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पहली बार तालिबानी जज का इंटरव्यू, जानिए कैसा होगा अफगानिस्तान का नया शरिया कानून ?

पहली बार तालिबान के जज ने इंटव्यू के दौरान खुलासा किया है कि अफगानिस्तान में कैसे शरिया कानून लागू होगा और वो शरिया कानून के तहत कैसे सजा सुनाते हैं।

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काबुल, जुलाई 13: तालिबानी शासन में लोगों का जीवन कैसे होगा, उन्हें किन नियमों का पालन करना होगा, नियमों का उल्लंघन करने पर उन्हें कौन सी सजा मिलेगी, इसकी एक झलक तालिबान के एक जज ने कर दी है। 38 साल के तालिबानी जज गुल रहीम ने मध्य अफगानिस्तान में अपने तालिबान-नियंत्रित जिलों में बना गये नये नियमों के बारे में बताया है। जिसमें कहा गया है कि चोरों का हाथ और पैर काट दिया जाएगा, महिलाओं के घर से अकेले बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है, समलैंगिता अपराधा है और पकड़े जाने पर पुरूषों को ऊंची दीवार से नीचे गिराकर मारा जाएगा। इसके अलावा भी तालिबान की तरफ से लोगों के निए कई बेरहम नियम बनाए गये हैं, आईये उन नियमों के बारे में जानते हैं।

तालिबान के खौफनाक नियम

तालिबान के खौफनाक नियम

तालिबान के 38 साल के जज गुल रहीम ने कहा कि उनका उद्येश्य पूरे अफगानिस्तान के अंदर शरिया कानून लागू करना है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना के देश से निकलने के बाद हमारा पहला लक्ष्य पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा करना है और फिर पूरे देश में सख्त शरिया कानून लागू करना है। उन्होंने कहा कि शरिया कानून लागू करने का लक्ष्य हमारा हमेशा से था और रहेगा। तालिबान का दावा किया है कि उन्होंने पहले ही अफगानिस्तान के 80 प्रतिशत से ज्यादा हिस्से पर कब्जा कर लिया हैॉ, क्योंकि नाटो ने देश से अपनी सेना वापस बुला ली है। वहीं, अफगान सेना तालिबानों को रोकने की कोशिश में है तो आम लोग शरिया कानून के बारे में सोचकर ही खौफ में हैं।

जर्मन न्यूजपेपर को दिया इंटरव्यू

जर्मन न्यूजपेपर को दिया इंटरव्यू

तालिबान के 38 साल के इस्लामिक जज गुल रहीम ने जर्मनी के एक न्यूजपेपर को दिए इंटरव्यू में अफगानिस्तान में शरिया कानून सख्ती से लागू करने की बात की है। तालिबानी जज ने मध्य अफगानिस्तान में दिए इंटरव्यू के दौरान कहा कि ''अभी कुछ दिन पहले एक शख्स एक घर में चोरी करते हुए पाया गया था और हमने शरिया कानून के तहत उसके हाथ काटने के आदेश दिए और अब उसके हाथ काट दिए गये हैं''। तालिबानी जज ने कहा कि ''फैसला सुनाते वक्त मैंने अंगूठी के मालिक से पूछा कि क्या वह चाहता है कि चोर का पैर काट दिया जाए क्योंकि उसने न केवल अंगूठी चुराई बल्कि तोड़ा भी है, जिसका मतलब है कि उसने दो अपराध किए हैं। लेकिन, घर के मालिक ने चोर का पैर काटने से मना कर दिया, जिसके बाद सिर्फ उसके हाथ काटे गये"।

किडनैपिंग में सजा-ए-मौत

किडनैपिंग में सजा-ए-मौत

वहीं, अपने एक और फैसले का जिक्र करते हुए तालिबानी जज गुल रमीम ने कहा कि ''कुछ दिन पहले एक गैंग पकड़ा गया था, जिसका काम अपहरण और तस्करी करना था, मैंने उन सभी लोगों को फांसी पर लटकाने का हुक्म दिया और सभी लोगों को फांसी दे दी गई।'' तालिबानी जज ने कहा कि ''यह तय करता है कि किस शख्स ने क्या अपराध किया है, उसके आधार पर हम फैसला सुनाते हैं''। तालिबानी जज ने कहा कि ''हम गुनाह के आधार पर सजा देते हैं और शुरूआत उंगलियों से करते हैं। सबसे पहले ऊंगलियों को काटा जाता है और अगर गुनाह ज्यादा बड़ा है तो फिर हाथ और उसके बाद पैरों को काटने का हुक्म दिया जाता है।''

गुनाह के आधार पर सजा

गुनाह के आधार पर सजा

इसके साथ ही तालिबानी जज ने कहा कि ''कई मामलों में हम पत्थर मारकर जान लेने का हुक्म देते हैं और कुछ मामलों में हम घुटनों को काटने की सजा देते हैं। यह सब उस शख्स के द्वारा किए गये अपराध पर निर्भर करता है''। यह पूछे जाने पर कि एक गे आदमी को तालिबान कौन सी सजा देगा, जवाब में तालिबानी जज ने कहा कि ''गे लोगों के लिए हमारे पास दो ऑप्शन हैं, पहला कि या तो उसे पत्थरों से मारते हुए मार दिया जाए या फिर दूसरा ऑप्शन ये है कि उसके ऊपर दीवार गिरा दिया जाए, जिससे उसकी मौत हो जाए''।

महिलाओं के लिए परमिट

महिलाओं के लिए परमिट

तालिबान के जज ने इंटरव्यू के दौरान कहा है कि ''मैंने महिलाओं के अकेले घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी है, अब महिलाएं अकेले घर से बाहर नहीं निकल सकती हैं और उनके साथ उनका शौहर, पिता या भाई ही होना चाहिए।'' यह पूछे जाने पर कि क्या महिलाओं पर थोड़ा नरमी नहीं बरती जाना चाहिए? तालिबानी जज ने कहा कि ''हां, हमने नरमी की भी व्यवस्था की है। महिलाओं को अगर अकेले घर से बाहर जाना है, तो उन्हें पहले परमिट लेना होगा''। तालिबानी जज ने कहा कि ''मैंने लड़कियों को स्कूल जाने में बड़ी रियायत दी है, अब लड़कियां स्कूल जा सकती हैं, लेकिन तभी जब स्कूल की सभी टीचर महिला हों और स्कूल के अंदर सभी के लिए हिजाब पहनना जरूरी होगा''। तालिबान के जज ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि ''पूरे अफगानिस्तान में शरिया कानून लागू करना हमारा लक्ष्य है और हम उसे लागू करके रहेंगे''।

तालिबान ने 85 प्रतिशत अफगानिस्तान जीतने का किया बड़ा दावा, विदेश नीति का भी किया ऐलानतालिबान ने 85 प्रतिशत अफगानिस्तान जीतने का किया बड़ा दावा, विदेश नीति का भी किया ऐलान

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English summary
For the first time, a Taliban judge has revealed during the interview how Sharia law will apply in Afghanistan and how they execute punishment under Sharia law.
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