तालिबान ने ठुकराई अफ़ग़ान सरकार की अपील, नहीं बढ़ेगा संघर्षविराम
अफ़ग़ान तालिबान ने ईद के लिए घोषित किए गए तीन दिन के संघर्षविराम को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है. राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने तालिबान से संघर्षविराम की मियाद बढ़ाने की अपील की थी.
तालिबान के प्रवक्ता ज़बिहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, "संघर्षविराम रविवार रात को ख़त्म हो जाएगा और सुरक्षाबलों के ख़िलाफ़ ऑपरेशन शुरू हो जाएंगे."
अफ़ग़ान तालिबान ने ईद के लिए घोषित किए गए तीन दिन के संघर्षविराम को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है. राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने तालिबान से संघर्षविराम की मियाद बढ़ाने की अपील की थी.
तालिबान के प्रवक्ता ज़बिहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, "संघर्षविराम रविवार रात को ख़त्म हो जाएगा और सुरक्षाबलों के ख़िलाफ़ ऑपरेशन शुरू हो जाएंगे."
तालिबान की ओर से कहा गया है कि संघर्षविराम बढ़ाने की उनकी कोई मंशा नहीं है और उम्मीद है कि लड़ाके सूरज ढलते तक सरकार के नियंत्रण वाला क्षेत्र छोड़ देंगे. उन्होंने सरकारी की अपील का ज़िक्र नहीं किया है.
सरकार और तालिबान चरमपंथियों ने ईद पर तीन दिन का संघर्षविराम घोषित किया गया था जो 20 जून तक ख़त्म होने वाला था.
सरकार की अपील
इसे सकारात्मक संकेत मानते हुए अफ़ग़ान सरकार ने संघर्षविराम की समयसीमा को और दस दिन तक बढ़ा दिया था और तालिबान से भी ऐसा करने की अपील की थी. लेकिन इस अपील का तालिबान ने कोई उत्तर नहीं दिया.
सोमवार को अफ़ग़ानिस्तान से मिल रही ख़बरों के अनुसार संघर्षविराम के ख़त्म होने के बाद हेलमंड और कांधार प्रांतों में तालिबान ने अफ़ग़ानी सुरक्षाबलों पर हमले करने फिर से शुरु कर दिए हैं. सुरक्षाबलों को इस बात की इजाज़त दे दी गई है कि वो अपनी रक्षा के लिए पूरी कोशिश कर सकते हैं.
साल 2001 में अमरीकी नेतृत्व में हुए हमले में तालिबानी सत्ता गिरने के बाद यह पहला संघर्षविराम था. राष्ट्रपति ग़नी चाहते थे कि ईद के दौरान हुए संघर्षविराम को स्थायी शांति की तरफ ले जाया जाए.
वह फरवरी में बिना शर्त शांतिवार्ता करने के लिए तैयार हो गए थे और कहा था कि अगर तालिबान क़ानून का सम्मान करता है तो उसे एक वैध राजनीतिक समूह का दर्जा दिया जाएगा.
ईद पर मिले थे चरमपंथी और सुरक्षाबल
इससे पहले तालिबान चरमपंथियों और अफ़ग़ान सुरक्षा बलों ने मिलकर ईद मनाई थी. उनकी एक-दूसरे को बधाइयां देते और गले मिलते हुईं कई तस्वीरें भी सामने आई थीं.
कई इलाकों में ये नज़ारा देखकर जहां लोग हैरान थे वहीं उन्होंने खुशी भी जाहिर की.
कुंदुज़ में रहने वाले मोहम्मद आमिर ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "मुझे मेरी आंखों पर यकीन नहीं हुआ. मैंने देखा कि तालिबान और पुलिस वाले एक साथ खड़े हैं और सेल्फी ले रहे हैं."
दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान के ज़ाबुल में पढ़ाई कर रहे क़ैस लिवाल ने कहा, "यह अब तक की सबसे ज्यादा शांतिपूर्ण ईद थी. पहली बार हमने सुरक्षित महसूस किया. इस खुशी को बता पाना भी मुश्किल है."
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इस दौरान जलालाबाद में हुए एक आत्मघाती हमले में 18 लोगों की मौत हो गई. यह विस्फोट नंगरहार प्रांत के गवर्नर के ऑफिस के बाहर हुआ, जहां सरकारी अधिकारी तालिबानी चरमपंथियों से मुलाक़ात कर रहे थे.
वहीं, शनिवार को भी नंगरहार में एक आत्मघाती हमला हुआ था जिसमें 36 लोग मारे गए थे.
ये हमला भी चरमपंथियों और स्थानीय अधिकारियों की मुलाक़ात के दौरान हुआ था. इसकी जिम्मेदारी चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली थी.