भारत और चीनी विदेश मंत्री के बीच 75 मिनट तक बातचीत, लद्दाख में डिसइंगेजमेंट और मॉस्को एग्रीमेंट पर चर्चा
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से LAC पर तनाव कम करने को लेकर 75 मिनट तक बातचीत की है।
नई दिल्ली/बीजिंग: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से LAC पर तनाव कम करने को लेकर बातचीत की है। दोनों नेताओं के बीच पूर्वी लद्दाख में डिसइंगेजमेंट और मास्को समझौता को लेकर बातचीत की गई। दोनों नेताओं के बीच 75 मिनट तक चली इस बातचीत में एलएसी पर तनाव घटाने और भारत चीन संबंधों को लेकर बातचीत की गई।
लद्दाख में डिसइंगेजमेंट पर चर्चा
भारत और चीन के बीच पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से पूर्व लद्दाख को लेकर तनावपूर्ण माहौल कायम था। पिछले साल दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झपड़ में दोनों तरफ के कई जवान मारे गये थे और फिर दोनों देशों के बीच सरहद पर शांति के किए करीब 13 दौर की बातचीत के बाद डिसइंगेडमेंट पर सहमति बनी है और अब हालात में सुधार आने शुरू हो गये हैं। दोनों देश की सेना ने कई दौर की बातचीत के बाद पैंगोंग सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से डिसइंगेजमेंट पर सहमति जताई है। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के बाद सेनाएं पीछे हट रहीं हैं वहीं एक वीडियो में चीनी सैनिकों को कैंप और निर्माण को तोड़ते हुए देखा गया था।
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से 75 मिनट चली बातचीत के ट्वीट करते हुए कहा कि 'आज दोपहर को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत हुई है, जिसमें मास्को समझौते के क्रियान्वयन पर चर्चा की गई वहीं हमने डिसइंगेजमेंट को लेकर चर्चा और समीक्षा की है'। इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सितंबर 2020 में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से रूस की राजधानी मॉस्को में मुलाकात के दौरान भारत की चिंता को रखा था। भारत ने LAC पर चीनी सैनिकों के उकसाने वाले रवैये और एकतरफा कार्रवाई को लेकर वांग यी के सामने तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत और चीन के बीच का संबंध पिछले एक साल में काफी खराब हुआ है। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा है कि सीमा विवाद का समाधान होने में वक्त लग सकता है लेकिन शांति को डिस्टर्ब करने की कोशिश और हिंसा के द्वारा शांति खत्म करने की कोशिश से दोनों देशों के संबंध और भी ज्यादा खराब होंगे। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा है कि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण हालातों के बीच लगातार डिप्लोमेटिक स्तर और सैन्य स्तर पर बातचीत की गई है और उसी का नतीजा है दोनों देश LAC पर डिसइंगजमेंट की तरफ कामयाबी के साथ आगे बढ़े हैं और पैंगोंग सो में आर्मी पीछे हटी है।
भारत ने नहीं छोड़ा दावा
भारत सरकार की तरफ से डिसइंगेटमेंट को लेकर कहा गया है कि भारत की तरफ से किसी भी हिस्से पर दावा छोड़ा नहीं गया है। भारत सरकार ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि भारतीय सेना सिर्फ शांतिपूर्ण वातावरण में चीन से बातचीत के लिए ही तात्कालिग डिसइंगेजमेंट पर राजी हुई है ना कि भारत की तरफ से पूर्वी लद्दाख के किसी भी हिस्से पर दावा छोड़ा गया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि 'भारत ने यथास्थिति में एकतरफा बदलाव को रोक दिया है। म्यूच्वल रि-डिप्लॉयमेंट की गलत व्याख्या नहीं होनी चाहिए। वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि LAC पर हमारी स्थिति के संबंध में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है'। वहीं, पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो में शांतिपूर्ण डिसइंगेजमेंट होने के बाद अब दोनों देश की सेना के बीच दूसरे इलाकों में भी शांति बहाल करने पर बातचीत चल रही है। पिछले दिनों दोनों देश के सैन्य उच्चाधिकारियों ने करीब 16 घंटे तक बातचीत की थी जिसमें दोनों देशों के बीच गोगरा हाइट्स, हॉट स्प्रिंग और डेपसांग प्लेन्स में डिसइंगजमेंट पर चर्चा की गई है।
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