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सीरिया के बच्‍चों से जुड़ी यह कहानी आपकी आंखें नम कर देगी

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दमिश्‍क। वर्ष 2011 से सीरिया में सिविल वॉर जारी है, यह स्थिति सुधरती कि इससे पहले आईएसआईएस ने इस स्थिति को और बदतर कर दिया। आए दिन मिसाइल से हो रहे हमले और दुनिया के देशों के बीच खुद को 'बेस्‍ट' और 'पावरफुल' साबित करने की होड़ सी लगी है।

मरने से पहले बच्चे ने कहा 'भगवान को सबकुछ बताऊंगा'

आईएसआईएस को कौन खत्‍म करेगा अमेरिक या रूस, किसकी रणनीति कितनी कारगर है, अमेरिका के राष्‍ट्रपति बराक ओबामा की या फिर रूस के राष्‍ट्रपति ब्‍लादीमिर पुतिन की, इन सब पर तो आप रोज चर्चा करते हैं। कभी आपने उन मासूमों के बारे में बात की है या कभी उनके बारे में सोचा है, जो इस देश में हैं और आए दिन मौत को अपनी आंखों के सामने देखते हैं।

देखिए सीरिया के बच्‍चों से जुड़ी हुईं वे तस्‍वीरें जो आपको कुछ सोचने पर मजबूर करेंगी। ये तस्‍वीरें शायद आपको बता सकें कि क्‍यों और कैसे दुनिया का एक हिस्‍सा उनके लिए मौत की जगह बन चुका है।

लड़ाई में हो रहा बच्‍चो का प्रयोग

लड़ाई में हो रहा बच्‍चो का प्रयोग

यूनाइटेड नेशंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया की लड़ाई में बच्‍चों का प्रयोग हो रहा है। पिछले दिनों आईएसआईएस का वीडियो सामने आया था। जिसमें दिखाया गया था कि कैसे आतंकी बच्‍चों को लोगों की हत्‍या करने की ट्रेनिंग दे रहे हैं।

रोना भूले बच्‍चे

रोना भूले बच्‍चे

बच्‍चे इस कदर मानसिक अवसाद का शिकार हैं कि रोना तक भूल चुके हैं। आए दिन होती गोलाबारी और हत्‍याओं ने तो उनका बचपन बहुत पहले छीन लिया है।

मानसिक तनाव का शिकार बच्‍चे

मानसिक तनाव का शिकार बच्‍चे

वर्ल्‍ड विजन की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सीरिया में रह रहे बच्‍चों ने अपने सामने हत्‍याएं देखी हैं। जो बच्‍चे वहां से किसी तरह से निकलकर आएं हैं उन्‍होंने अपने माता-पिता को मरते हुए देखा है। ये बच्‍चे अब अपने किसी चहेते खिलौने की जिद नहीं करते हैं।

 खतरनाक हथियारों का निशाना बनते बच्‍चे

खतरनाक हथियारों का निशाना बनते बच्‍चे

बेल्जियम की एक संस्‍था की ओर से सितंबर में एक रिपोर्ट जारी की गई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक सी‍रिया में 25 प्रतिशत बच्‍चों और महिलाओं के खिलाफ खतरनाक हथियारों का प्रयोग हुआ था।

तीन वर्ष की उम्र के बच्‍चे सबसे ज्‍यादा प्रभावित

तीन वर्ष की उम्र के बच्‍चे सबसे ज्‍यादा प्रभावित

अयलान कुर्दी की मौत के बाद हुई एक स्‍टडी में कहा गया कि जब से सीरिया में सिविल वॉर शुरू हुआ है तब से ही सीरिया में क रीब 232 बच्‍चे हथियारों का शिकार बने जिनकी उम्र तीन वर्ष है। स्‍टडी की मानें तो कई बच्‍चों की मौत का तो आंकड़ा भी दर्ज नहीं है।

अंतराष्‍ट्रीय समुदाय ने मूंदी हैं आंखें

अंतराष्‍ट्रीय समुदाय ने मूंदी हैं आंखें

इस स्‍टडी के मुताबिक सीरिया में बच्‍चों पर जो भी गुजर रही है उस पर अंतराष्‍ट्रीय समुदाय ने आंखें बंद कर ली हैं। समुदाय को मासूमों की मौत से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।

12,000 बच्‍चों की मौत

12,000 बच्‍चों की मौत

सीरियन ऑब्‍जर्वेटी संस्‍था के मुताबिक सीरिया में अब तक करीब 12,000 बच्‍चों की मौत हो चुकी है। यह आधिकारिक आंकड़ा हैं और संख्‍या ज्‍यादा भी हो सकती है।

सिर्फ आंकड़ा बनकर रह गई मौत

सिर्फ आंकड़ा बनकर रह गई मौत

तीन वर्ष के कुर्दी की मौत ने भी सीरिया और पश्चिम देशों के हालातों को नहीं बदला है। बच्‍चों की मौत सिर्फ आंकड़ा बनकर रह गई है।

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English summary
Experts are saying that because of war brain development of Syrian kids has been stopped. This war and whole situation could lead them to mental trauma and they will not even able to cry.
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