अमेरिका ने उठाया चीन में उइगर नरसंहार का मुद्दा, कहा-2022 में ना दी जाए ओलंपिक की मेजबानी
वॉशिंगटन। अमेरिकी कांग्रेसी टेड योहो ने चीनी सरकार पर नरसंहार के आऱोप लगाए हैं। टेड योहो ने कहा कि चीन के झिंजियांग में नरसंहार हो रहा है। उन्होंने कहा कि, उइगुर मुसलमानों के क्रूर दमन के कारण बीजिंग को 2022 ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। एशिया और प्रशांत पर हाउस फॉरेन अफेयर्स उपसमिति के सदस्य टेड योहो ने कहा कि, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने देशव्यापी अभियान को लागू कर उइगर और पूर्वी तुर्क आबादी पर अत्याचार, बलात्कार, और नसबंदी जैसी क्रूर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
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योहो का बयान उइघुर तुर्क और चीन के अन्य मुस्लिम समुदायों द्वारा संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से चीन पर दबाव डालने और उनके समुदाय के खिलाफ नरसंहार के कृत्यों की जांच करने का आग्रह करने के बाद आया है। 'पूर्वी तुर्किस्तान में नरसंहार' शीर्षक वाली एक हालिया रिपोर्ट में चीन पर कोविड-19 महामारी के बावजूद उइघुर तुर्कों और अन्य मुस्लिम समुदायों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग कोविड-19 का उपयोग कर रहे हैं। चीन दुनिया भर में अपने विस्तारवादी अभियान के लिए महामारी का उपयोग कर रहा है। पूर्वी तुर्किस्तान में व्यापक तौर पर मानव अधिकारों के उल्लंघन को देखा गया था। इस क्षेत्र में अपने आर्थिक, राजनीतिक और भू-राजनीतिक हितों के कारण, सीसीपी मुस्लिम समुदायों, विशेषकर उइघुर तुर्कों के प्रति अत्याचार को बढ़ा रहा है।
उइगरों को व्यवस्थित रूप से आत्मसात करने के उद्देश्य से, चीन अपनी जातीय पहचान और जनसंख्या को मिटा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, चीनी सरकार ने उइगरों के दैनिक जीवन को नियंत्रित करने के लिए 1.1 मिलियन हान चीनी कैडर पूर्वी तुर्किस्तान को भेजे हैं। उनका काम उइघुर घरों में रहना है, यदि आवश्यक हो तो उनके साथ एक ही बिस्तर साझा करें, और उनके दैनिक जीवन के सभी पहलुओं को नियंत्रित करें। चीनी सरकार द्वारा शुरू किए गए 'डबल रिलेटिव प्रोग्राम' के तहत हान चीनी कैडर हर दो महीने में कम से कम एक बार यात्रा करते हैं और लगभग एक सप्ताह तक रहते हैं।
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