3 हजार साल बाद ऑस्ट्रेलिया की जमीन पर लौटा ये खतरनाक जानवर, महामारी ने कर दिया था विलुप्त
नई दिल्ली। दुनिया में कई ऐसे जीव हैं जो विलुप्त होने की कगार पर हैं, कई देश गायब हो रही प्रजातियों को बचाने के लिए बड़े स्तर पर कदम उठा रहें है जिसका परिणाम भी देखने को मिल रहा है। ऑस्ट्रेलिया से लगभग विलुप्त हो चुका मांसाहारी धानीप्राणी (स्तनधारी जानवरों की एक वर्ग) जीव तस्मानियाई डैविल का परिवार अब फिर से फल-फुल रहा है। आपको जानकारी हैरानी होगी कि 3000 साल बाद ऐसा पहली बार हो रहा है जब तस्मानियाई डैविल ऑस्ट्रेलिया के मुख्य जंगलों में स्वतंत्र विचरण कर सकेगा।
3000 सालों में पहली बार होगा ऐसा
बता दें कि तस्मानियाई डैविल एक मांसाहारी धानीप्राणी है जो अब केवल ऑस्ट्रेलिया के द्वीप राज्य तस्मानिया के जंगलों में ही पाया जाता है। इसका आकार एक छोटे कुत्ते के बराबर होता है। 1963 में थायलेसीन के विलुप्त होने के बाद यह दुनिया का सबसे बड़ा मांसाहारी धानीप्राणी बन गया था। तस्मानियन डेविल हूबहू चूहे जैसा दिखता है लेकिन आकार में चूहों से कई गुना बड़ा होता है।
रंग ला रही डेविल्स को जिंदा रखने की मुहिम
सिर्फ ऑस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले इस जीव के विलुप्त होने की कगार पर पहुंचने के बाद इसे बचाने के लिए क्रांतिकारी कमद उठाए गए। दुनियाभर में अपने खतरनाक दांतों, पंजों और काटने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध तस्मानियन डेविल्स को जिंदा रखने के लिए इनकों संरक्षित किया गया है। एक समय ऐसा था जब महामारी की चपेट में आने से इस जानवर को विलुप्त मान लिया गया था लेकिन कुछ जीवत बचे तस्मानियन का इलाज किया गया।
1990 में महामारी ने ले ली कई जानवरों की जान
माना जाता है कि तस्मानियन डेविल को यह नाम उसके बड़े और नुकीले दातों, तेज पंजों हमला करने और काटने की खतरनाक क्षमता की वजह से दिया गया है। साल 1990 में इन जानवरों में चेहरे के ट्यमूर की महामारी काफी तेजी से फैली थी जिसने हजारों जानवरों को मौत के घाट उतार दिया। 2008 के यूएन रेड लिस्ट इस जानवर को बेहद संरक्षित श्रेणी में रखा गया था। इसके बाद जंगल में जीवीत बचे गिनती के डेविल को इलाज के लिए चिड़ियाघर के पशु चिकित्सालयों में लाया गया।
जंगल में आजादी से घूम सकेंगे डेविल्स
विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके जानवरों के सरंक्षण के लिए काम करने वाली संस्था ऑसी आर्क ने डेविल्स को बचाने के लिए बहुत बड़े स्तर पर काम किया। ग्रुप के प्रमुख टिम फॉल्कनर ने बताया कि 3000 सालों में पहली बार तस्मानियन डेविल को ऑस्ट्रेलिया के मुख्य जंगलों आजादी से घूमने के लिए छोड़ा गया है। यह जानवर विलुप्त हो चुका था जिसे बचाने की कोशिशें अब रंग ला रही हैं।
'थॉर' ने भी दिया योगदान
तस्मानियन डेविल के बचाने के लिए हॉलीवुड एक्टर और थॉर फेम क्रिस हेम्सवर्थ ने भी योगदान दिया है। इस काम में हेम्सवर्थ की पत्नी भी उनका साथ दे रही हैं। टिम फॉल्कनर ने बताया कि ब्रीडिंग के बाद अगले साल तक 20 डेविल को जंगलों में आजाद छोड़ दिया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में जीवों को फिर से नया जीवन देने के लिए एक्टर क्रिस हेम्सवर्थ और उनकी पत्नी भी सहयोग कर रही हैं।
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