमी मीडिया ने कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से जानकारी दी है कि ढाका में जिस कैफे पर आतंकी हमला हुआ उसमें बंधकों को कुरान पढ़ने का आदेश दिया गया था।
मीडिया की मानें तो जिन बंधकों को कुरान की आयातें नहीं आती थीं उन्हें आतंकियों ने एक-एक करके गोली मारनी शुरू कर दी थी। जो लोग कुरान की आयातें पढ़ पा रहे थे उन्हें आतंकी रिहा कर रहे थे।
पढ़ें-ढाका आतंकी हमले मे मारी गई भारत की तारिषि जैन
न्यूज पेपर 'डेली स्टार' ने एक बंधक के पिता के हवाले से कहा है, जिन आतंकियों ने होली आर्टिसन बेकरी पर हमला किया था, उन लोगों ने बंधक बनाए गए लोगों की धार्मिक पहचान की जांच की थी। इसके लिए उन लोगों ने उनसे कुरान की आयतें पढ़ने के लिए कहा था।
आतंकियों के कबजे में रहे हसनात करीम के पिता रिजाउल करीम ने कहा कि आतंकियों ने बांग्लादेशी नागकरिकों के साथ भी खराब व्यवहार नहीं किया और उनको रात का खाना भी खिलाया।
वहीं एक और प्रत्यक्षदर्शीने बांग्लादेश के एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि , उन लोगों ने रास्ते में चिल्लाकर अल्लाहु अकबर कहा और अंदर बैठे लोगों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी।