पीएम मोदी ने मालदीव की संसद को किया संबोधित,बोले-आतंकवाद हमारे समय की बड़ी चुनौती है
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नेरंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल में सबसे पहले मालदीव की विदेश यात्रा पर गए हैं। पीएम मोदी को मालदीव का सर्वोच्च पुरस्कार 'रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन' से सम्मानित किया गया। इसके बाद पीएम मोदी ने माले में मालदीव की संसद को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज मालदीव की इस मजलिस में, आप सबके बीच उपस्थित होकर मुझे बहुत हर्ष हो रहा है। मजलिस ने मुझे निमंत्रण देने का निर्णय, सम्माननीय नशीद जी के स्पीकर बनने के बाद अपनी पहली ही बैठक में लिया। आपके इस जेस्चर ने हर भारतीय के दिल को छू लिया है और उनका सम्मान और गौरव बढ़ाया है।
|
आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आतंकवाद हमारे समय की बड़ी चुनौती है। आतंकवादियों के न तो अपने बैंक होते हैं और ना ही हथियारों की फैक्ट्री, फिर भी उन्हें धन और हथियारों की कभी कमी नहीं होती। आतंकवाद की स्टेट स्पॉन्सरशिप सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना ये हमला बोला।
आतंकवाद से निपटना सबसे खरी कसौटी
आतंकवाद पर चिंता जताते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि लोग अभी भी गुड टेरेरिज्स और बेड टेरेरिज्म में भेद करने की गलती कर रहे हैं। पानी अब सिर से ऊपर निकल रहा है। आतंकवाद और से निपटना विश्व के नेतृत्व की सबसे खरी कसौटी है। उन्होंने आगे कहा कि भारत अपनी शक्ति और क्षमताओं का उपयोग केवल अपनी समृद्धि और सुरक्षा के लिए ही नहीं करेगा। बल्कि इस क्षेत्र के अन्य देशों की क्षमता के विकास में, आपदाओं में उनकी सहायता के लिए, तथा सभी देशों की साझा सुरक्षा, संपन्नता और उज्ज्वल भविष्य के लिए करेगा।
|
दोस्तों में कोई कमजोर,ताकतवर नहीं होता
मालदीव की संसद में बोलते हुए पीएम ने कहा कि हम सामुद्रिक पड़ोसी हैं। हम मित्र हैं। और दोस्तों में कोई छोटा और बड़ा, कमज़ोर और ताकतवर नहीं होता। शांत और समृद्ध पड़ौस की नींव भरोसे, सद्भावना और सहयोग पर टिकी होती है। उन्होंने आगे कहा कि भारत के सहयोग से माले की सड़कें ढाई हज़ार एलईडी स्ट्रीट लाइटों के दूधिया प्रकाश में नहा रही हैं और 2 लाख एलईडी बल्ब मालदीव वासियों के घरों और दुकानों को जगमगाने के लिए आ चुके हैं।
ये भी पढ़ें- पीएम मोदी मालदीव के सर्वोच्च सम्मान निशान इज्जुद्दीन से सम्मानित