काबुल के गुरुद्वारे में हथियार लेकर जबरन घुसा तालिबान, पवित्रता भंग की-Indian World Forum
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर: तालिबान को लेकर दुनिया के कई देश अभी भी गफलत में जी रहे हैं, लेकिन यह आतंकी संगठन अपनी हरकतों को अंजाम देने में बेखौफ होकर जुटा हुआ है। इंडियन वर्ल्ड फोरम ने दावा किया है कि आज इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान के लोग काबुल के करते परवान स्थित पवित्र दशमेश पिता गुरुद्वारे में भारी हथियारों के साथ जबरन घुस आए और इस पवित्र स्थल की पवित्रता भंग की और समुदाय के लोगों को धमकाया भी। अब इंडियन वर्ल्ड फोरम ने भारत सरकार से गुहार लगाई है कि वह अफगानिस्तान में बच गए हिंदू और सिखों की चिंताओं से विश्व समुदाय को अवगत कराए।

गुरुद्वारा दशमेश पिता में जबरन घुसे तालिबान के आतंकी-इंडियन वर्ल्ड फोरम
इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंधोक ने दावा किया है कि 'आज भारी मात्रा में हथियार लेकर इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान के स्पेशल यूनिट का दावा करने वाले अधिकारी काबुल के करते परवान स्थित गुरुद्वारा दशमेश पिता में जबरन घुस आए। उन्होंने गुरुद्वार में मौजूद सिख समुदाय को धमकाया और पवित्र स्थल की पवित्रता भंग की।' उन्होंने कहा है कि उन लोगों ने न सिर्फ गुरुद्वारा में जबर्दस्ती प्रवेश किया है, बल्कि इससे सटे सामुदायिक स्कूल परिसर में भी छापेमारी कर रहे हैं।
सिक्योरिटी गार्ड के साथ मारपीट की गई
चंधोक ने कहा है कि 'गुरुद्वारा के प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड ने पहले उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई और उनके साथ मारपीट भी की।' इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष के मुताबिक साथ ही साथ वे पूर्व सांसद नरिंदर सिंह खालसा के आवास और कार्यालय में भी छापेमारी कर रहे थे, जो कि गुरुदारा के पास ही मौजूद है। पुनीत सिंह ने कहा है कि 'गुरुद्वारा की भीतर समुदाय के करीब 20 लोग मौजूद थे।' चंधोक के मुताबिक आज दिन में करीब 2 बजे उन्हें काबुल में रह रहे सिखों की ओर से घबराहट भरे कॉल आए हैं, जिसमें उन्होंने तालिबान के इस तरह से गुरुद्वारा में घुसने की बात कही है।
'हिंदू और सिख समुदायों की चिंताओं पर ध्यान दे सरकार'
इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंधोक ने भारत सरकार से इस मसले पर फौरन ध्यान देने की गुजारिश की है। उन्होंने कहा है कि, 'मैं भारत सरकार से अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख समुदायों की चिंताओं को उनके समकक्षों के साथ उच्चतम स्तर पर तुरंत उठाने का निवेदन करता हूं। अफगानिस्तान में मौजूदा शासन को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत वहां रहने वाले अल्पसंख्यकों की भलाई सुनिश्चित करना चाहिए।' गौरतलब है कि एक हफ्ते पहले ही तालिबान के संदिग्ध आतंकी कबुल के मुख्य गुरुद्वारा में घुस गए थे।
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एक भारतीय कारोबारी को किया था अगवा
उन्होंने बताया कि सितंबर में बंसारी लाल अरेंदह नाम के एक कारोबारी को बंदूक की नोक पर 14 सितंबर को काबुल में अगवा कर लिया गया था। किसी तरह 29 सितंबर को उनकी रिहाई हुई। अब वे अपने बड़े भाई अशोक लाल के साथ लौट आए हैं, जिनका परिवार फरीदाबाद में रहता है। वह काबुल में पिछले दो दशकों से कारोबार में जुटे हुए हैं। बता दें कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर इस साल 15 अगस्त को तालिबान के आतंकियों का कब्जा हो गया था। अभी तक तालिबान सरकार को मान्यता देने को लेकर विश्व समुदाय में हिचकिचाहट है। भारत लगातार इस बात पर चिंता जता रहा है कि तालिबान के रहते पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों को वहां फलने-फूलने में मदद मिल सकती है। (तस्वीर- सांकेतिक)