ताइवान ने चीन के One China सिद्धांत को मानने से किया इनकार
ताइपे। ताइवान और चीन के बीच आने वाले दिनों में विवाद और गहरा सकता है। ताइवान के गृह मंत्री ने चीन के 'वन चाइना' सिद्धांत को मानने से साफ इनकार कर दिया है। गृह मंत्री सू कयूओ यंग ने रविवार को कहा कि वन चाइना प्रिंसिपल जैसी कोई चीज जो ताइवान को चीन का हिस्सा बताए, अस्तित्व में ही नहीं है। गृह मंत्री यंग का यह बयान तब आया जब हांगकांग में अधिकारियों को ताइवान लौटने का आदेश चीन की तरफ से जारी किया गया।
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हांगकांग से वापस लौटे ताइवानी अधिकारी
मेनलैंड अफेयर्स काउंसिल (मैक) के अधिकारियों को जबरन हांगकांग से ताइवान वापस लौटना पड़ा है। इन अधिकारियों ने उस डॉक्यूमेंट को साइन करने से इनकार कर दिया था जिसके तहत उन्हें चीन के 'वन चाइना' सिद्धांत को स्वीकार करना था। मैक के अधिकारियों को इसके बाद हांगकांग की सरकार की तरफ से बताया गया कि उनके वीजा को बढ़ाया नहीं जाएगा क्योंकि उन्होंने डॉक्यूमेंट साइन करने से इनकार कर दिया है। सिंगापुर स्थित न्यूज चैनल सीएनए की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है। मैक के कार्यकारी निदेशक काओ-मिंग सुन पहले ही ताइवान लौट आए हैं। वह हांगकांग स्थित मैक ऑफिस का जिम्मा संभाल रहे थे।
एक आजाद देश है ताइवान
सुन ने कहा है कि ताइवान एक संप्रभु और आजाद देश है और चीन का हिस्सा नहीं है। सरकार कभी भी संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने दोहराया, 'हम ताइवान से हैं रिपब्किल ऑफ चाइना और हमारा पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना से कोई लेना-देना नहीं है।' दूसरी ओर अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के सदस्य टेड योहो अब एक ऐसा बिल लाने की तैयारी कर रहे हैं जिसके बाद अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो फिर अमेरिका, सैन्य क्षमता के साथ चीन को जवाब देगा। योहो ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में यह बात कही है। योहो रिपब्लिक पार्टी के नेता हैं और एशियाई मामलों वाली उप-समिति के सदस्य भी हैं।