पिछले 76 साल में सबसे गर्म रही धरती की ये दो जगहें, पारा गया 128 डिग्री के पार
वॉशिंगटन। धरती पर सबसे गर्म स्थानों में दो जगहों को शामिल किया गया है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization) ने धरती पर दो सबसे गर्म स्थानों की घोषणा की है। कई साल की लगातार जांच के बाद मंगलवार को संगठन ने उन दो जगहों के नाम का ऐलान किया जहां भीषण गर्मी पड़ी है। चिलचिलाती गर्मी से सबसे ज्यादा प्रभावित जो इलाके रहे उनमें से एक मिडिल ईस्ट का है, दूसरा इलाका दक्षिण एशिया का। WMO के मुताबिक, धरती पर इन दोनों जगहों पर सबसे अधिक तापमान रिकॉर्ड किया गया है।
कुवैत के मित्रीबाह सर्वाधिक तापमान, पारा पहुंचा 129 डिग्री यानी 53.9 सेल्सियस
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के मुताबिक, मिडिल ईस्ट के देश कुवैत के मित्रीबाह में 21 मई 2016 को 129 डिग्री यानी 53.9 सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। वहीं पाकिस्तान के तुरबत में 28 मई 2017 को सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया। यहां इस दिन तापमान 128.7 डिग्री यानी 53.7 सेल्सियस दर्ज किया गया। विश्व मौसम विज्ञान संगठन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कुवैत के मित्रीबाह में दर्ज किया गया तापमान WMO की ओर से एशिया महाद्वीप क्षेत्र में दर्ज किए गए सर्वाधिक तापमान के रूप में स्वीकार किया गया है।
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पाकिस्तान के तुरबत में 128.7 डिग्री यानी 53.7 सेल्सियस रहा तापमान
कुवैत का मित्रीबाह और पाकिस्तान का तुरबत विश्व मौसम विज्ञान संगठन की ओर से मान्यता प्राप्त तापमान की चरम सीमा पर तीसरे और चौथे स्थान पर हैं। पिछले 76 साल में ये सर्वाधिक तापमान माने गए हैं। बता दें कि WMO सूची में कैलिफोर्निया के डेथ वैली में फर्नेस क्रीक में 30 जून 2013 को दर्ज किए गए 129.2 डिग्री तापमान (54.0 सेल्सियस) को शामिल नहीं किया गया है, जो कि सर्वाधिक वैश्विक तापमान है।
कैलिफोर्निया के फर्नेस क्रीक में तापमान रिकॉर्ड 129.2 डिग्री!
साल 1913 में यह स्थान और भी अधिक गर्म था, जब यहां 134 डिग्री तापमान (56.7 सेल्सियस) पहुंच गया था। इस तापमान को पृथ्वी पर सबसे गर्म जगह के रूप में मान्यता प्राप्त है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ इसकी वैधता पर सवाल उठाते हैं। इसे हाल ही में एक विस्तृत विश्लेषण में मौसम के दृष्टिकोण से 'अनिवार्य रूप से संभव नहीं' होने के रूप में माना है। इसी तरह ट्यूनीशिया के किबली के भी तापमान की विश्वसनीयता सवालों में है। यहां 7 जुलाई, 1931 को तापमान 131 डिग्री (55 सेल्सियस) पहुंच गया था, जो कि अफ्रीका का सबसे गर्म तापमान भी है।
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