चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच विवाद और बढ़ा, वाइन पर लगा 200% से ज्यादा टैरिफ
बीजिंग। अमेरिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया के साथ भी इस वर्ष चीन का विवाद काफी रहा है। अब यह विवाद नए मोड़ पर पहुंच गया है। दोनों देशों के बीच समुद्र में तो सीमाओं को लेकर जंग जारी है ही मगर अब ट्रेड वॉर भी शुरू हो गया है। चीन ने अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सबसे कड़ा कदम उठाया है। चीन के वाणिज्य विभाग की तरफ से कहा गया है कि वह अस्थायी तौर पर ऑस्ट्रेलिया की वाइन की डंपिंग रोकने के लिए टैरिफ लगाने जा रहा है। शुक्रवार को वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई वाइन पर टैक्स 107.1 प्रतिशत से लेकर 212.1 प्रतिशत तक हो सकता है। चीन ने ऑस्ट्रेलियाई वाइन को लेकर कहा कि डंपिंग का सीधा सा मतलब है कि सामान की गुणवत्ता में समझौता किया जा रहा है।
सबसे ज्यादा निर्यात चीन को
चीन, ऑस्ट्रेलिया के अहम व्यापारिक साझेदारों में से एक है। ऑस्ट्रेलिया अपनी वाइन का सबसे ज्यादा निर्यात चीन को ही करता है। वाइन ऑस्ट्रेलिया समूह के मुताबिक, साल 2020 के नौ महीनों में कुल निर्यात का 39 प्रतिशत चीन को ही निर्यात किया गया है। ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री सिमन बर्मिंगम ने मीडिया से बातचीत में कहा, चीन के बाजार में अपनी जगह बनाने वाले तमाम ऑस्ट्रेलियाई वाइन प्रोड्यूसर्स के लिए ये बहुत ही मुश्किल वक्त है। मॉरिसन की कैबिनेट में कृषि मंत्री डेविड लिटलप्राउड ने कहा है कि उनकी सरकार वाइन इंडस्ट्री की हर तरह से मदद करेगी। उन्होंने कहा कि चीन का फैसला चिंताजनक है। वाइन इंडस्ट्री की कोई गलती नहीं की है और साफ तौर पर चीन के इस फैसले की वजह कुछ और है। उन्होंने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) के जरिए हर विकल्प का प्रयोग करेगा। अगस्त महीने में ही चीन ने कहा था कि वाइन एसोसिएशन ऑफ चाइना की शिकायत के बाद वाइन सब्सिडी और डंपिंग की जांच शुरू की जा रही है। चीन में ऑस्ट्रेलिया की वाइन काफी सस्ती दरों पर बिकती है। चाइनीज वाइन इंडस्ट्री ने दावा किया है कि सस्ती ऑस्ट्रेलियाई वाइन की वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है और इसकी भरपाई के लिए ऑस्ट्रेलियाई वाइन पर 202.7 प्रतिशत की ड्यूटी लगाने की मांग की है।
लगातार बढ़ रहा है ट्रेड वॉर
चीन ने नवंबर महीने से ऑस्ट्रेलिया के कोयला, चीनी, गेहूं, वाइन, कॉपर और लकड़ी के आयात पर भी अनाधिकारिक तौर पर बैन लगा दिया था। इस वर्ष मई में ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच तनाव उस समय बढ़ गया था जब यूरोप के बाकी देशों के साथ ऑस्ट्रेलिया ने भी इस बात की मांग की थी कि कोरोना वायरस कैसे दुनिया के बाकी हिस्सों में फैला, इसकी जांच होनी चाहिए। चीन ने इस पर ऑस्ट्रेलिया और प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की कड़ी आलोचना की थी। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया ने हांगकांग पर भी चीन के रवैये की आलोचना की थी। आपको बता दें कि एशिया-पैसेफिक में अमेरिका के नेतृत्व में चीन के खिलाफ बने गठबंधन क्वाड में अमेरिका, भारत, जापान के अलावा ऑस्ट्रेलिया भी शामिल है। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में चीनी राजदूत चेंग जिंगाये ने धमकी दी थी कि इस तरह का कदम उठाने पर चीन के लोग ऑस्ट्रेलियाई वस्तुओं का बहिष्कार कर देंगे। चीन ने ऑस्ट्रेलिया से जौ आयात पर 80 प्रतिशत टैरिफ लगा चुका है. इसके अलावा, क्वींसलैंड और न्यू साउथ वेल्स के चार मीट प्रोसेसिंग प्लांट्स से बीफ आयात पर भी बैन लगा दिया है।